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ये है 'सुशासन' वाला बिहार, यहां झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे - पूर्णिया की शिक्षा व्यवस्था

के. नगर प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि इसपर कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा.

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Published : Dec 22, 2019, 12:10 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 2:15 PM IST

पूर्णियाः जिले के. नगर प्रखंड के सतपोखड़िया पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे झोपड़ीनुमा कमरे में एलबेस्टर की छत के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. जबकि सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत इसे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जाना था. इसके लिए 6 साल पहले निर्माण कार्य शुरू भी किया गया लेकिन काम आज तक पूरा नहीं हो सका है. बता दें कि अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में लोग पुआल रखते हैं.

पूर्णिया
अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में लोग पुआल रखते हैं

टूट गई उम्मीद
आंगनबाड़ी सेविका वंदना कुमारी ने बताया कि इस केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसीत करने की बात कही गई थी तो लोगों में उम्मीद जगी थी. लेकिन जल्द ही यह उम्मीद टूट गई. आंगनबाड़ी सेविका ने अपने स्तर से झोपड़ीनुमा एक कमरा बनाया और वहीं क्लास लगाना शुरू कर दिया. बच्चे रोज यहां पढने भी आते हैं. लेकिन बैठने के लिए बेंच नहीं होने की वजह से बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. ठंड बढ़ जाने से बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है.

पेश है खास रिपोर्ट

बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर
सतपोखड़िया पंचायत के मुखिया युगल हांसदा ने बताया कि मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण 7 लाख रुपये की लागत से होना था. लेकिन इसके शुरुआती निर्माण में खर्च पैसे सरकार की और से नहीं मिलने के कारण आगे काम नहीं सका और बच्चों को मजबूरन फर्स पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.

पूर्णिया
राकेश कुमार ठाकुर, बीडीओ, नगर प्रखंड

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

बीडीओ ने दिया आश्वासन
नगर प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने पूरे मामले से अंभीज्ञता जताते हुए कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से यह मेरे संज्ञान में आया है. यदी ऐसी गड़बड़ी है तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस काम को प्राथमिकता में रखते हुए इसे जल्द ही पूरा कराया जाएगा.

पूर्णियाः जिले के. नगर प्रखंड के सतपोखड़िया पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे झोपड़ीनुमा कमरे में एलबेस्टर की छत के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. जबकि सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत इसे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जाना था. इसके लिए 6 साल पहले निर्माण कार्य शुरू भी किया गया लेकिन काम आज तक पूरा नहीं हो सका है. बता दें कि अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में लोग पुआल रखते हैं.

पूर्णिया
अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में लोग पुआल रखते हैं

टूट गई उम्मीद
आंगनबाड़ी सेविका वंदना कुमारी ने बताया कि इस केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसीत करने की बात कही गई थी तो लोगों में उम्मीद जगी थी. लेकिन जल्द ही यह उम्मीद टूट गई. आंगनबाड़ी सेविका ने अपने स्तर से झोपड़ीनुमा एक कमरा बनाया और वहीं क्लास लगाना शुरू कर दिया. बच्चे रोज यहां पढने भी आते हैं. लेकिन बैठने के लिए बेंच नहीं होने की वजह से बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. ठंड बढ़ जाने से बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है.

पेश है खास रिपोर्ट

बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर
सतपोखड़िया पंचायत के मुखिया युगल हांसदा ने बताया कि मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण 7 लाख रुपये की लागत से होना था. लेकिन इसके शुरुआती निर्माण में खर्च पैसे सरकार की और से नहीं मिलने के कारण आगे काम नहीं सका और बच्चों को मजबूरन फर्स पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.

पूर्णिया
राकेश कुमार ठाकुर, बीडीओ, नगर प्रखंड

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

बीडीओ ने दिया आश्वासन
नगर प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने पूरे मामले से अंभीज्ञता जताते हुए कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से यह मेरे संज्ञान में आया है. यदी ऐसी गड़बड़ी है तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस काम को प्राथमिकता में रखते हुए इसे जल्द ही पूरा कराया जाएगा.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
exclusive report ।

शिक्षा की बुनियाद कही जाने वाली आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलने का सीएम नीतीश कुमार का दूरगामी फैसला दम तोड़ता नजर आ रहा है। हैरत की बात है कि बुनियादी शिक्षा की जिस नींव को सालों पहले मजबूत हो जाना था। 5 साल बीतने के बाद भी फंड की लेटलतीफी से दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। वे सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र जिन्हें मॉडल आंगनबाड़ी के तर्ज पर हर वार्ड में विकसित किया जाना था। कायाकल्प के इंतेजार में बाट जोहता नजर आ रहा है।



Body:पशुओं का चारागृह बना सीएम का मॉडल आंगनबाड़ी....

दरअसल बुनियादी शिक्षा के जिस नींव को एक साल के भीतर तैयार हो जाना था। यहां के के. नगर प्रखंड के सतपोखड़िया पंचायत में वह सालों गुजरने के बाद नहीं गढ़ा जा सका है।
यही वजह है जिले के ऐसे निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र पशुओं के चारागाह में तब्दील हो चुके हैं। और इन दिनों यह ग्रामीणों के जलावन और पशुओं का चारा रखने के काम आ रहा है।


टिन के ढर्रे के भरोसे सीएम का 'मॉडल' सपना....


लिहाजा ईटीवी भारत की टीम सतपोखड़िया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की उस सेविका के घर पहुंची। जहां फिलहाल सेविका और इनके परिवार के सहयोग से बनाए गए टिन के ढर्रे में जैसे-तैसे आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है। बहरहाल
सीएम नीतीश कुमार का आंगनबाड़ियों को मॉडल बनाने का सपना टिन के ढर्रे के भरोसे नजर आ रहा है। जिसकी बुनियाद कभी भी धराशायी हो सकती है।


फर्श पर बैठ कपकपा रहे बिहार के होनहार...

आंगनबाड़ी सेविका वंदना कुमारी कहती हैं कि उनके और गांव के बच्चों में साल 2013 में तब खुशी की लहर दौड़ पड़ी, जब सतपोखड़िया में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण का कार्य शुरू हुआ। हालांकि उनकी यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी, बेहद जल्द उनके इस इंतेजार पर जैसे अमावस्या का ग्रहण लग गया। इसके कंप्लीट होने की राह देखते-देखते साल दर साल 5 साल गुजर गए। मगर आज तलक मॉडल आंगनबाड़ी का मॉडल तैयार नहीं हो सका। यही वजह है कि बरसात में जहां आंगनबाड़ी केंद्र मजबूरन बंद करना पड़ता है। वहीं इस सर्द में बच्चे पाले में तब्दील हो चुकी मिट्टी के फर्श पर बैठने से गुरेज करते हैं। । जैसे-जैसे ठंड बढ़ता जाएगा इनकी उपस्थिति का ग्राफ घटता जाएगा।

vo1- बंदना कुमारी , आंगनबाड़ी शिक्षिका


5 साल से निर्माण की बाट जोह रहा आंगनबाड़ी केंद्र.....

वहीं इस संबंध में ईटीवी भारत ने पंचायत के उस मुखिया
से बात की। मुखिया युगल हांसदा बताते हैं कि इस आंगनबाड़ी के निर्माण का काम आज से 5 साल पहले साल 2013 में शुरू हुआ था। लिहाजा इसे कुल 7 लाख की लागत से पूरा किया जाना था। मगर इसके निर्माण पर खर्च हुए बकाए रुपयों की अदायगी सरकार के फंड की लेटलतीफी के कारण नहीं की जा सकी। यही वजह है कि आज यह भवन पशुओं का चारागाह बन गया है। तो वहीं आंगनबाड़ी सेविका को मजबूरन अपने घर से लगे टीन के झोपड़े में बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है।

vo 2- मुखिया युगल हांसदा- सतपोखड़िया पंचायत



जल्द पूरा होगा सतपोखड़िया मॉडल आंगनबाड़ी का काम...

वहीं ईटीवी भारत ने इस गंभीर मसले से नगर प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर को अवगत कराया। लिहाज़ा इस मामले पर संज्ञान लेते हुए बीडीओ राकेश कुमार ने कहा कि ईटीवी भारत द्वारा प्रकाश में लाए गए इस मामले की जांच की जायेगी। इसके लिए जिम्मेवार लोगों को दंडित किए जाने के साथ ही बेहद जल्द अधर में लटके इसके काम को पूरा किया जाएगा। मॉडल आंगनबाड़ी सतपोखड़िया में बनकर तैयार होगा।

vo 3- बीडीओ के. नगर प्रखंड ,राकेश कुमार











Conclusion:बहरहाल बुनियादी शिक्षा के इस गंभीर मसले को चूल्हे के नोक पर रखकर सुशासन की सरकार का बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में सरताज बनाने के सपने देखना आसमान में किल ठोकने जैसा है।
Last Updated : Dec 22, 2019, 2:15 PM IST
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