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मिलिए इस अनवर से, महज 10 साल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करेगा भारत का प्रतिनिधित्व

अनवर रोहतास के तिलौथू इलाके के रहने वाले हैं. लेकिन, बीते चार साल से वह मुंबई में हैं.  इनदिनों वह मुंबई में चल रही तलवारबाजी प्रतियोगिता में परचम लहरा रहे हैं. दरअसल, वह सितंबर महीने में होने वाली नेशनल फेसिंग कंपटीशन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं.

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Published : Aug 15, 2019, 8:10 PM IST

रोहतास: कहते हैं कि 'पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं'...यह पंक्तियां रोहतास के अनवर के लिए बिल्कुल सटीक बैठती हैं. 10 वर्षीय अनवर आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. अनवर एक तलवारबाज हैं. इतनी कम उम्र में ही उन्होंने तलवारबाजी के इतने जौहर सीख लिए कि अब थाइलैंड जाने वाले हैं.

अनवर रोहतास के तिलौथू इलाके के रहने वाले हैं. लेकिन, बीते चार साल से वह मुबंई में हैं. इनदिनों वह मुंबई में चल रही तलवारबाजी प्रतियोगिता में परचम लहरा रहे हैं. दरअसल, वह सितंबर महीने में होने वाली नेशनल फेसिंग कंपटीशन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं. सैयद सबाद हुसैन के 10 वर्षीय पुत्र अनवर फिलहाल मुंबई में चौथी कक्षा का छात्र है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

स्वर्ण हासिल कर बनाया मुकाम
अनवर ने बहुत ही छोटी उम्र में ही तलवारबाजी में महारत हासिल कर ली है. पिछले साल उन्हें सिल्वर पदक भी मिला था. लेकिन, इस बार अनवर ने नासिक में हुए राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता अंडर 10 आयु वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में स्थान बना लिया है.

Rohtas
अनवर के पिता से मिलने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

बचपन से थी दिलचस्पी
इतनी कम उम्र में इस मुकाम को हासिल करने में अनवर के माता-पिता और कोच का बहुत बड़ा हाथ है. अनवर के पिता कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही खेलकूद में खासी दिलचस्पी थी. जिस कारण परिवार वालों ने उन्हें आगे बढ़ाने का सोचा. अनवर को इस सफलता पर पूरा गांव खुश है.

Rohtas
मां के साथ अनवर

बेटे के भविष्य के लिए मां ने छोड़ा घर
अनवर अपनी मां शाजी खातून के साथ मुंबई में है. बता दें कि मां अपने बेटे के भविष्य के लिए परिवार वालों से दूर मुंबई में रह रही है. अनवर का बाकी परिवार और उसके पिता रोहतास में हैं. नन्हें उस्ताद के इस जौहर से पूरा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है. लोगों को पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में अनवर अंतर्राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता में भी गोल्ड हासिल करेंगे.

Rohtas
जीता गोल्ड मेडल

रोहतास: कहते हैं कि 'पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं'...यह पंक्तियां रोहतास के अनवर के लिए बिल्कुल सटीक बैठती हैं. 10 वर्षीय अनवर आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. अनवर एक तलवारबाज हैं. इतनी कम उम्र में ही उन्होंने तलवारबाजी के इतने जौहर सीख लिए कि अब थाइलैंड जाने वाले हैं.

अनवर रोहतास के तिलौथू इलाके के रहने वाले हैं. लेकिन, बीते चार साल से वह मुबंई में हैं. इनदिनों वह मुंबई में चल रही तलवारबाजी प्रतियोगिता में परचम लहरा रहे हैं. दरअसल, वह सितंबर महीने में होने वाली नेशनल फेसिंग कंपटीशन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं. सैयद सबाद हुसैन के 10 वर्षीय पुत्र अनवर फिलहाल मुंबई में चौथी कक्षा का छात्र है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

स्वर्ण हासिल कर बनाया मुकाम
अनवर ने बहुत ही छोटी उम्र में ही तलवारबाजी में महारत हासिल कर ली है. पिछले साल उन्हें सिल्वर पदक भी मिला था. लेकिन, इस बार अनवर ने नासिक में हुए राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता अंडर 10 आयु वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में स्थान बना लिया है.

Rohtas
अनवर के पिता से मिलने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

बचपन से थी दिलचस्पी
इतनी कम उम्र में इस मुकाम को हासिल करने में अनवर के माता-पिता और कोच का बहुत बड़ा हाथ है. अनवर के पिता कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही खेलकूद में खासी दिलचस्पी थी. जिस कारण परिवार वालों ने उन्हें आगे बढ़ाने का सोचा. अनवर को इस सफलता पर पूरा गांव खुश है.

Rohtas
मां के साथ अनवर

बेटे के भविष्य के लिए मां ने छोड़ा घर
अनवर अपनी मां शाजी खातून के साथ मुंबई में है. बता दें कि मां अपने बेटे के भविष्य के लिए परिवार वालों से दूर मुंबई में रह रही है. अनवर का बाकी परिवार और उसके पिता रोहतास में हैं. नन्हें उस्ताद के इस जौहर से पूरा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है. लोगों को पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में अनवर अंतर्राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता में भी गोल्ड हासिल करेंगे.

Rohtas
जीता गोल्ड मेडल
Intro:desk bihar
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बिहार के रोहतास का लाल इन दिनों मुंबई में तलवारबाजी प्रतियोगिता में जीत का परचम लहरा रहा है वहीं अब नेशनल फेसिंग कंपटीशन में भाग लेने थाईलैंड जाने की तैयारी में है इसे लेकर इलाके के लोगों में खुशी है और आज भी जगी है कि रोहतास का यह लाल देश का प्रतिनिधित्व कर कामयाबी का परचम लहराकर अपने स्वदेश लौटे


Body:दरअसल जिले के तिलौथू इलाके के सरैया गांव के रहने वाले सैयद सबाद हुसैन का 10 वर्षीय बेटा अनवार मुंबई में चौथी कक्षा का छात्र हैं छोटी उम्र में ही उन्होंने तलवारबाजी में महारत हासिल की है पिछले साल इसे सिल्वर पदक भी मिला था लेकिन इस बार नासिक में हुए राष्ट्रीय तलवार बाजी प्रतियोगिता अंडर 10 आयु वर्ग में अनुवाद में स्वर्ण पदक हासिल कर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में स्थान बना लिया है

अनवार की सफलता के पीछे उनके माता-पिता को तथा स्कूल का भी योगदान है अनवार के पिता कहते हैं कि बचपन में इनकी लगन देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले समय में और अच्छा करेंगे रोहतास जिले के तिलौथू के रहने वाले अनवर को इस सफलता पर पूरा गांव हर्षित है

वही अनवार की सफलता में माँ शाजी खातून का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा है शाजी खातून पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में टोपर रह चुकी हैं और वह बेटे की लगन देखकर खुश हैं वह कहती हैं किसे उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे बिहार और जिले के लिए खुशी की बात है कि उनका बेटा भारत देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है


Conclusion:रोहतास के सुदूरवर्ती इलाके तिलौथू के रहने वाले अनवर फिलहाल मुंबई में रहते हैं लेकिन गांव में आना जाना लगा रहता है तलवारबाजी में इस नन्हे उस्ताद में जो कर दिखाया है उसी से पूरा इलाका गौरवान्वित महसूस कर रहा है लोगों को उम्मीद है कि अगले महीने सितंबर को थाईलैंड में होने वाले अंतरराष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता फिर से गोल्ड आएगा

बाईट - सयैद सब्बार हूसैन पिता
बाईट - शाजी खातून माँ
बाईट - स्थानीय
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