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पूर्णिया: समान वेतन को लेकर आयुष डॉक्टरों का हल्ला बोल, 15 मई तक का दिया अल्टीमेटम - Government ultimatum till 15 May

पूर्णिया सदर अस्पताल के आयुष डॉक्टर ने 6 सूत्री मांग को ले काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे 15 मई से होम आइसोलेशन में चले जाएंगे.

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Published : May 13, 2021, 8:11 AM IST

पूर्णिया: सदर अस्पताल पूर्णिया में तैनात आयुष डॉक्टरों ने अपने 6 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वे लोग होम आईसोलेशन में चले जाएंगे. इसके बाद अगर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: कोरोना के शक में दो दिन तक पड़ी रही लाश, BDO ने दी मुखाग्नि

समान वेतन को लेकर आयुष चिकित्सकों का प्रदर्शन
आयुष डॉक्टरों ने कहा कि सामान काम के लिए समान वेतन की मंजूरी होनी चाहिए. उन्हें भी एमबीबीएस डॉक्टरों के जितना वेतनमान मिलना चाहिए. आयुष डॉक्टरों ने बताया कि इसके लिए कैबिनेट ने 2018 में ही बिल पास किया था. उस समय एमबीबीएस डॉक्टरों को 44 हजार रुपये वेतन मिलता था, जो फरवरी 2019 में बढ़ाकर 65 हजार रुपये किया गया. मगर इसका फायदा अभी तक आयुष डॉक्टरों को नहीं मिल पाया है.

देखें रिपोर्ट

वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें भी कोरोना काल में एमबीबीएस डॉक्टरों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिले. साथ ही उनके लिए अस्पताल में स्पेशल बेड का इंतजाम किया जाए.

'हम लोगों की मुख्य 6 मांग है. 2018 में समान वेतन दिया जाएगा. जिसके बाद एमबीबीएस के तर्ज पर 44 हजार रुपये दिया जाने लगा. फिर 2019 में एमबीबीएस का वेतनमान को बढ़ाकर 65 हजार रुपये किया गया, लेकिन हमें अभी तक नहीं मिला. हमें पर्मानेंट किया जाए'.- डॉक्टर सहादत हुसैन, आयुष डॉक्टर

अगर हमारी मांगी नहीं मानी गई तो हम आयुष डॉक्टर होमआइसोलेशन में चले जाएंगे.- डॉ. आरपी सिंह, आयुष डॉक्टर

यह भी पढ़ें; सुशील मोदी ने दी नीतीश को सलाह- 'कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ केंद्र पर निर्भर न रहें'

पूर्णिया: सदर अस्पताल पूर्णिया में तैनात आयुष डॉक्टरों ने अपने 6 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वे लोग होम आईसोलेशन में चले जाएंगे. इसके बाद अगर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

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समान वेतन को लेकर आयुष चिकित्सकों का प्रदर्शन
आयुष डॉक्टरों ने कहा कि सामान काम के लिए समान वेतन की मंजूरी होनी चाहिए. उन्हें भी एमबीबीएस डॉक्टरों के जितना वेतनमान मिलना चाहिए. आयुष डॉक्टरों ने बताया कि इसके लिए कैबिनेट ने 2018 में ही बिल पास किया था. उस समय एमबीबीएस डॉक्टरों को 44 हजार रुपये वेतन मिलता था, जो फरवरी 2019 में बढ़ाकर 65 हजार रुपये किया गया. मगर इसका फायदा अभी तक आयुष डॉक्टरों को नहीं मिल पाया है.

देखें रिपोर्ट

वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें भी कोरोना काल में एमबीबीएस डॉक्टरों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिले. साथ ही उनके लिए अस्पताल में स्पेशल बेड का इंतजाम किया जाए.

'हम लोगों की मुख्य 6 मांग है. 2018 में समान वेतन दिया जाएगा. जिसके बाद एमबीबीएस के तर्ज पर 44 हजार रुपये दिया जाने लगा. फिर 2019 में एमबीबीएस का वेतनमान को बढ़ाकर 65 हजार रुपये किया गया, लेकिन हमें अभी तक नहीं मिला. हमें पर्मानेंट किया जाए'.- डॉक्टर सहादत हुसैन, आयुष डॉक्टर

अगर हमारी मांगी नहीं मानी गई तो हम आयुष डॉक्टर होमआइसोलेशन में चले जाएंगे.- डॉ. आरपी सिंह, आयुष डॉक्टर

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