पूर्णिया: जिले के सदर अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. अस्पताल में मरीज के भर्ती होने के बाद इलाज में देरी की जा रही है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सिर्फ पैरवी और पैसे वालों का इलाज होता है. हालांकि, अस्पताल अधीक्षक ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है.
बताया जाता है कि यहां के बनमनखी प्रखंड स्थित औराही के अभिषेक कुमार का रोड एक्सीडेंट में पैर टूट गया था, जिसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि मरीज के भर्ती होने के चार दिन बाद भी डॉक्टर इलाज में कोताही बरत रहे हैं.
'रेफर करने की मिलती है सलाह'
परिजन बताते हैं कि अभिषेक के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से डॉक्टर इलाज में ढ़ीला रवैया अपना रहे हैं. पहले मरीज को भर्ती कर लिया गया. फिर प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर कर दिया गया. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण डॉक्टर उन्हें परेशान कर रहे हैं. परिजन बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में पैरवी के बाद अभिषेक को फिर से री एडमिट किया गया. परिजनों ने कहा कि मरीज का पैर फ्रैक्चर होने के बाद भी अस्पताल उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है. यहां सिर्फ प्राइवेट अस्पताल में जाने की सलाह दी जाती है. जबकि डॉक्टर को इस बात की जानकारी भी है कि मरीज गरीब परिवार से आता है, फिर भी इलाज में लापरवाही बरती जा रही है.
मरीज का क्या है कहना ?
मरीज अभिषेक ने कहा कि इलाज के नाम पर सिर्फ मजाक हो रहा है. न तो ठीक से ड्रेसिंग हो रही है और न ही कोई ट्रीटमेंट. डॉक्टर बस हाल जानकर चले जाते हैं. उन्होंने बताया कि मामूली दवाई और सूई से काम चल रहा है. नतीजतन धीरे-धीरे पैर का जख्म और भी बढ़ता जा रहा है.
आरोप निराधार- अस्पताल अधीक्षक
वहीं, अस्पताल अधीक्षक इंद्र नारायण झा ने इन आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि जो भी आरोप परिजन लगा रहे हैं, वह बेबुनियाद है. मरीज का इलाज ठीक तरीके से हो रहा है. हालत क्रिटिकल होने के कारण रेफर किया गया था. अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में अमीर-गरीब देखकर इलाज नहीं होता है.