पूर्णिया: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. एक तरफ जहां कोविड केसों के निबटारे के लिए सरकार एंटीजन रैपिड टेस्ट के दावे कर रही है, तो वहीं दूसरी तरह दावे हकीकत से इतर हैं. यहां सैंपलिंग से लेकर कोविड परिणाम तक के लिए लोगों को हफ्ते भर से भी अधिक इंतजार करना पड़ रहा है. लिहाजा ईटीवी भारत की टीम कोविड जांच प्रक्रियाओं की सच्चाई जानने शहर के विभिन्न जांच केंद्रों का जायजा लिया.
'कोविड 19 के नतीजों ने बढ़ाई लोगों की परेशानी'
दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद जब ट्रूनेट मशीन पर जांच की बोझ बढ़ी, तो सरकार ने एंटीजन रैपिड टेस्टिंग से रिपोर्ट में हो रही लेटलतीफी को दूर करने का रास्ता निकाला. स्वास्थ्य महकमें ने दावे किए कि एंटीजन रैपिड टेस्टिंग से आधे घण्टें के भीतर कोरोना लक्षण की पहचान हो जाएगी. जिससे कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड से बचा जा सकेगा. हालांकि कोविड-19 की लेंदी जांच प्रक्रियाएं और पेंडिंग परिणामों के कराण लोगों की परेशानियां बनी हुई है.
रिपोर्ट को लेकर मानसिक पीड़ा से गुजर रहे मरीज
इस मामले पर स्थानीय रवि सिंह ने बताया कि कोरोना के एंटीजन रैपिड टेस्ट की बात केवल नाम मात्र है. बीते 4 जुलाई को लंबी जद्दोजहद के बाद किसी तरह से कोविड 19 टेस्ट हुआ था. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट के परिणाम सामने नहीं आ सके हैं. वे मानसिक तनाव से गुजर रहें है.
कोरोना जांच के लेटलतीफी से जुड़े प्रमुख मामले:-
- सिपाही टोले इलाके में रहने वाले शिक्षक सुरेश मंडल की 9 जून को वाहन कोषांग सेंटर में ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ती है। मामले में 10 दिन बाद 19 जून को परिणाम आता है.
- 13 जुलाई को प्रमुख दैनिक समाचार के पत्रकार के पिता की मौत के दो दिन बाद कोरोना रिपोर्ट पोजेटिव आती है. तब तक पत्रकार और उनके परिवार समेत कोसी कॉलोनी के स्थानीय और शहर के चिकित्सक सभी कोरोना पोजेटिव पाए जाते हैं.
- बीते 19 जुलाई को पूर्णिया सिटी के एक सरकारी कर्मचारी की मौत कोरोना टेस्ट की लेटलतीफी से हो जाती है. जिसके बाद उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया था.
- शहर में ही 23 जुलाई को एक व्यक्ति को जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उक्त युवक को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती नहीं किया जा रहा था. मामला तूल पकड़ने के बाद युवक को आइसोलेशन सेंटर बनमनखी में भर्ती किया गया था.
- जिला प्रशासन के अनुसार 537 कोरोना जांच रिपोर्ट अभी पेंडिंग में हैं. इनमें ट्रूनेट और एंटीजन रैपिड दोनों के केस शामिल हैं.