ETV Bharat / state

वापस लौटे बिहारी मजदूर बोले- 'भूखे मर जाना मंजूर... लेकिन अब परदेस नहीं जाना हुजूर' - अब नहीं जाना दूसरे राज्य

दूसरे राज्यों में काम कर रहे बिहारी मजदूर रोज वापस लौट रहे हैं. लॉकडाउन में हुई दिक्कतों को देखते हुए अब वे वापस दूसरे राज्य नहीं जाना चाहते.

purnea
purnea
author img

By

Published : May 17, 2020, 3:56 PM IST

Updated : May 18, 2020, 4:40 PM IST

पूर्णियाः लॉकडाउन के बाद से प्रदेशों में फंसे बिहारी मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है. अब तक 9 स्पेशल ट्रेनों के जरिए तकरीबन 10 हजार से अधिक यात्री पूर्णिया जंक्शन से गृह जिले के लिए प्रस्थान कर चुके हैं. कल तक परदेस पर प्यार लुटाने वाले ये मजदूर अब भूलकर भी परदेस नहीं जाना चाहते.

दाने-दाने को हुए मोहताज
दरअसल, बिहार वापस लौटे प्रवासी मजदूर दोबारा दूसरे राज्य जाने के नाम से भी डर रहे हैं. अजमेर से तीन साल के नन्हें राजकुमार और पति संग अपना सबकुछ लेकर लौट चुकी उषा देवी ने बताया कि काम-धंधा बंद होने के बाद बचे सारे रूपये खत्म हो गए. उन्हें लगा कि जिस शहर को दिन-रात एक कर खून-पसीने से तराशा वहां की सरकार इस मुश्किल वक्त में उनकी मदद जरूर करेगी. लेकिन वहां वे दाने दाने को मोहताज हो गए. सरकार की तरफ से भी तीन लोगों पर एक को खाना दिया जाता था.

देखें रिपोर्ट

डंडे दिखाकर पुलिस ने भगाया
दिल्ली से लौटे सुरेंद्र साह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद खाने तक के लाले पड़ गए थे. जब देश भर में लोग दीये जला रहे थे. तब दिल्ली में फंसे बिहारी मजदूर भूख की तड़प को आंसुओं से बुझा रहे थे. उन्होंने बताया कि बदतर होते हालातों के बाद सीएम केजरीवाल के दफ्तर तक गए. लेकिन डंडे दिखाकर पुलिस ने वहां से भगा दिया.

purnea
प्रवासी मजदूर

सैलरी देने से किया इंकार
वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई से लौटे रामपाल यादव ने बताया कि बुरे दिन आते ही हमारी मेहनत की कीमत दरकिनार कर कॉन्ट्रेक्टर और ओनर ने लॉकडाउन का हवाला देकर सैलरी देने से इंकार कर दिया. इसका विरोध करने पर उन्हें धक्के मारकर बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया गया.

purnea
स्टेशन से बाहर निकलते मजदूर

अब नहीं जाना दूसरे राज्य
अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अब वे भूलकर भी दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते. अन्य राज्यों में रह रहे बिहारी मजदूर रोज अपना सामान लेकर वापस लौट रहे हैं. उनका कहना है कि अपने घर में ही चार पैसे ही कमाएंगे और खुशी से खाएंगे.

purnea
पूर्णिया जंक्शन

पूर्णियाः लॉकडाउन के बाद से प्रदेशों में फंसे बिहारी मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है. अब तक 9 स्पेशल ट्रेनों के जरिए तकरीबन 10 हजार से अधिक यात्री पूर्णिया जंक्शन से गृह जिले के लिए प्रस्थान कर चुके हैं. कल तक परदेस पर प्यार लुटाने वाले ये मजदूर अब भूलकर भी परदेस नहीं जाना चाहते.

दाने-दाने को हुए मोहताज
दरअसल, बिहार वापस लौटे प्रवासी मजदूर दोबारा दूसरे राज्य जाने के नाम से भी डर रहे हैं. अजमेर से तीन साल के नन्हें राजकुमार और पति संग अपना सबकुछ लेकर लौट चुकी उषा देवी ने बताया कि काम-धंधा बंद होने के बाद बचे सारे रूपये खत्म हो गए. उन्हें लगा कि जिस शहर को दिन-रात एक कर खून-पसीने से तराशा वहां की सरकार इस मुश्किल वक्त में उनकी मदद जरूर करेगी. लेकिन वहां वे दाने दाने को मोहताज हो गए. सरकार की तरफ से भी तीन लोगों पर एक को खाना दिया जाता था.

देखें रिपोर्ट

डंडे दिखाकर पुलिस ने भगाया
दिल्ली से लौटे सुरेंद्र साह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद खाने तक के लाले पड़ गए थे. जब देश भर में लोग दीये जला रहे थे. तब दिल्ली में फंसे बिहारी मजदूर भूख की तड़प को आंसुओं से बुझा रहे थे. उन्होंने बताया कि बदतर होते हालातों के बाद सीएम केजरीवाल के दफ्तर तक गए. लेकिन डंडे दिखाकर पुलिस ने वहां से भगा दिया.

purnea
प्रवासी मजदूर

सैलरी देने से किया इंकार
वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई से लौटे रामपाल यादव ने बताया कि बुरे दिन आते ही हमारी मेहनत की कीमत दरकिनार कर कॉन्ट्रेक्टर और ओनर ने लॉकडाउन का हवाला देकर सैलरी देने से इंकार कर दिया. इसका विरोध करने पर उन्हें धक्के मारकर बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया गया.

purnea
स्टेशन से बाहर निकलते मजदूर

अब नहीं जाना दूसरे राज्य
अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अब वे भूलकर भी दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते. अन्य राज्यों में रह रहे बिहारी मजदूर रोज अपना सामान लेकर वापस लौट रहे हैं. उनका कहना है कि अपने घर में ही चार पैसे ही कमाएंगे और खुशी से खाएंगे.

purnea
पूर्णिया जंक्शन
Last Updated : May 18, 2020, 4:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.