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पूर्णिया: एक ऐसा इंसान जो अपनी जिंदगी पशुओं के पीछे समर्पित कर दी, पशु को बचाने में चली गई जान

मृतक राजेंद्र के भाई की माने तो बचपन से ही राजेंद्र को पशु-पक्षी से काफी लगाव था. वह अपना सारा समय पशु-पक्षी के पीछे ही व्यतीत करता था.

पूर्णिया
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Published : Aug 2, 2020, 9:26 PM IST

पूर्णिया: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजिगंज में एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई. डूबने का कारण पशु की जान बचाना बताया जा रहा है. 45 वर्षीय राजेंद्र जो बचपन से पशु-पक्षी के पीछे अपनी सारी जिंदगी सुपुर्द कर चुका था और इसी वजह से वो शादी भी नहीं किया था. वहीं रविवार को नदी में फंसे गाय को बचाने के क्रम में उसकी जान चली गई.

पशु-पक्षी से था लगाव
मृतक राजेंद्र के भाई की माने तो बचपन से ही राजेंद्र को पशु-पक्षी से काफी लगाव था. वह अपना सारा समय पशु-पक्षी के पीछे ही व्यतीत करता था. घरवाले उसे काफी समझाते भी थे. लेकिन वो किसी की नहीं सुनता था. राजेंद्र अपने परिवार और समाज को छोड़ पशु-पक्षी के पीछे ही लगा रहता था. रोजमर्रा की तरह वह अपने पशु को चराने के लिए गांव के बगल से गुजरने वाली नदी के धार को टप रहा था. इसी बीच राजेंद्र के एक गाय नदी के धार में फंस गई. जिसे निकालने के लिए वो धार में उतरा और गाय की जान तो बचा लिया. लेकिन अपनी जान गंवा बैठा.

देखें पूरी रिपोर्ट

पशु को बचाने में चली गई जान
परिजन का कहना है कि उसे बार-बार शादी के लिए मनाने की कोशिश की गई. लेकिन राजेंद्र को इस बात का डर था कि अगर उसकी शादी हो जाती है और पत्नी पशु-पक्षी से उसको दूर कर देगी, तो वह जी नहीं सकेगा. इसी वजह से उसने शादी नहीं की. आज के समय में जहां लोग एक दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठते हैं. वहीं राजेंद्र एक मिसाल के रूप में अपनी जिंदगी काट रहा था. जिसने पशु-पक्षी के चलते शादी तक नहीं की. यह कहना गलत नहीं होगा कि आज एक पशु प्रेमी की जान पशु को बचाने में चली गई.

पूर्णिया: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजिगंज में एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई. डूबने का कारण पशु की जान बचाना बताया जा रहा है. 45 वर्षीय राजेंद्र जो बचपन से पशु-पक्षी के पीछे अपनी सारी जिंदगी सुपुर्द कर चुका था और इसी वजह से वो शादी भी नहीं किया था. वहीं रविवार को नदी में फंसे गाय को बचाने के क्रम में उसकी जान चली गई.

पशु-पक्षी से था लगाव
मृतक राजेंद्र के भाई की माने तो बचपन से ही राजेंद्र को पशु-पक्षी से काफी लगाव था. वह अपना सारा समय पशु-पक्षी के पीछे ही व्यतीत करता था. घरवाले उसे काफी समझाते भी थे. लेकिन वो किसी की नहीं सुनता था. राजेंद्र अपने परिवार और समाज को छोड़ पशु-पक्षी के पीछे ही लगा रहता था. रोजमर्रा की तरह वह अपने पशु को चराने के लिए गांव के बगल से गुजरने वाली नदी के धार को टप रहा था. इसी बीच राजेंद्र के एक गाय नदी के धार में फंस गई. जिसे निकालने के लिए वो धार में उतरा और गाय की जान तो बचा लिया. लेकिन अपनी जान गंवा बैठा.

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पशु को बचाने में चली गई जान
परिजन का कहना है कि उसे बार-बार शादी के लिए मनाने की कोशिश की गई. लेकिन राजेंद्र को इस बात का डर था कि अगर उसकी शादी हो जाती है और पत्नी पशु-पक्षी से उसको दूर कर देगी, तो वह जी नहीं सकेगा. इसी वजह से उसने शादी नहीं की. आज के समय में जहां लोग एक दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठते हैं. वहीं राजेंद्र एक मिसाल के रूप में अपनी जिंदगी काट रहा था. जिसने पशु-पक्षी के चलते शादी तक नहीं की. यह कहना गलत नहीं होगा कि आज एक पशु प्रेमी की जान पशु को बचाने में चली गई.

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