पूर्णियाः अररिया, कटिहार और किशनगंज के स्टूडेंट के पूर्णिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते हैं. लेकिन विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं से जूझ रही है. विश्वविद्यालय की कमियों पर ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट चलाई. इसके बाद जाप छात्र नेता धरने पर बैठ गए. विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. चेतावनी देते हुए कहा कि मांगे पूरी नहीं हुई तो कैम्पस से लेकर सड़कों तक आंदोलन करेंगे.
कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी
धरने पर बैठे जाप प्रेसिडेंट करण यादव ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत की. उन्होंने बताया कि ईटीवी की खबर प्रकाश में आने के बाद तमाम मुद्दों को अपनी मांग में शामिल किया है. जिस तरह पूर्णिया विश्वविद्यालय के 15 कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रही है, वह निंदनीय है. पूर्णिया कॉलेज, महिला कॉलेज सहित शेष कॉलेजों में यूनिवर्सिटी में 70 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. जबकि वहां शिक्षकों की भारी कमी है. यह शिक्षा के प्रति सरकार और पूर्णिया विश्वविद्यालय की उदासीनता को दर्शाता है.
476 स्टूडेंट्स पर महज 1 शिक्षक
विश्वविद्यालय जाप प्रेसिडेंट करण यादव ने प्रशंसा करते हुए कहा कि ईटीवी भारत ने गौण पड़े मुद्दे को उठाया है, यह काबिले तारीफ है. आकंड़ों की प्रामाणिकता के साथ तथ्यों को रखा गया. जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात की जानकारी मिली. जाप छात्र प्रेसिडेंट ने बताया कि पूर्णिया कॉलेज की पहचान मॉडल कॉलेज के रूप में है. लेकिन यहां 476 स्टूडेंट्स पर महज 1 शिक्षक हैं, जो शिक्षा की दुर्गति को दर्शाता है.
मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
करण यादव ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यहां स्मार्ट क्लास तो है, मगर शिक्षक पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. शिक्षकों की कमी के कारण स्टूडेंट क्लास नहीं करना चाहते. यहां लैब, नल, वाशरूम जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. जाप प्रेसिडेंट ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस समस्या का निदान नहीं हुआ तो कैंपस से लेकर सड़क पर उतरे कर आंदोलन करेंगे.