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पूर्णिया: बंद के समर्थन में जिले के 7 हजार दवा व्यवसायी हड़ताल पर, दी आंदोलन की चेतावनी

इस बाबत एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ड्रग एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार समेत जिले की सभी दवा दुकानों को 22-24 जनवरी तक बंद रखा गया है.

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Published : Jan 22, 2020, 6:14 PM IST

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पूर्णियाः केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बुलाए गए 3 दिवसीय बंद के समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानकार बुधवार से धरने पर हैं. इस दौरान धरने के समर्थन में जिले के सभी दवा दुकानों पर ताले लटकते दिखाई दिए.

वहीं, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दवा दुकानकारों ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं सुनती, तो दवा के अभाव में जान गंवाने वाले मरीजों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार होगी.

बंद को 7 हजार दवा विक्रेताओं का समर्थन
इस बाबत एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार समेत जिले की सभी दवा दुकानों को 22-24 जनवरी तक बंद रखा गया है. जिसके समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानदार धरने पर हैं. आगे उन्होंने कहा कि जिले में हजारों दवा दुकान है. इस हिसाब से फार्मासिस्टों की संख्या गिनती भर है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मरीजों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार'
सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को व्यवसाय विरोधी बताते हुए एसोसिएशन सचिव आतिश सफी अंसारी ने कहा कि फार्मासिस्ट से जुड़े पुराने कानून की आज के दौड़ में कोई जरूरत नहीं है. व्यवसायी दवा नहीं लिखते, लेकिन डॉक्टर के लिखे गए दवाइयों का कंपोजिशन पढ़ दवा देने का काम करते हैं. जिसे सरकार को समझने की जरूरत है.

इस बाबत सरकार को सख्त शब्दों में चेतावनी देते हुए दुकानकारों ने कहा कि अभी यह बंद सिर्फ तीन दिनों की है. आगे सरकार नहीं झुकती है तो यह बंद अनिश्चितकालीन होगा. मरने वालों की असल जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी.

पूर्णियाः केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बुलाए गए 3 दिवसीय बंद के समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानकार बुधवार से धरने पर हैं. इस दौरान धरने के समर्थन में जिले के सभी दवा दुकानों पर ताले लटकते दिखाई दिए.

वहीं, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दवा दुकानकारों ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं सुनती, तो दवा के अभाव में जान गंवाने वाले मरीजों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार होगी.

बंद को 7 हजार दवा विक्रेताओं का समर्थन
इस बाबत एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार समेत जिले की सभी दवा दुकानों को 22-24 जनवरी तक बंद रखा गया है. जिसके समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानदार धरने पर हैं. आगे उन्होंने कहा कि जिले में हजारों दवा दुकान है. इस हिसाब से फार्मासिस्टों की संख्या गिनती भर है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मरीजों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार'
सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को व्यवसाय विरोधी बताते हुए एसोसिएशन सचिव आतिश सफी अंसारी ने कहा कि फार्मासिस्ट से जुड़े पुराने कानून की आज के दौड़ में कोई जरूरत नहीं है. व्यवसायी दवा नहीं लिखते, लेकिन डॉक्टर के लिखे गए दवाइयों का कंपोजिशन पढ़ दवा देने का काम करते हैं. जिसे सरकार को समझने की जरूरत है.

इस बाबत सरकार को सख्त शब्दों में चेतावनी देते हुए दुकानकारों ने कहा कि अभी यह बंद सिर्फ तीन दिनों की है. आगे सरकार नहीं झुकती है तो यह बंद अनिश्चितकालीन होगा. मरने वालों की असल जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी.

Intro:केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आहान पर बुलाए गए 3 दिवसीय बंद के समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानकार आज से धरने पर हैं। इस दौरान धरने के समर्थन में जिले के सभी दवा दुकानों पर ताले लटकते दिखाई दिए। दवा विक्रेताओं ने पूरी तरह अपने दुकानों को बंद रखा है। वहीं अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दवा दुकानकारों ने सरकार को सख्त अंदाज में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं सुनती। तो दवा के आभाव में जान गंवाने वाले मरीजों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार होगी।



Body:एसोसिएशन के बंद का दिख रहा व्यापक असर....

वहीं धरने के आयोजन मेडिकल हब के नाम से मशहूर लाइन बाजार चौक पर किया गया। जिसके समर्थन में आज सैकड़ों दुकानदार धरने पर बैठे नजर आए। कुछ ऐसी ही तस्वीरें जिले के बाकी प्रखंडों से भी सामने आई। जहां दवा की सभी खुदरा व थोक दुकानें बंद रहीं। वहीं इसके चलते मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


बंद को 7 हजार दवा विक्रेताओं का समर्थन.....


इस बाबत एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष कु सिंह ने कहा कि ड्रग एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार समेत जिले की सभी दवा दुकानों को 22 -24 जनवरी तक बंद रखा गया है। जिसका एक मात्र मकसद सरकार की ओर से सभी दवा दुकानों में अनिवार्य रूप से फार्मासिस्ट रखने के लिए गए तुगलकी फरमान का विरोध करना है। जिसके समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानदार धरने पर हैं। आगे उन्होंने कहा कि जिले में हजारों दवा दुकान हैं इस हिसाब से फार्मासिस्टों की संख्या गिनती भर है। ऐसे में एक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों के स्टर गिर जाएंगे।


जान गंवाने वाले मरीजों की कुसूरवार होगी सरकार: एसोसिएशन..


लिहाजा सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को व्यवसाय विरोधी बताते हुए एसोसिएशन सचिव आतिशसफी अंसारी ने कहा कि फार्मासिस्ट से जुड़े पुराने कानून की आज के दौड़ में कोई कोई जरूरत नहीं। व्यवसायी दवा नहीं लिखते डॉक्टर के लिखे गए दवाइयों का कंपोजिशन पढ़ दवा देने का काम करते हैं। जिसे सरकार को समझने की जरूरत है। इस बाबत सरकार को सख्त शब्दों में चेतावनी देते हुए दुकानकारों ने कहा कि अभी यह बंद सिर्फ तीन दिनों की है आगे सरकार नहीं झुकती तो यह बंद अनिश्चितकालीन होगा। मरने वालों की असल जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।



1बाईट-एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष, संतोष कु सिंह
2बाईट- एसोसिएशन सचिव ,आतिशसफी अंसारी
3 बाईट- एसोसिएशन जनरल सैक्रेटरी, लाल मोहन सिंह



Conclusion:
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