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Shardiya Navratri 2022: छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानें पूजन विधि, मंत्र और भोग - ईटीवी भारत न्यूज

आज नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा (Worship of Maa Katyayani) की जा रही है. पटना के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. आइए जानते हैं मंत्र और पूजा करने की विधि-विधान...

मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
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Published : Oct 1, 2022, 6:00 AM IST

पटना: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन (Sixth Day Of Navratri) है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही शुभ और पवित्र दिन माना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान के अनुसार करने से शक्ति, सफलता और प्रसिद्धि का वरदान प्राप्त होता है. वहीं, आज नवरात्रि के छठे दिन पटना के सभी देवी मंदिरों में मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2022: तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस विधि व नियम के बिना व्रत का नहीं मिलेगा फल

माता ने किया था महिषासुर का वध: कहा जाता है कि मां कात्यायनी ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था. जिस कारण मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है. माना जाता है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा. मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है.

माता को शहद से बनी चीजें का भोग: माता कात्यायनी का शरीर सोने की तरह चमकीला है और चार भुजा है. इनकी सवारी सिंह है. मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है. साथ ही दूसरे हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है. मां कात्यायनी को शहद या शहद से बनी चीजें और पान का भोग लगाया जाता है.

लाल कपड़ा बिछाकर करें स्थापित: मां कत्यायनी को लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए. इसके बाद मां की पूजा उसी तरह की जाए जैसे कि नवरात्रि के बाकि दिनों में अन्य देवियों की जाती है. इस दिन पूजा में शहद का प्रयोग करना चाहिए. मां को भोग लगाने के बाद इसी शहद से बने प्रसाद को ग्रहण करना शुभ माना गया है. छठे दिन देवी कात्यायनी को पीले रंग से सजाना चाहिए. इसके साथ ही मंत्र के साथ पूजा की जानी चाहिए. जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है.

इस मंत्र से करें मां का पूजन

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ।।

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2022 : इस बार हाथी पर सवार होकर आ मां दुर्गा, जानें शुभ या अशुभ हैं इसके संकेत?

पटना: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन (Sixth Day Of Navratri) है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही शुभ और पवित्र दिन माना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान के अनुसार करने से शक्ति, सफलता और प्रसिद्धि का वरदान प्राप्त होता है. वहीं, आज नवरात्रि के छठे दिन पटना के सभी देवी मंदिरों में मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है.

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माता ने किया था महिषासुर का वध: कहा जाता है कि मां कात्यायनी ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था. जिस कारण मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है. माना जाता है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा. मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है.

माता को शहद से बनी चीजें का भोग: माता कात्यायनी का शरीर सोने की तरह चमकीला है और चार भुजा है. इनकी सवारी सिंह है. मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है. साथ ही दूसरे हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है. मां कात्यायनी को शहद या शहद से बनी चीजें और पान का भोग लगाया जाता है.

लाल कपड़ा बिछाकर करें स्थापित: मां कत्यायनी को लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए. इसके बाद मां की पूजा उसी तरह की जाए जैसे कि नवरात्रि के बाकि दिनों में अन्य देवियों की जाती है. इस दिन पूजा में शहद का प्रयोग करना चाहिए. मां को भोग लगाने के बाद इसी शहद से बने प्रसाद को ग्रहण करना शुभ माना गया है. छठे दिन देवी कात्यायनी को पीले रंग से सजाना चाहिए. इसके साथ ही मंत्र के साथ पूजा की जानी चाहिए. जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है.

इस मंत्र से करें मां का पूजन

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ।।

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