पूर्णिया: एक तरफ जहां कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार बड़े अस्पतालों के अलावा प्राथमिक व अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों को आइसोलेशन सेंटर के रूप में तब्दील कर कोविड पेशेंटस के बेहतर इलाज का दम भर रही है. वहीं, जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिटायर्ड चिकित्सक का निजी आवास बनकर रह गया है.
वहीं, स्थानीय लोगों ने सेवानिवृत्त चिकित्सक पर स्वास्थ्य केंद्र का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए डीएम राहुल कुमार से इसे मुक्त कर आइसोलेशन सेंटर के तौर पर विकसित करने की अपील की है.
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लाखों रुपयों की लागत से बना था स्वास्थ्य केंद्र
दरअसल, यह हाल पूर्णिया सिटी स्थित उस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह प्राकृतिक चिकित्सालय का है. जिसकी स्थापना तत्कालीन भवन निर्माण मंत्री मो. तस्लीमुद्दीन ने की थी. लाखों रुपये की लागत से तैयार इस स्वास्थ्य केंद्र में एक बड़े हॉल सहित पांच कमरे हैं. फिलहाल गुजरे 13 सालों से जिसका इस्तेमाल इस स्वास्थ्य केंद्र के सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. बंशीधर झा निजी आवास के तौर पर कर रहे हैं.
आयुर्वेद चिकित्सा में माना जाता था मील का पत्थर
स्थानीय बताते हैं कि उद्घाटन करीब 4 वर्षों तक यह स्वास्थ्य केंद्र रोगियों के काम आता रहा. आयुर्वेद के लिए एक समय में यह औषधालय मील का पत्थर कहा जाने लगा था. हालांकि, बीतते वक्त के साथ इसकी स्थिति दयनीय होती चली गई. वहीं चिकित्सक के रिटायरमेंट के बाद दोबारा किसी चिकित्सक को तैनात नहीं किया गया. इसके बाद सेवानिवृत्त चिकित्सक ने इसका अतिक्रमण कर लिया. वे निजी आवास बनाकर रहने लगे.
2008 में चिकित्सक के सेवानिवृत्ति के बाद से है खाली
'साल 2008 में सेवानिवृत्त हो गया था. हालांकि चिकित्सकों की कमी होने की वजह से विभाग आज तक किसी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं कर सका. कई बार विभाग को पत्र लिख चुका हूं कि इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए. मगर अब तक किसी नए चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की जा सकी है. नए चिकित्सक के पदस्थापन से संबंधित विभागीय पत्र प्राप्त होते ही मैं और मेरा परिवार इस स्वास्थ्य केंद्र को खाली कर देंगे.' -डॉ. बंशीधर झा, सेवानिवृत्त चिकित्सक
13 साल से स्वास्थ्य महकमें ने नहीं ली है सुध
डॉ. बंशीधर झा बताते हैं कि इस संबंध में उन्होंने कई बार स्वास्थ्य महकमे को लिखा. चिकित्सक बहाल कर दोबारा से स्वास्थ्य केंद्र सह प्राकृतिक औषधालय की सुविधाएं शुरू किए जाने की अपील की. मगर साल दर साल 2008 से अब तक 13 साल गुजर गए.
उनकी मांग पर विभाग ने ध्यान तक देना मुनासिब नहीं समझा. वहीं, स्वास्थ्य विभाग गत 8 वर्षों से नगर निगम को इसके किराये का भुगतान कर रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों और श्रीधाम सेवा समिति के सदस्यों ने प्राकृतिक औषधालय को मुक्त कराने के लिए डीएम राहुल कुमार को आवेदन दिया है.
आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने की मांग
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस प्रकार कोरोना संक्रमण लगातार पांव पसार रहा है. पूर्णिया सिटी में भी अब तक कोरोना से 3 मौते हो चुकी हैं. ऐसे में उन्होंने डीएम राहुल कुमार को पत्र लिखकर उस स्वास्थ्य केंद्र को सेवानिवृत्त चिकित्सक के निजी इस्तेमाल से मुक्त करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पत्र में श्री धाम सेवा समिति की ओर से स्वास्थ्य केंद्र को आइसोलेशन सेंटर के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है. जिससे संक्रमण काल में मंदिर समिति के सहयोग से लोगों की मदद की जा सके.
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