ETV Bharat / state

Navratri 2021: तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस विधि व नियम के बिना व्रत का नहीं मिलेगा फल

नवरात्रि का त्योहार 8 अक्टूबर से शुरू हो गया है. नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों के पूजन का विधान है. वहीं, आज तीसरे दिन मां दुर्गा के मां चंद्रघंटा रूप का पूजन होता है. आइये जानते हैं मां चंद्रघंटा के पूजन का विधि-विधान और मंत्र...

िन
िन
author img

By

Published : Oct 9, 2021, 9:52 AM IST

पटना: आज शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri ) का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन यानी की आज मां भगवती की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की आराधना की जाती है. आज का दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरुपों की पूजा करने का विधान है. माता चंद्रघंटा का स्वरूप परम शांति दायक और कल्याणकारी होता है. बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला होता है और माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान होता है.

इसे भी पढ़ें: Navratri 2021: पहले दिन मां तारा चंडी शक्तिपीठ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानें क्या है महिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही है. जिसके कारण मां चंद्रघंटा और मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग एक ही दिन बन रहा है. आज शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि है और मां चंद्रघंटा के साथ कूष्मांडा माता का पूजन भी आज ही किया जाएगा. तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन होने के कारण इस बार नवरात्रि का समापन भी आठ दिन में हो जाएगा.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: Navratri 2021: पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानिए पूजन और कलश स्थापना के लाभ

वहीं, आचार्य रामा शंकर दुबे ने बताया कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से शोक संताप का नाश होता है. भक्त अगर श्रद्धा पूर्वक माता चंद्रघंटा की पूजा करते हैं, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्णं होती है. माता चंद्रघंटा असुरों का संहार करके संसार को भय से मुक्त की. 10 भुजा वाली माता के हर हाथ में अलग-अलग विभूषित है.

आचार्य ने बताया कि माता को उजला फूल बेहद पसंद है. जो भक्त माता का पूजा अर्चना करते हैं, वह आज के दिन दूध से बने मिष्ठान का भोग लगाते हैं. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में प्रतिदिन अदनान ध्यान करके माता को फूल, चंदन, रोली, और सिंदूर अर्पित करके माता का पाठ आरंभ करना चाहिए. जो भक्त सुख शांति पुत्र प्राप्ति की इच्छा से माता का ध्यान करते हैं उन्हें 108 बार मंत्र का जाप करना चाहिए.

सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः, मनुष्यो मतप्रसादेन भविष्यति न संशय

पुराने कथा के अनुसार जब सृष्टि पर असुरों का आतंक बढ़ गया था, तो उन्हें सबक सिखाने के लिए मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप में अवतार लिया था. वहीं, दैत्यों का राजा महिषासुर राजा इंद्र का सिंहासन हड़पना चाहता था. जिसके लिए माता को यह रूप धारण करना पड़ना था.

मां चंद्रघंटा पूजा के नियम

  • मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए श्रद्धालुओं को प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर पूजा स्थल पर संकल्प ले. उसके बाद विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
  • मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध से बनी चीजों का भोग जरूर लगाए. मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए. इससे मां अति प्रसन्न होती हैं.
  • मां के पूजन के समय श्रद्धालुओं को सुनहरे या पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. इससे माता भक्तों पर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देती हैं.
  • मां की पूजा के इस मंत्र- पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। का जाप अवश्य करना करना चाहिए.
  • मां को खुश करने के लिए सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करना चाहिए.
  • मां की पूजा के बाद कन्याओं को दूध में बनी खीर खिलाएं. इससे मां अति प्रसन्न होती है.

शारदीय नवरात्रि की तिथियां

7 अक्टूबर 2021गुरुवारप्रतिपदा घटस्थापनामां शैलपुत्री पूजा
8 अक्टूबर 2021शुक्रवारद्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा
9 अक्टूबर 2021शनिवारतृतीय, चतुर्थीमां चंद्रघंटा पूजा, मां कुष्मांडा पूजा
10 अक्टूबर 2021रविवारपंचमीमां स्कंदमाता पूजा
11 अक्टूबर 2021सोमवारषष्ठीमां कात्यायनी पूजा
12 अक्टूबर 2021मंगलवारसप्तमीमां कालरात्रि पूजा
13 अक्टूबर 2021बुधवारअष्टमीमां महागौरी दुर्गा पूजा
14 अक्टूबर 2021गुरुवारमहानवमीमां सिद्धिदात्री पूजा
15 अक्टूबर 2021शुक्रवारविजयादशमीविजयदशमी, दशहरा

पटना: आज शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri ) का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन यानी की आज मां भगवती की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की आराधना की जाती है. आज का दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरुपों की पूजा करने का विधान है. माता चंद्रघंटा का स्वरूप परम शांति दायक और कल्याणकारी होता है. बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला होता है और माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान होता है.

इसे भी पढ़ें: Navratri 2021: पहले दिन मां तारा चंडी शक्तिपीठ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानें क्या है महिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही है. जिसके कारण मां चंद्रघंटा और मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग एक ही दिन बन रहा है. आज शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि है और मां चंद्रघंटा के साथ कूष्मांडा माता का पूजन भी आज ही किया जाएगा. तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन होने के कारण इस बार नवरात्रि का समापन भी आठ दिन में हो जाएगा.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: Navratri 2021: पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानिए पूजन और कलश स्थापना के लाभ

वहीं, आचार्य रामा शंकर दुबे ने बताया कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से शोक संताप का नाश होता है. भक्त अगर श्रद्धा पूर्वक माता चंद्रघंटा की पूजा करते हैं, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्णं होती है. माता चंद्रघंटा असुरों का संहार करके संसार को भय से मुक्त की. 10 भुजा वाली माता के हर हाथ में अलग-अलग विभूषित है.

आचार्य ने बताया कि माता को उजला फूल बेहद पसंद है. जो भक्त माता का पूजा अर्चना करते हैं, वह आज के दिन दूध से बने मिष्ठान का भोग लगाते हैं. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में प्रतिदिन अदनान ध्यान करके माता को फूल, चंदन, रोली, और सिंदूर अर्पित करके माता का पाठ आरंभ करना चाहिए. जो भक्त सुख शांति पुत्र प्राप्ति की इच्छा से माता का ध्यान करते हैं उन्हें 108 बार मंत्र का जाप करना चाहिए.

सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः, मनुष्यो मतप्रसादेन भविष्यति न संशय

पुराने कथा के अनुसार जब सृष्टि पर असुरों का आतंक बढ़ गया था, तो उन्हें सबक सिखाने के लिए मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप में अवतार लिया था. वहीं, दैत्यों का राजा महिषासुर राजा इंद्र का सिंहासन हड़पना चाहता था. जिसके लिए माता को यह रूप धारण करना पड़ना था.

मां चंद्रघंटा पूजा के नियम

  • मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए श्रद्धालुओं को प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर पूजा स्थल पर संकल्प ले. उसके बाद विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
  • मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध से बनी चीजों का भोग जरूर लगाए. मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए. इससे मां अति प्रसन्न होती हैं.
  • मां के पूजन के समय श्रद्धालुओं को सुनहरे या पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. इससे माता भक्तों पर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देती हैं.
  • मां की पूजा के इस मंत्र- पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। का जाप अवश्य करना करना चाहिए.
  • मां को खुश करने के लिए सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करना चाहिए.
  • मां की पूजा के बाद कन्याओं को दूध में बनी खीर खिलाएं. इससे मां अति प्रसन्न होती है.

शारदीय नवरात्रि की तिथियां

7 अक्टूबर 2021गुरुवारप्रतिपदा घटस्थापनामां शैलपुत्री पूजा
8 अक्टूबर 2021शुक्रवारद्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा
9 अक्टूबर 2021शनिवारतृतीय, चतुर्थीमां चंद्रघंटा पूजा, मां कुष्मांडा पूजा
10 अक्टूबर 2021रविवारपंचमीमां स्कंदमाता पूजा
11 अक्टूबर 2021सोमवारषष्ठीमां कात्यायनी पूजा
12 अक्टूबर 2021मंगलवारसप्तमीमां कालरात्रि पूजा
13 अक्टूबर 2021बुधवारअष्टमीमां महागौरी दुर्गा पूजा
14 अक्टूबर 2021गुरुवारमहानवमीमां सिद्धिदात्री पूजा
15 अक्टूबर 2021शुक्रवारविजयादशमीविजयदशमी, दशहरा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.