पूर्णियाः केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बुलाए गए 3 दिवसीय बंद के समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानकार बुधवार से धरने पर हैं. इस दौरान धरने के समर्थन में जिले के सभी दवा दुकानों पर ताले लटकते दिखाई दिए.
वहीं, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दवा दुकानकारों ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं सुनती, तो दवा के अभाव में जान गंवाने वाले मरीजों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार होगी.
बंद को 7 हजार दवा विक्रेताओं का समर्थन
इस बाबत एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार समेत जिले की सभी दवा दुकानों को 22-24 जनवरी तक बंद रखा गया है. जिसके समर्थन में जिले के 7 हजार दवा दुकानदार धरने पर हैं. आगे उन्होंने कहा कि जिले में हजारों दवा दुकान है. इस हिसाब से फार्मासिस्टों की संख्या गिनती भर है.
'मरीजों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार'
सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को व्यवसाय विरोधी बताते हुए एसोसिएशन सचिव आतिश सफी अंसारी ने कहा कि फार्मासिस्ट से जुड़े पुराने कानून की आज के दौड़ में कोई जरूरत नहीं है. व्यवसायी दवा नहीं लिखते, लेकिन डॉक्टर के लिखे गए दवाइयों का कंपोजिशन पढ़ दवा देने का काम करते हैं. जिसे सरकार को समझने की जरूरत है.
इस बाबत सरकार को सख्त शब्दों में चेतावनी देते हुए दुकानकारों ने कहा कि अभी यह बंद सिर्फ तीन दिनों की है. आगे सरकार नहीं झुकती है तो यह बंद अनिश्चितकालीन होगा. मरने वालों की असल जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी.