रोहतास: जिला मुख्यालय सासाराम में वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर बिहार चिकित्सा कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंगलवार से 102 एंबुलेंस कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, बता दें, एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवा पूरी तरीके से चरमरा गई है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से मरीजो को हो रही परेशानी
बता दें कि रोहतास जिले में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से मरीज अब सदर अस्पताल में पहुंच रहे हैं, जिसते चलते मरीजों के परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को जिले से बाहर ले जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में मरीजों के परिजन दुगना दाम देकर निजी एंबुलेंस को किराए पर लेना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं एसीएमओ
जिला सहायक चिकित्सा पदाधिकारी जीटीसी कुमार ने बताया कि एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए उचित व्यवस्था की गई है, उन्होंने बताया कि इमरजेंसी सेवाओं को देखते हुए निजी ड्राइवरों की व्यवस्था की गई है औऱ किसी इमरजेंसी के दौरान यदि ड्राइवर एंबुलेंस की चाबी नहीं देते है, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, एंबुलेंस की खस्ताहाल को लेकर उन्होंने बताया कि अभी किसी भी एंबुलेंस कर्मियों द्वारा लिखित आवेदन नहीं दिया गया है.
एंबुलेंस कर्मियों की मांग
एंबुलेंस कर्मी अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. एंबुलेंस कर्मियों के द्वारा बताया गया कि ठेकेदारी पर एंबुलेंस को दे दिया गया है, जिससे न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाती है. वहीं, एंबुलेंस का रख-रखाव भी नहीं हो पाता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि रखरखाव के नाम पर काफी पैसा आता है, लेकिन उसके बावजूद भी एंबुलेंस की स्थिति बेहद खराब है.
बहरहाल जो भी हो अब देखना यह है कि एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल से जिला स्वास्थ्य विभाग इमरजेंसी सेवा को कैसे सुचारू रूप से कायम रख पाती है, ऐसे में मरीजों को बेहतर एंबुलेंस की बेहतर सुविधा देना अस्पताल प्रशासन की प्राथमिकता होगी.