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कब बनेगा पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ? RTI से हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

सीमांचल के लोगों को हवाई सेवा के लिए कम से कम तीन साल का इंतजार करना होगा. साल 2024 से पहले पूर्णिया में हवाई यात्रा संभव नहीं है. हालांकि भूमि अधिग्रहण आगे और अड़चन बनी तो फिर इसके निर्माण में और भी लंबा वक्त लग सकता है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से दिए गए आरटीआई के जवाब से इसका खुलासा हुआ है.

पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
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Published : Dec 27, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Dec 27, 2020, 11:03 PM IST

पूर्णिया: जिले में हवाई सेवा शुरू करने को लेकर मारे गए आरटीआई के जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कहा कि पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू होने में तीन साल से अधिक का समय लग सकता है. वहीं, सागर प्रियदर्शिनी नाम के एक युवक की ओर से आरटीआई की जानकारी के जवाब में इस बात का भी खुलासा हुआ है.

एयरपोर्ट निर्माण में लगेगा लंबा समय
एयरपोर्ट निर्माण में लगेगा लंबा समय

कब होगा एयरपोर्ट का सपना साकार ?
9 हजार फीट के रनवे को 12 हजार फीट किया जाएगा. लिहाजा रनवे निर्माण में और भी लंबा वक्त लग सकता है.आरटीआई के इस खुलासे के बाद सीमांचल के राजनीतिक नेतृत्व शक्ति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. वहीं, इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण में बढ़ती चली जा रही लेटलतीफी से लोग खासे नाराज हैं.

2024 तक हवाई यात्रा संभव नहीं
इकबाल फाउंडेशन के फाउंडर और सोशल एक्टिविस्ट नियाज अहमद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बीते दिनों प्रत्यूष कश्यप ने आरटीआई दाखिल कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से हवाई अड्डा निर्माण की स्थिति को लेकर सवाल पूछा था. आरटीआई के जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इंजीनियरिंग सेक्शन के जनरल मैनेजर हरगोविंद मीणा ने बताया है कि नागरिक सेवा शुरू होने के लिए राज्य सरकार से 50 एकड़ जमीन की मांग की गई है. पूर्णिया में हवाई परिचालन में कम से कम तीन साल का समय लग जाएगा.

भूमि अधिग्रहण आगे भी बनेगी अड़चन
भूमि अधिग्रहण आगे भी बनेगी अड़चन

राजनीतिक नेतृत्व शक्ति पर उठने लगे सवाल
हवाई अड्डा निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे नियाज अहमद ने कहा कि चुनावों से पहले और चुनाव के वक्त नेताओं की ओर से 2021 तक एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाने से जुड़े सियासी शगूफे छोड़े जाते रहे हैं. मगर अब इन आरटीआई से जो खुलासे हुए हैं, इससे साफ है कि सीमांचल और कोसी के 7 जिलों के करोड़ों की आबादी के साथ महज वोट बैंक की राजनीति और ठगी हुई है.

2015 में ही आ गए थे निर्माण के 270 करोड़
स्थानीय पत्रकार सैय्यद तहसीन अली ने बताया कि केंद्र सरकार ने चूनापुर सैन्य एयरपोर्ट पर सिविल टर्मिनल निर्माण के लिए पूर्णिया एयरपोर्ट के खाते में 250 करोड़ रुपए का फंड डाले थे. साथ ही 52 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए भी 20 करोड़ की मोटी राशि अलग से दी गई थी. बावजूद इसके पांच साल बीतने को है और अब तक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पेंच फंसे हुए हैं.

हवाई यात्रा के लिए तीन साल का इंतजार
हवाई यात्रा के लिए तीन साल का इंतजार

'सरकार ने 2015 में चुनापुर सैन्य हवाई अड्डा से सिविल हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी. केंद्र और बिहार सरकार ने 2016 में इसका अप्रूवल दे दिया था. बावजूद इसके इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने में अब भी लंबा समय लगेगा'- सैय्यद तहसीन अली, पत्रकार

कब पूरे होंगे एयरपोर्ट के सुनहरे सपने ?
ईटीवी भारत से बातचीत में सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम सरबर ने बताया कि राजधानी से पूर्णिया की दूरी 400 किलोमीटर के आसपास है. लिहाजा पूर्णिया से देश के दूसरे हिस्से में जाने के लिए पहले 400 किलोमीटर की दूरी तय कर पटना जाना होता है. इसके बाद ही दूसरे प्रदेशों में जाना संभव है. वहीं, बागडोगरा एयरपोर्ट है तो वह बंगाल जाती है. इसके बाद ही पटना या दूसरे प्रदेशों में जाना संभव है.

'पूर्णिया से पटना जाकर हवाई यात्रा करने पर टाइम भी अधिक खराब होता है और ट्रैवेल कॉस्ट भी दोगुना बढ़ जाता है. ऊपर से फ्लाइट से पहले वहां ठहरने के लिए होटल समेत दूसरे खर्च अलग होते है. लिहाजा जिले के लोगों को ही नहीं बल्कि सीमांचल और कोसी के सभी 7 जिलों के करोड़ों की आबादी को इसके निर्माण कार्य के पूरे होने का इंतजार है'- गुलाम सरबर, सोशल एक्टिविस्ट

कब बनेगा पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ?

पूर्णिया: जिले में हवाई सेवा शुरू करने को लेकर मारे गए आरटीआई के जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कहा कि पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू होने में तीन साल से अधिक का समय लग सकता है. वहीं, सागर प्रियदर्शिनी नाम के एक युवक की ओर से आरटीआई की जानकारी के जवाब में इस बात का भी खुलासा हुआ है.

एयरपोर्ट निर्माण में लगेगा लंबा समय
एयरपोर्ट निर्माण में लगेगा लंबा समय

कब होगा एयरपोर्ट का सपना साकार ?
9 हजार फीट के रनवे को 12 हजार फीट किया जाएगा. लिहाजा रनवे निर्माण में और भी लंबा वक्त लग सकता है.आरटीआई के इस खुलासे के बाद सीमांचल के राजनीतिक नेतृत्व शक्ति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. वहीं, इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण में बढ़ती चली जा रही लेटलतीफी से लोग खासे नाराज हैं.

2024 तक हवाई यात्रा संभव नहीं
इकबाल फाउंडेशन के फाउंडर और सोशल एक्टिविस्ट नियाज अहमद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बीते दिनों प्रत्यूष कश्यप ने आरटीआई दाखिल कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से हवाई अड्डा निर्माण की स्थिति को लेकर सवाल पूछा था. आरटीआई के जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इंजीनियरिंग सेक्शन के जनरल मैनेजर हरगोविंद मीणा ने बताया है कि नागरिक सेवा शुरू होने के लिए राज्य सरकार से 50 एकड़ जमीन की मांग की गई है. पूर्णिया में हवाई परिचालन में कम से कम तीन साल का समय लग जाएगा.

भूमि अधिग्रहण आगे भी बनेगी अड़चन
भूमि अधिग्रहण आगे भी बनेगी अड़चन

राजनीतिक नेतृत्व शक्ति पर उठने लगे सवाल
हवाई अड्डा निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे नियाज अहमद ने कहा कि चुनावों से पहले और चुनाव के वक्त नेताओं की ओर से 2021 तक एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाने से जुड़े सियासी शगूफे छोड़े जाते रहे हैं. मगर अब इन आरटीआई से जो खुलासे हुए हैं, इससे साफ है कि सीमांचल और कोसी के 7 जिलों के करोड़ों की आबादी के साथ महज वोट बैंक की राजनीति और ठगी हुई है.

2015 में ही आ गए थे निर्माण के 270 करोड़
स्थानीय पत्रकार सैय्यद तहसीन अली ने बताया कि केंद्र सरकार ने चूनापुर सैन्य एयरपोर्ट पर सिविल टर्मिनल निर्माण के लिए पूर्णिया एयरपोर्ट के खाते में 250 करोड़ रुपए का फंड डाले थे. साथ ही 52 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए भी 20 करोड़ की मोटी राशि अलग से दी गई थी. बावजूद इसके पांच साल बीतने को है और अब तक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पेंच फंसे हुए हैं.

हवाई यात्रा के लिए तीन साल का इंतजार
हवाई यात्रा के लिए तीन साल का इंतजार

'सरकार ने 2015 में चुनापुर सैन्य हवाई अड्डा से सिविल हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी. केंद्र और बिहार सरकार ने 2016 में इसका अप्रूवल दे दिया था. बावजूद इसके इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने में अब भी लंबा समय लगेगा'- सैय्यद तहसीन अली, पत्रकार

कब पूरे होंगे एयरपोर्ट के सुनहरे सपने ?
ईटीवी भारत से बातचीत में सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम सरबर ने बताया कि राजधानी से पूर्णिया की दूरी 400 किलोमीटर के आसपास है. लिहाजा पूर्णिया से देश के दूसरे हिस्से में जाने के लिए पहले 400 किलोमीटर की दूरी तय कर पटना जाना होता है. इसके बाद ही दूसरे प्रदेशों में जाना संभव है. वहीं, बागडोगरा एयरपोर्ट है तो वह बंगाल जाती है. इसके बाद ही पटना या दूसरे प्रदेशों में जाना संभव है.

'पूर्णिया से पटना जाकर हवाई यात्रा करने पर टाइम भी अधिक खराब होता है और ट्रैवेल कॉस्ट भी दोगुना बढ़ जाता है. ऊपर से फ्लाइट से पहले वहां ठहरने के लिए होटल समेत दूसरे खर्च अलग होते है. लिहाजा जिले के लोगों को ही नहीं बल्कि सीमांचल और कोसी के सभी 7 जिलों के करोड़ों की आबादी को इसके निर्माण कार्य के पूरे होने का इंतजार है'- गुलाम सरबर, सोशल एक्टिविस्ट

कब बनेगा पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ?
Last Updated : Dec 27, 2020, 11:03 PM IST
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