पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के रहने वाले रंजीत कुमार पासवान ( Bird Man Ranjeet Kumar Paswan From Purnea) का पक्षी प्रेम अद्भुत है. वो पक्षियों (Purnea Bird Lover) से कितना प्यार करते हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, उन्होंने आज तक शादी नहीं की है. रंजीत का मानना है कि, शादी नहीं करने से वे ज्यादा से ज्यादा समय पक्षियों की सेवा और देखरेख में गुजार सकते हैं. रंजीत को यूनिक प्रजाति के जानवर और पक्षियों को पालने का बचपन से ही शौक है. इनके पास एग्जॉटिक बर्ड्स की कई प्रजातियां भी हैं, जिनका वे बहुत ही ख्याल रखते हैं.
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रंजीत (Bird Man Of Bihar) का पक्षी प्रेम ऐसा है कि, इनकी सुबह और शाम दोनों ही पक्षियों के बीच खत्म होती है. शहर के रामबाग इलाके के रहने वाले रंजीत कुमार पासवान का विदेशी पक्षियों के प्रति दीवानगी ऐसी है कि, बजापते उन्होंने अपने घर को मिनी बर्ड्स प्लेस बना दिया है. जहां ये एग्जॉटिक पक्षी पूरे ठाठ से रहते हैं. वहीं पक्षियों के प्रति इनकी दीवानगी और समर्पण को देखते हुए लोग इन्हें अब 'बर्डमैन ऑफ सिटी' के नाम से जानते हैं.
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आमतौर पर जहां लोग अपने दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों और अखबार की सुर्खियों के साथ करते हैं. वही रंजीत की दिनचर्या इन सब से बिल्कुल अलग है. रंजीत की सुबह की शुरूआत पक्षियों को खाना खिलाते हुए होती है. पूरा दिन वे पक्षियों की सेवा और देखभाल में गुजार देते हैं. पक्षियों की देखरेख करते हुए ही रंजीत का पूरा दिन निकल जाता है.
रंजीत बताते हैं कि, उनके पास करीब दो दर्जन एग्जॉटिक बर्ड्स हैं. इनकी संख्या 50 के करीब है. इनमें मकाउ, गाला काकातुआ पक्षी मोलूकन, काका तू, कार्डिनल लोरी, चेटरिंग लोरी टूकेन, हाइसिंथ मकाउ, पाम काकातुआ और स्टैग बीटल शामिल हैं. रंजीत ने अपने घर में ही पक्षियों के लिए बड़े और आरामदायक केज लगाए गए हैं, जहां ये पक्षी बिल्कुल ठाठ से रहते हैं.
वहीं रंजीत और पंक्षियों की दोस्ती ऐसी कि, इनके कदम केज के आसपास आते ही सभी पक्षी घोंसले से बाहर आ जाते हैं. तब रंजीत और चहचताते पंक्षियों की जुगलबंदी देखते ही बनती है. कुछ ऐसा ही खास कनेक्शन है इन पंक्षियों का रंजीत की मां से. जैसे दोनों एक दूसरे की भाषा में बात कर रहे हों.
"हम पक्षियों को खाने के लिए ड्राई फ्रूट और फल परोसते हैं. जिनपर करीब 30 हजार खर्च आते हैं. वहीं पक्षियों के देखभाल के लिए एक युवक भी बहाल है, जो मेरी अनुपस्थिति में इनके खाने और दवाई का ख्याल रखता है. मुझे बचपन से ही पक्षियों से बहुत है. मुझे ये मेरे अपने लगते हैं."- रंजीत कुमार पासवान,पक्षी प्रेमी
रंजीत बताते हैं कि ऐसा नहीं कि यह शौक उनमें एकाएक जगा हो, बल्कि 3 पुश्तों से उनके घर में यह परंपरा चली आ रही है. वे बताते हैं कि उनके दादा पशुओं के बड़े प्रेमी थे. उनके पिता भी जानवरों से बहुत प्यार करते थे. लिहाजा बचपन से ही रंजीत पशुओं के बीच रहे. हालांकि उन्हें पक्षियों से कहीं ज्यादा लगाव था. जिसके बाद 12 साल की उम्र से ही उन्होंने एग्जॉटिक पंक्षियां पालनी शुरू कर दी थी.
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