पूर्णिया: वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा और पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ये दोनों वो बड़े महारथी हैं, जो पूर्णिया के रण में एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं. संतोष कुशवाहा को जेडीयू ने एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है, जबकि बीजेपी के टिकट से 2 मर्तबे चुनाव जीतने वाले पप्पू सिंह इस बार कांग्रेस के साथ हैं.
अलग-अलग लड़े थे बीजेपी-जेडीयू
पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा को जहां 4,18,826 वोट मिले थे, वहीं उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को 3,02,157 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी 1,24,344 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. उस वक्त बीजेपी और जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़े थे.
कुल 13,05,396 मतदाता
कुल मतदाताओं की बात करें तो पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की तादाद करीब 13,05,396 हैं. इनमें से 6,88,182 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 6,17,214 महिला मतदाता हैं.
क्या है सामाजिक समीकरण?
वहीं, पूर्णिया लोकसभा सीट में 60 फीसदी हिन्दू और 40 फीसदी मुस्लिम वोट हैं. जातिगण समीकरण के हिसाब से बात करें तो 5 लाख एससी-एसटी, बीसी व ओबीसी मतदाता हैं. यादव वोटर डेढ़ लाख, ब्राह्मण वोटर सवा लाख और राजपूत मतदाताओं की संख्या सवा लाख से अधिक है. इसके अलावा एक लाख अन्य जातियों के वोटर हैं.
पूर्णिया लोकसभा में 6 विधानसभा सीट
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. जिनमें पूर्णिया, कसबा, बनमखनी, रुपौली, धमदाहा, और कोढ़ा शामिल हैं. इन 6 सीटों में 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस ने 2-2 सीटों पर जीत हासिल की थी.
एनडीए-महागठबंधन में सीधा मुकाबला
यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच ही सीधी लड़ाई है. मगर चूकि बीजेपी इस बार जेडीयू के साथ है और उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हैं. ऐसे में राजपूत और कुशवाहा वोटर्स का रुझान किस प्रत्याशी की ओर होगा, ये अहम होगा. यहां दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को वोटिंग होगी.