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विश्व पर्यावरण दिवस: धनरूआ में युवाओं की टीम बना रही 'बीज बम', 10 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य

बीज बम पद्धति की शुरुआत सबसे पहले जापान में शुरू हुई थी. एक तरफ जहां पौधा रोपने के लिए गड्ढा खोदना और पानी सींचने के झंझट से मुक्ति पाने के लिए उन्हें बीज बम तैयार किया गया था. यह प्रयोग आज पूरे देश भर में अपनाई जा रही है.

youth is making seed bomb in Dhanrua
youth is making seed bomb in Dhanrua
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Published : Jun 5, 2021, 10:43 AM IST

पटना (धनरूआ): वन विभाग के पौधारोपण ( Plantation ) पर कोरोना के बादल छा गए हैं. ऐसे में विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day ) के मौके पर पौधा संरक्षण और हरियाली योजना के तहत पटना के ग्रामीण इलाकों में युवाओं की टीम बीज बम ( Seed Bomb ) बना रहे है. बम का मतलब जानलेवा नहीं, बल्कि एक ऐसा बम जो हरियाली का घोतक है.

यह भी पढ़ें - बड़ा सवाल- क्या 5 जून से 9 अगस्त तक वन विभाग लगा पाएगा 5 करोड़ पौधे?

बताया जाता है कि मिट्टी, जैविक खाद, गोबर एवं बीज मिलाकर गोल एक बीज बम तैयार करते हैं. बीज बम बनाकर मानसून से पहले यानी जुलाई से लेकर सितंबर तक जगह-जगह पर खाली जगह पर ट्रेनों और बसों के माध्यम से इधर-उधर फेंके जाते हैं. जिससे बारिश में वह अंकुरित हो जाती है और वहां पेड़ जमने लगता है.

देखें वीडियो

10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य
कोरोना की दूसरी लहर के बीच हर तरफ ऑक्सीजन को लेकर मारामारी हो रही है. ऐसे में युवाओं ने पूरे धनवार प्रखंड में 10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है. इसे तीन फेज में पटना से गया तक की रूटों में जाकर और जगह-जगह पर बीज बम बनाकर उसे ट्रेनों और बसों के माध्यम से सड़कों के किनारे और खाली जगहों पर फेंक कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे.

youth is making seed bomb in Dhanrua
धनरुआ में बीज बम बना रही युवाओं की टीम

यह भी पढ़ें - पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 'द यंग लीडर्स प्लास्टिक चैंपियन' से नवाजे गए बगहा के शिक्षक सुनील राउत

गौरतलब है कि, बीज बम पद्धति की शुरुआत सबसे पहले जापान में शुरू हुई थी. एक तरफ जहां पौधा रोपने के लिए गड्ढा खोदना और पानी सींचने के झंझट से मुक्ति पाने के लिए उन्हें बीज बम तैयार किया गया था. यह प्रयोग आज पूरे देश भर में अपनाई जा रही है. ऐसे में यह ग्रामीण इलाकों में युवाओं ने भी अपनाया है और पौधा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बीज बम तैयार कर जगह-जगह पर उसे छोड़कर पौधारोपण करेंगे.

पटना (धनरूआ): वन विभाग के पौधारोपण ( Plantation ) पर कोरोना के बादल छा गए हैं. ऐसे में विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day ) के मौके पर पौधा संरक्षण और हरियाली योजना के तहत पटना के ग्रामीण इलाकों में युवाओं की टीम बीज बम ( Seed Bomb ) बना रहे है. बम का मतलब जानलेवा नहीं, बल्कि एक ऐसा बम जो हरियाली का घोतक है.

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बताया जाता है कि मिट्टी, जैविक खाद, गोबर एवं बीज मिलाकर गोल एक बीज बम तैयार करते हैं. बीज बम बनाकर मानसून से पहले यानी जुलाई से लेकर सितंबर तक जगह-जगह पर खाली जगह पर ट्रेनों और बसों के माध्यम से इधर-उधर फेंके जाते हैं. जिससे बारिश में वह अंकुरित हो जाती है और वहां पेड़ जमने लगता है.

देखें वीडियो

10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य
कोरोना की दूसरी लहर के बीच हर तरफ ऑक्सीजन को लेकर मारामारी हो रही है. ऐसे में युवाओं ने पूरे धनवार प्रखंड में 10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है. इसे तीन फेज में पटना से गया तक की रूटों में जाकर और जगह-जगह पर बीज बम बनाकर उसे ट्रेनों और बसों के माध्यम से सड़कों के किनारे और खाली जगहों पर फेंक कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे.

youth is making seed bomb in Dhanrua
धनरुआ में बीज बम बना रही युवाओं की टीम

यह भी पढ़ें - पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 'द यंग लीडर्स प्लास्टिक चैंपियन' से नवाजे गए बगहा के शिक्षक सुनील राउत

गौरतलब है कि, बीज बम पद्धति की शुरुआत सबसे पहले जापान में शुरू हुई थी. एक तरफ जहां पौधा रोपने के लिए गड्ढा खोदना और पानी सींचने के झंझट से मुक्ति पाने के लिए उन्हें बीज बम तैयार किया गया था. यह प्रयोग आज पूरे देश भर में अपनाई जा रही है. ऐसे में यह ग्रामीण इलाकों में युवाओं ने भी अपनाया है और पौधा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बीज बम तैयार कर जगह-जगह पर उसे छोड़कर पौधारोपण करेंगे.

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