पूर्णियाः सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच शनिवार को दो दिवसीय राजकीय पुरैनिया महोत्सव का समापन हो गया. जिले के 250 वीं वर्षगांठ पर आयोजित पुरैनिया महोत्सव के दूसरे और आखिरी दिन एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं. जिसने दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. वहीं समारोह की शाम तब और रंगीन हो गई जब बॉलीवुड के मशहूर सिंगर टोची रैना ने अपने सुरमयी आवाज का जादू बिखेरा. इस मौके पर टोची रैना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्णिया से जुड़े अनछुए पहलू को भी साझा किया.
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
बिहार के सबसे प्राचीनतम जिलों में से एक पूर्णिया जिले की 250वी वर्षगांठ पर आयोजित दूसरे और आखिरी दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम का मौका था. लिहाजा इंदिरा गांधी स्टेडियम में मुख्य मंच पर जैसे ही कलाकरों के एक से बढ़कर एक परफॉर्मेंस का सिलसिला शुरू हुआ. दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों झूमने लगे.
दिखी लोक कला की सौंधी महक
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत छत्तीसगढ़ आदिवासी नृत्य महोत्सव की विजेता रहीं पवन एक्का और साथी ग्रुप के आदिवासी करमा नृत्य से हुई. इसके बाद लोक कला प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र कलाभवन के कलाकारों ने झिझिया, ओडिसी और संबलपुरी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी. जिसमें रंग बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों के थिरकते कदमों पर जिस किसी के भी नजर गई वहीं ठहरी रह गई.
नाचने पर मजबूर हुए दर्शक
वहीं, कार्यक्रम की शाम तब और रंगीन हो गई जब मंच पर बॉलीवुड के मशहूर सिंगर तोची रैना के कदम पड़े. इसी के साथ वह वक्त जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार था तोची के परफॉर्मेंस के साथ खत्म हुआ. एक से बढ़कर एक गीतों पर तोची ने अपनी जादुई आवाज के साथ समारोह की शाम सुरमई बना दी. जिसके बाद लोग अपनी कुर्सियां छोड़ थिरकने पर मजबूर हो गए.
ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए तोची ने गुनगुनाए गीत
तोची रैना ने ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए अपनी अब तक की सबसे फेवरेट गीत 'रे कबीरा मान जा' गीत गुनगुनाया. हम से एक्सक्लूसिव बातचीत में टोची ने कहा की मेरे नाना दरभंगा के थें. लेकिन नानी पूर्णिया में ही पली-बढ़ी थी. यहां से उनका गहरा लगाव रहा है. यहां उनकी खेती-बाड़ी भी थी. लिहाजा पूर्णिया उनकी अपनी माटी जैसा है, यहां की माटी से मिले प्यार ने इस बात को पूरी तरह साबित कर दिया. उन्होंने कहा कि बहुत सारा प्यार देने के लिए पूर्णिया की जनता का मैं तहे दिल से शुक्रगुजार हूं.
पूर्णिया से मिला ढेर सारा प्यार
तोची ने कहा कि वैसे तो देश से लेकर विदेशों तक में कई स्टेज परफॉर्मेंस किया हूं. लेकिन जो प्यार, उत्साह और एनर्जी यहां आने पर मिला वह शायद ही कहीं मिला हो. लोगों के प्यार को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. जिस तरह यहां के लोगों ने अपना प्यार दिया है, मुंबई लौटने पर अगर उनसे कोई पूछे कि बिहार ने उन्हें क्या दिया तो वह फक्र से कहेंगे, ढेर सारा प्यार.