पूर्णियाः बिहार में जहरीली शराब से मौत (Bihar Hooch Tragedy) के बाद भी लोग नहीं सुधर रहे. पुलिस प्रशासन के लाख कोशिशों को बावजूद लोग शराब पी रहे हैं. पूर्णिया में हाल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसके बाद लोगों ने पूर्णिया जिला प्रशासन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. दरअसल, पूर्णिया समाहणालय परिसर में शराब की बोतलें मिली (Liquor bottles found in Purnia Collectorate ) है. जिसके बाद लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. स्थानीय लोगों का मानना है कि इतनी सख्ती के बाद भी लोग शराब पी रहे हैं. यहां तो डीएम के नाक के नीचे शराब की इतनी बोतलें मिलना शराबबंदी की पोल खोल रही है.
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जिला प्रशासन का मजाकः बता कें कि पूर्णिया डीएम कार्यालय परिसर के अंदर एक तालाब है. इसी तलाब में विदेशी शराब की कई खाली बोतलें बरामद की गई है. सबसे बड़ी बात है जिले के सबसे सख्ती वाला क्षेत्र समाहणालय होता है. यहां भी शराब की बोतलें मिलने से जिला प्रशासन का मजाक बन रहा है. बताया जाता है कि इस कैंपस को शराबी काफी सुरक्षित समझते हैं. शाम होते ही ऑफिस बंद हो जाने के बाद तालाब के अगल-बगल लोग शराब पीने के लिए बैठ जाते हैं. शराब पीने के बाद शराबी बोतल को तालाब परिसर में ही छोड़ देते हैं.
पोखर में मछली के बदले शराब पालनः स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पोखर का हाल में जिर्णोद्धार हुआ है. इसमें मछली पालन होना था लेकिन यहां तो शराब पालन हो रहा है. शराब की बोतलें चीख-चीख कर बोल रही है कि बिहार में शराबबंदी नहीं है. लोगों ने कहा कि ऐसी शराबबंदी होने से क्या फायदा? सरकार और प्रशासन को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो शराब का धंधा करते हैं. अगर बिहार में शराबबंदी फेल है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. क्योंकि कानून बनाने के बाद सरकार निश्चिंत हो गई. कलक्टर साहेब के नाक नीचे शराब की बोतलें मिल रही है.
" पूर्णिया डीएम कार्यालय में शराब की बोतलें मिली है, ये तो पूर्ण रूप से शराबबंदी का उल्लंघन हो रहा है. समारणालय परिसर के पोखर में शराब की बोतलें मिलना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इसपर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करना चाहिए." - सिंटू कुमार, स्थानीय