पूर्णियाः जिले में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसको लेकर डीएम राहुल कुमार ने कहा कि मौसम का संतुलन बिगड़ने से भारी बारिश के चलते जिले के रुपौली प्रखंड में सैलाब की स्थिति पैदा हो गई है. महानंदा, कनकई और परमान नदी का जलस्तर बढ़ने से अब तक 8 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित है. लिहाजा आपदा की स्थिति से निबटने के लिए समूचे महकमे ने कमर कस ली है.
डीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित पंचायतों में रुपौली प्रखंड के कोयली सिमरा पूर्व, कोयली सिमरा पश्चिम, भौवा परवल, विजय मोहनपुर, विजय लालगंज, गोडियर पट्टी श्रीमत्ता कांप शामिल हैं. वहीं धमदाहा अनुमंडल का सरसी प्रखंड का एक पंचायत बाढ़ से आंशिक रूप से प्रभावित है.
नदियां खतरे के निशान से ऊपर
उन्होंने कहा कि बारिश के कारण महानंदा, कनकई और पनमार नदी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ा है जिससे यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. रविवार को 174.1 mm बारिश होने से स्थितियां और भी विकट हो गई हैं. इनमें डेगरघाट अंतर्गत आने वाली महानंदा नदी जो खतरे के निशान 35.650 से 1 मीटर की बढ़ोतरी पर 36.11 पर बह रही है. इसके साथ ही किशनगंज तयबपुर में आने वाली महानंदा नदी, अरिरिया की परमान नदी और चरघरिया की पश्चिम कनकई नदी मुख्य कारण हैं. हालांकि 70 किलोमीटर अंतर्गत आने वाले जिले के सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित हैं. इसके साथ ही आज से मौसम साफ हुआ है जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से घटेगा.
प्रभावित पंचायतों में नाव के साथ कम्युनिटी किचन
सभी प्रभावित 8 पंचायतों में नाव की सुविधा के साथ ही कम्युनिटी किचन चलाई जा रही है. एक कम्युनिटी किचन में तकरीबन 2 हजार की कैपेसिटी होगी. इस तरह 14 हजार लोग कम्युनिटी किचन का लाभ ले सकेंगे. मध्य विद्यालय कोसिकपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिमरा, मध्य विद्यालय पुरानीनन्दगोला, प्राथमिक मध्य विद्यालय बधवाबासा, मध्य विद्यालय जंगलटोला, मध्य विद्यालय टोपड़ा,मध्य विद्यालय अझरी, और मध्य विद्यालय सरसी में कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं.
49 नाव राहत और बचाव कार्य में शामिल
वहीं राहत व बचाव कार्य के तहत कुल 49 नाव जिले में चलाए जा रहे हैं जिनमें रुपौली में 20, धमदाहा में 2, बैसा में 8, बायसी में 8, आमौर में 11 नाव की सुविधा बहाल की गई है. इसके साथ ही डीएम ने लोगों से नदी और नाले वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है.
पूरी तरह मुस्तैद स्वास्थ्य महकमा
लोगों को किसी भी परिस्थिति में शुद्ध पानी और महामारी की समस्या न हो इसके लिए डॉक्टर की टीम तैनात की गई है. इसके साथ ही सिविल सर्जन पूरी मुस्तैदी से नजर बनाए हैं. पर्याप्त मात्रा में हैलोजन टैबलेट उपलब्ध कराए जाने के साथ ही आपातकालीन मेडिकल सुविधा बहाल की गई है.