पटना: बेतिया में सरेंडर करने वाला यूट्यूबर मनीष कश्यप फिलहाल ईओयू की रिमांड (Manish Kashyap On Three Days Remand Of EOU) पर है. उससे तमिलनाडु मामले को लेकर पूछताछ की जा रही है. गुरुवार सुबह तक के लिए उसकी कस्टडी एक बार फिर बढ़ा दी गई है. पिछले दिनों उसने आर्थिक अपराध इकाई और स्थानीय पुलिस की बढ़ती दबिश के बाद बेतिया के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद उसे जांच टीम पटना लेकर आई गई थी.
ये भी पढ़ें: Manish Kashyap Case: तमिलनाडु मामले में पहले बनाया फर्जी VIDEO, गिरफ्तार हुआ तो फफक-फफक कर रो पड़ा
तीन दिनों की रिमांड पर मनीष कश्यप: यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो बनाने और उसे पोस्ट करने का आरोप है. उसके खिलाफ पटना में जहां आर्थिक अपराध इकाई ने केस दर्ज किया था. वहीं, तमिलनाडु में भी वहां की स्थानीय पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी. मनीष के सरेंडर करने के बाद तमिलनाडु की पुलिस भी पटना आकर उससे पूछताछ की थी.
बेतिया में मनीष ने किया सरेंडर: तमिलनाडु फर्जी वीडियो मामले में मनीष कश्यप समेत चार आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमें राकेश तिवारी और अमन कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था लेकिन मनीष लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. वहीं एक पुराने मामले में बेतिया पुलिस ने जब उसके घर की कुर्की-जब्ती का कार्रवाई शुरू की तो अचानक उसने जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया था.
पूछताछ में मनीष का खुलासा: सूत्र बताते हैं कि आर्थिक अपराध इकाई की पूछताछ में मनीष ने कई अहम खुलासे किए हैं. उसने बताया कि वह कई बड़े राजनेताओं के संपर्क में था. उन्हीं सफेदपोशों की मदद से वह लगातार ठिकाना बदल रहा था. बीजेपी और जेडीयू के नेताओं से मदद मिलने की बात उसने स्वीकारी है. साथ ही उसने माना है कि तमिलनाडु मामले में उससे गलती हुई. इस बीच उसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह फफक-फफक कर रोता दिख रहा था.