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पूर्णिया: कटाव से कई घर नदी में विलीन, पलायन को ग्रामीण मजबूर - many houses ruined by river erosion in purnea

महानन्दा, कनकई और परमार जैसी नदियों के जलस्तर में एकाएक वृद्धि के बाद चंकी गांव के कई मकान बर्बाद हो गए. इस मंजर को देखकर खौफजदा लोग गांव से पलायन कर रहे हैं.

तबाह घर
तबाह घर
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Published : Jul 4, 2020, 2:32 PM IST

पूर्णियाः जिले के बायसी प्रखंड स्थित ताराबाड़ी पंचायत के चंकी गांव में नदियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. महानन्दा, कनकई और परमार जैसी नदियों के जलस्तर में एकाएक वृद्धि हो गई. इस कारण गुरुवार को चंकी के कई घर आंशिक कटाव की चपेट में आ गए.

भारी बारिश के साथ ही टापू पर बसे ताराबाड़ी पंचायत के कई गांवों में एक बार फिर नदियों का तांडव जारी है. आंशिक कटाव में कई घर तबाह व बर्बाद हो गए. जिसके बाद खौफ खाए लोगों ने गांव को खाली करना शुरू कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पक्के मकान भी बर्बाद
इन नदियों से सबसे ज्यादा प्रभावित चंकी गांव है. जहां बीते एक सप्ताह से जारी कटाव के कारण कई घर कटाव की चपेट में आ गए हैं. इनमें कच्चे घरों के साथ ही पक्के मकान भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः मोतिहारी: गुआबारी तटबंध की मरम्मती का काम पूरा, नो मैंस लैंड पर अब भी अड़ा है नेपाल

ग्रामीण खुद कर रहे कटाव निरोधक कार्य
वहीं, गुरुवार को कटाव की आंशिक चपेट में आने के बाद लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है. नदियों के वेग को कम करने के लिए ग्रामीणों ने बांस और उसकी झाड़ियों से कटाव निरोधक कार्य भी शुरू कर दिया है.

आश्वासन से ही काम चला रहे अधिकारी
इस सिलसिले में चंकी के ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक सप्ताह से चंकी में कटाव का दौर जारी है. जिसे लेकर जिला प्रशासन को सूचित किया गया है. सूचना के बाद जिला प्रशासन ने चंकी पहुंचकर कटाव निरोधक कार्य शुरू करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन अब तक एक सप्ताह गुजरने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी चंकी नहीं पहुंचा.

पूर्णियाः जिले के बायसी प्रखंड स्थित ताराबाड़ी पंचायत के चंकी गांव में नदियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. महानन्दा, कनकई और परमार जैसी नदियों के जलस्तर में एकाएक वृद्धि हो गई. इस कारण गुरुवार को चंकी के कई घर आंशिक कटाव की चपेट में आ गए.

भारी बारिश के साथ ही टापू पर बसे ताराबाड़ी पंचायत के कई गांवों में एक बार फिर नदियों का तांडव जारी है. आंशिक कटाव में कई घर तबाह व बर्बाद हो गए. जिसके बाद खौफ खाए लोगों ने गांव को खाली करना शुरू कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पक्के मकान भी बर्बाद
इन नदियों से सबसे ज्यादा प्रभावित चंकी गांव है. जहां बीते एक सप्ताह से जारी कटाव के कारण कई घर कटाव की चपेट में आ गए हैं. इनमें कच्चे घरों के साथ ही पक्के मकान भी शामिल हैं.

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ग्रामीण खुद कर रहे कटाव निरोधक कार्य
वहीं, गुरुवार को कटाव की आंशिक चपेट में आने के बाद लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है. नदियों के वेग को कम करने के लिए ग्रामीणों ने बांस और उसकी झाड़ियों से कटाव निरोधक कार्य भी शुरू कर दिया है.

आश्वासन से ही काम चला रहे अधिकारी
इस सिलसिले में चंकी के ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक सप्ताह से चंकी में कटाव का दौर जारी है. जिसे लेकर जिला प्रशासन को सूचित किया गया है. सूचना के बाद जिला प्रशासन ने चंकी पहुंचकर कटाव निरोधक कार्य शुरू करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन अब तक एक सप्ताह गुजरने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी चंकी नहीं पहुंचा.

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