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पूर्णिया : बिना किसी कोचिंग के शिखर ने IFS में लाया 9वां स्थान

शिखर चौधरी की सफलता के बाद गांव सुखसेना में खुशी का माहौल है. लाडले की इस सफलता के बाद घर वाले फुले नहीं समा रहे. जैसे-जैसे शिखर की सफलता की खबर रिश्तेदारों और आस-पास के लोगों तक पहुंच रही है, परिवार वालों को बधाइयों देने वालों का सिलसिला तेज होता जा रहा है.

shikhar chaudhary
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Published : Mar 10, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Mar 10, 2020, 9:20 PM IST

पूर्णिया: जिले के बड़हरा कोठी प्रखंड के सुखसेना गांव के रहने वाले शिखर चौधरी ने पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है. यूपीएससी की ओर से कंडक्ट की जाने वाली इंडियन फारेस्ट सर्विस एग्जाम में शिखर ने देश भर में 9वा रैंक हासिल किया है. सबसे खास बात ये रही कि शिखर ने बगैर किसी ट्यूशन या कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी की मदद से अपने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल कर ली. शिखर की इस कामयाबी के बाद उसके परिवार वाले फूले नहीं समा रहे.

किताबों को साथी बना कर हासिल की सफलता
शिखर की सक्सेस से गदगद चाचा सलील चौधरी कहते हैं कि उसे छात्र जीवन से ही किताबों से प्रेम रहा. स्कूल से आकर जहां घर के बाकी बच्चे खेलने चले जाते तो वहीं शिखर इसके ठीक उलट किताबें खोलकर बैठ जाता. यही वजह रही कि शिखर बचपन से ही क्लास में अव्वल आता. उसकी मेहनत का ये सिलसिला भागलपुर और लखनऊ से होने वाली स्कूलिंग में भी जारी रहा. पढ़ाई के प्रति इसी लगन का असर था कि 10वीं के बोर्ड एग्जाम में 95 फीसद अंकों के साथ और 12वीं की परीक्षा में 97 फीसद अंकों के साथ पूरे स्कूल में अव्वल रहा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले ही प्रयास में आईआईटी में लिया दाखिला
भाई आलोक कुमार बताते हैं कि शिखर चौधरी पढ़ाई में शुरू से ही लगनशील और होनहार रहे. 12वीं के तुरंत बाद ही उन्होंने आईआईटी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. शिखर की जी तोड़ मेहनत एक बार फिर रंग लाई पहले ही प्रयास में आईआईटी जैसे कठिन परीक्षा को सेल्फ स्टडी के बलबूते बेहद सहजता से हासिल कर लिया. जिसके बाद आईआईटी पटना से मैकेनिकल स्ट्रीम से इंजीनियरिंग की आगे की पढ़ाई पूरी की.

शिखर की सफलता से गदगद सुखसेना
वहीं शिखर की सफलता के बाद गांव सुखसेना में खुशी का माहौल है. लाडले की इस सफलता के बाद घर वाले फुले नहीं समा रहे. जैसे-जैसे शिखर की सफलता की खबर रिश्तेदारों और आस-पास के लोगों तक पहुंच रही है, परिवार वालों को बधाइयों देने वालों का सिलसिला तेज होता जा रहा है.

पूर्णिया: जिले के बड़हरा कोठी प्रखंड के सुखसेना गांव के रहने वाले शिखर चौधरी ने पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है. यूपीएससी की ओर से कंडक्ट की जाने वाली इंडियन फारेस्ट सर्विस एग्जाम में शिखर ने देश भर में 9वा रैंक हासिल किया है. सबसे खास बात ये रही कि शिखर ने बगैर किसी ट्यूशन या कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी की मदद से अपने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल कर ली. शिखर की इस कामयाबी के बाद उसके परिवार वाले फूले नहीं समा रहे.

किताबों को साथी बना कर हासिल की सफलता
शिखर की सक्सेस से गदगद चाचा सलील चौधरी कहते हैं कि उसे छात्र जीवन से ही किताबों से प्रेम रहा. स्कूल से आकर जहां घर के बाकी बच्चे खेलने चले जाते तो वहीं शिखर इसके ठीक उलट किताबें खोलकर बैठ जाता. यही वजह रही कि शिखर बचपन से ही क्लास में अव्वल आता. उसकी मेहनत का ये सिलसिला भागलपुर और लखनऊ से होने वाली स्कूलिंग में भी जारी रहा. पढ़ाई के प्रति इसी लगन का असर था कि 10वीं के बोर्ड एग्जाम में 95 फीसद अंकों के साथ और 12वीं की परीक्षा में 97 फीसद अंकों के साथ पूरे स्कूल में अव्वल रहा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले ही प्रयास में आईआईटी में लिया दाखिला
भाई आलोक कुमार बताते हैं कि शिखर चौधरी पढ़ाई में शुरू से ही लगनशील और होनहार रहे. 12वीं के तुरंत बाद ही उन्होंने आईआईटी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. शिखर की जी तोड़ मेहनत एक बार फिर रंग लाई पहले ही प्रयास में आईआईटी जैसे कठिन परीक्षा को सेल्फ स्टडी के बलबूते बेहद सहजता से हासिल कर लिया. जिसके बाद आईआईटी पटना से मैकेनिकल स्ट्रीम से इंजीनियरिंग की आगे की पढ़ाई पूरी की.

शिखर की सफलता से गदगद सुखसेना
वहीं शिखर की सफलता के बाद गांव सुखसेना में खुशी का माहौल है. लाडले की इस सफलता के बाद घर वाले फुले नहीं समा रहे. जैसे-जैसे शिखर की सफलता की खबर रिश्तेदारों और आस-पास के लोगों तक पहुंच रही है, परिवार वालों को बधाइयों देने वालों का सिलसिला तेज होता जा रहा है.

Last Updated : Mar 10, 2020, 9:20 PM IST
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