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पटना: नवरात्र के तीसरे दिन हो रही मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना

नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की आराधान की जाती है. मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटी के आकार का अर्ध चंद्रमा विराजित है. इसी कारण से मां को यह नाम दिया गया है.

शीतला मंदिर पटना
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Published : Oct 1, 2019, 10:29 AM IST

पटना: नवरात्र का तीसरा दिन है. आज मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मां का यह तोजोमय स्वरूप शक्ति प्रदान करने वाला होता है. राजधानी के अगमकुआं स्थित शीतला मंदिर में नवरात्र के तीसरे दिन काफी चहल-पहल देखी जा रही है.

पटना
शीतला मंदिर में पूजा-करती महिलाएं

मंदिरों और पंडालों में हो रही पूजा-अर्चना
नवरात्र के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजन सभी देवी मंदिरों में किया जा रहा है. सभी पूजा पंडालों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों का उच्चारण चल रहा है. राजधानी के सभी देवी मन्दिरो में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है. ऐसी धारणा है कि मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. शहर के अगमकुआं के शीतला मंदिर में भी लोग पूजा करने के लिए दूर-दूर से आ रहें हैं. मंदिर के पुजारी ने बताया कि राजधानी में शीतला माता मंदिर का विशेष स्थान है. नवरात्र के समय यहां पूजा करने के लिए काफी लोग आते हैं.

नवरात्र के तीसरे दिन हो रही मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस बढ़ता है और भय से मुक्ति मिलती है. मां की दस भुजाएं हैं जो अस्त्रों और शस्त्रों से सुशोभित है. मां की सवारी सिंह है. तंत्र साधना में मां का यह स्वरूप मणिपुर चक्र को जागृत करता है. चंद्रघंटा माता हमेशा दुष्टों का संहार करने के लिए तैयार रहती हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मंगल ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है. इसलिए नवरात्र में तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए. मां की विधिवत पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

पटना: नवरात्र का तीसरा दिन है. आज मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मां का यह तोजोमय स्वरूप शक्ति प्रदान करने वाला होता है. राजधानी के अगमकुआं स्थित शीतला मंदिर में नवरात्र के तीसरे दिन काफी चहल-पहल देखी जा रही है.

पटना
शीतला मंदिर में पूजा-करती महिलाएं

मंदिरों और पंडालों में हो रही पूजा-अर्चना
नवरात्र के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजन सभी देवी मंदिरों में किया जा रहा है. सभी पूजा पंडालों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों का उच्चारण चल रहा है. राजधानी के सभी देवी मन्दिरो में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है. ऐसी धारणा है कि मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. शहर के अगमकुआं के शीतला मंदिर में भी लोग पूजा करने के लिए दूर-दूर से आ रहें हैं. मंदिर के पुजारी ने बताया कि राजधानी में शीतला माता मंदिर का विशेष स्थान है. नवरात्र के समय यहां पूजा करने के लिए काफी लोग आते हैं.

नवरात्र के तीसरे दिन हो रही मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस बढ़ता है और भय से मुक्ति मिलती है. मां की दस भुजाएं हैं जो अस्त्रों और शस्त्रों से सुशोभित है. मां की सवारी सिंह है. तंत्र साधना में मां का यह स्वरूप मणिपुर चक्र को जागृत करता है. चंद्रघंटा माता हमेशा दुष्टों का संहार करने के लिए तैयार रहती हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मंगल ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है. इसलिए नवरात्र में तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए. मां की विधिवत पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

Intro:नवरात्र के तीसरे दिन माँ चन्द्रघण्टा की पूजन सभी देवी मंदिर एवम पूजा पंडालों में वैदिक मन्त्रो के साथ संपन्न किया जा रहा है।


Body:माँ चन्द्रघण्टा से जो भक्त सच्चे दिल से जो भी पूजा करते माता उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति करती है इनके पूजा अर्चना से सुख-शांति समृधि की मिलती है।


Conclusion:स्टोरी:-माता चन्द्रघण्टा की पूजन।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-01-10-019.
एंकर:-पटना सिटी,नवरात्र के तीसरे दिन माँ चन्द्रघण्टा की पूजन सभी देवी मंदिरों एवम पूजा पंडालों में सुवह से ही वैदिक मंत्रों के साथ श्रद्धालुओ द्वारा हो रहा है।राजधानी के सभी देवी मन्दिरो में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है।ऐसी धारणा है कि माँ चन्द्रघण्टा की पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है शक्तिपीठ अगमकुआँ शीतला मन्दिर में माँ चन्द्रघण्टा एवम शितला माता की पूजा बड़े ही धूमधाम से कर रहे है।जय माता दी कि गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।
बाईट(अमरनाथ पुजारी,और महेश पासवान-श्रद्धालु)
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