पूर्णिया: देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है. रोज कमाने-खाने वालों के सामने रहने-खाने का संकट है. वहीं, दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासियों की परेशानी दोगुनी हो गई है. ऐसे में वे पैदल ही अपने घरों की ओर निकलने लगे हैं. जहानाबाद में फंसे 4 मजदूरों ने इसी बेबसी में 332 किलोमीटर लंबा रास्ता नाप दिया.
पैदल जहानाबाद से पूर्णिया पहुंचे मजदूरों की मानें तो इस वक्त उनके सामने नून-रोटी पर भी आफत है. लॉकडाउन के बाद वे जहानाबाद में फंसे थे. जब इन चार मजदूरों को घर वापसी का कोई साधन नहीं मिला तो इन्होंने पैदल ही 332 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय किया. लगभग 6 रातों का सफर तय कर वे पूर्णियां पहुंचे हैं.
मजदूरों ने सुनाई आपबीती
बेबस मजदूरों ने बताया कि वे जहानाबाद के बबना बाजार इलाके के पानी टंकी में काम करते थे. लॉकडाउन के बाद से ही वे वहां फंस गए. लॉकडाउन के सप्ताह भर के भीतर ओनर से लेकर कॉन्ट्रैक्टर तक अपने-अपने घर चले गए. जिससे काम पूरी तरह ठप हो गया. बचे रुपयों से किसी तरह महीना भर गुजारा हुआ. मगर रुपये खत्म होते ही खाद्य सामग्री जुटाने की समस्या बन गई. जिसके बाद सभी साथियों ने मिलकर वापस घर लौटने का फैसला किया.
धमदाहा के रहने वाले हैं बेबस मजदूर
जिले के धमदाहा प्रखंड के चिकनी के रहने वाले मजदूर बताते हैं कि कुछ महीने पहले ही वे जहानाबाद गए थे. तब से वे सभी वहीं काम कर रहे थे. लेकिन, लॉकडाउन के बाद उम्मीद के सारे रास्ते पूरी तरह बंद हो गए. जिसके बाद सभी ने मिलकर पैदल ही मीलों के इस कठिन डगर को नापने की ठानी और जहानाबाद से गृह जिले पूर्णियां के लिए निकल गए.
होंगे 14 दिनों के लिए क्वारंटीन
इस बाबत गिरिजा चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने बताया कि वे सभी मजदूर हाइवे से मिलने वाली सड़क से होते हुए गिरिजा चौक से क्रॉस रहे थे. तभी नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजर पड़ी. जिसके बाद वरीय पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य महकमे को सूचित किया गया. फिलहाल जहानाबाद से जिला मुख्यालय पहुंचे सभी चार मजदूरों को स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के लिए सदर अस्पताल के क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया है.