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Mithila State Demand: 'मिथिला राज लइर कS लेबै..'अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर 70 दिनों की पदयात्रा - Padyatra for 70 days in Purnea

मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी है.अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर पदयात्रा निकाली गई. 70 दिनों में 700 किलोमीटर की विशाल यात्रा तय की जाएगी और जनता को इससे जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.

Mithila State Demand
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Published : Mar 17, 2023, 4:41 PM IST

पूर्णिया में निकाली गई पदयात्रा

पूर्णिया: मिथिला राज्य के गठन की मांग तूल पकड़ने लगी है. पृथक मिथिला राज्य की मांग पर मिथिलांचल और सीमांचल की जनता को गोलबंद किए जाने के उद्देश्य से शुक्रवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में पदयात्रा निकाली गई, जो 70 दिनों में 700 किलोमीटर की विशाल यात्रा तय करेगी.

पढ़ें- जोर पकड़ रही अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग, 26 सितंबर से शुरू होगी पुनर्जागरण यात्रा

अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर पदयात्रा: पदयात्रा की शुरुआत बस स्टैंड रोड से की गई जो जिले के प्रमुख सड़क मार्गों से होते हुए ग्रामीण इलाको में पृथक मिथिला राज्य के गठन की मांग को लेकर लोगों को गोलबंद करेगा. इस बाबत अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी इंजीनियर सुशील कुमार झा ने कहा कि आजादी के बाद से ही पृथक मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी. 1912 में जब बिहार उड़ीसा से अलग हुआ, उसी समय से मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी. सियासतदानों की ओर से कहा गया कि मैथिली संविधान के अष्टम सूची में नहीं, इसलिए पृथक मिथिला राज्य नहीं बनाया जा सकता.

"56 साल लग गए मैथिली को संविधान के अष्टम सूची में शामिल कराने में. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली को संविधान के अष्टम सूची में समाहित किया. इसे संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया. 20 साल से लगातार हमलोग जंतर - मंतर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रपति को ज्ञापन दे रहे और पार्लियामेंट के सामने संसद सत्र के पहले दिन धरना प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने इस ओर कोई सुनवाई नहीं की."- इंजीनियर सुशील कुमार झा ,राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति

पूरे बिहार से गुजरेगी यात्रा: पदयात्रा में शामिल विजय मिश्रा ने बताया कि "2018 में पृथक राज्य के लिए रथयात्रा कर जन जागरण चलाया था. हमें मिथिला राज्य चाहिए. इससे हमें दो एयरपोर्ट मिलेगा, दो एम्स मिलेगा, दो आईआईटी मिलेगा. वहीं मिथिला राज्य बनने से ‌स्वास्थ, शिक्षा, परिवहन, सड़क जैसे तमाम सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी. इसलिए हमलोग पदयात्रा पर निकले हैं. इसके तहत पूरे बिहार का भ्रमण किया जाएगा."

पूर्णिया में निकाली गई पदयात्रा

पूर्णिया: मिथिला राज्य के गठन की मांग तूल पकड़ने लगी है. पृथक मिथिला राज्य की मांग पर मिथिलांचल और सीमांचल की जनता को गोलबंद किए जाने के उद्देश्य से शुक्रवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में पदयात्रा निकाली गई, जो 70 दिनों में 700 किलोमीटर की विशाल यात्रा तय करेगी.

पढ़ें- जोर पकड़ रही अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग, 26 सितंबर से शुरू होगी पुनर्जागरण यात्रा

अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर पदयात्रा: पदयात्रा की शुरुआत बस स्टैंड रोड से की गई जो जिले के प्रमुख सड़क मार्गों से होते हुए ग्रामीण इलाको में पृथक मिथिला राज्य के गठन की मांग को लेकर लोगों को गोलबंद करेगा. इस बाबत अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी इंजीनियर सुशील कुमार झा ने कहा कि आजादी के बाद से ही पृथक मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी. 1912 में जब बिहार उड़ीसा से अलग हुआ, उसी समय से मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी. सियासतदानों की ओर से कहा गया कि मैथिली संविधान के अष्टम सूची में नहीं, इसलिए पृथक मिथिला राज्य नहीं बनाया जा सकता.

"56 साल लग गए मैथिली को संविधान के अष्टम सूची में शामिल कराने में. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली को संविधान के अष्टम सूची में समाहित किया. इसे संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया. 20 साल से लगातार हमलोग जंतर - मंतर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रपति को ज्ञापन दे रहे और पार्लियामेंट के सामने संसद सत्र के पहले दिन धरना प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने इस ओर कोई सुनवाई नहीं की."- इंजीनियर सुशील कुमार झा ,राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति

पूरे बिहार से गुजरेगी यात्रा: पदयात्रा में शामिल विजय मिश्रा ने बताया कि "2018 में पृथक राज्य के लिए रथयात्रा कर जन जागरण चलाया था. हमें मिथिला राज्य चाहिए. इससे हमें दो एयरपोर्ट मिलेगा, दो एम्स मिलेगा, दो आईआईटी मिलेगा. वहीं मिथिला राज्य बनने से ‌स्वास्थ, शिक्षा, परिवहन, सड़क जैसे तमाम सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी. इसलिए हमलोग पदयात्रा पर निकले हैं. इसके तहत पूरे बिहार का भ्रमण किया जाएगा."

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