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पटना: छठ पूजा को लेकर बाल शनिधाम में की गई विशेष पूजा, भक्तों का लगा तांता

भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया है. यहां अकवन के पत्ते और फूल सहित विशेष प्रकार से इनकी पूजा अर्चना की गई. वहीं गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई.

बाल शनिधाम में की गई विशेष पूजा
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Published : Nov 2, 2019, 8:49 AM IST

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज शाम छठव्रती भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगी. बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट स्थित बाल शनिधाम में भी छठ को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. आज शनिवार होने के कारण लोग शनि भगवान की पूजा कर अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

बाल शनिधाम में महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई. वहीं मंदिर के आसपास स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री और फल फूल के दुकान भी लगाए गए हैं. भीड़ के मद्देनजर बाल शनिधाम प्रशासन की ओर से प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई है.

जानकारी देते भक्त

भक्तों की लगी कतार
भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया है. यहां अकवन के पत्ते और फूल सहित विशेष प्रकार से इनकी पूजा अर्चना की गई. वहीं गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. मंदिर के पुजारी नागा बाबा ने बताया कि प्रतिदिन कम से कम 5 से 6 हजार लोग दर्शन करते हैं. लेकिन आज छठ पूजा के साथ-साथ शनिवार होने के कारण भक्तों की तादाद बढ़ रही है.

patna
बाल शनिधाम मंदिर

शनि देवता की बाल रूप में होती है पूजा
पुजारी ने बताया कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था. साल 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. सिर्फ उनकी छाया दिखती है.

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज शाम छठव्रती भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगी. बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट स्थित बाल शनिधाम में भी छठ को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. आज शनिवार होने के कारण लोग शनि भगवान की पूजा कर अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

बाल शनिधाम में महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई. वहीं मंदिर के आसपास स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री और फल फूल के दुकान भी लगाए गए हैं. भीड़ के मद्देनजर बाल शनिधाम प्रशासन की ओर से प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई है.

जानकारी देते भक्त

भक्तों की लगी कतार
भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया है. यहां अकवन के पत्ते और फूल सहित विशेष प्रकार से इनकी पूजा अर्चना की गई. वहीं गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. मंदिर के पुजारी नागा बाबा ने बताया कि प्रतिदिन कम से कम 5 से 6 हजार लोग दर्शन करते हैं. लेकिन आज छठ पूजा के साथ-साथ शनिवार होने के कारण भक्तों की तादाद बढ़ रही है.

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बाल शनिधाम मंदिर

शनि देवता की बाल रूप में होती है पूजा
पुजारी ने बताया कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था. साल 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. सिर्फ उनकी छाया दिखती है.

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Body:बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में आज छठ पूजा के पहले अध्य और शनिवार होने को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आज शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई। शनिवार बाल धाम में को काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है। महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल के दुकान लगाए गए। वही बाल शनिधाम प्रशासन द्वारा शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई। वह आज गजब का संयोग बना है छठ पूजा का पहला अर्ध र्और शनिवार एक साथ पड़ा है जिसको लेकर लोग शनि भगवान की पूजा कर अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं।

गजब का संयोग बना है आज पहली अर्ध और शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई।आज भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल सहित विशेष प्रकार से आज पूजा की गई। वह गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई। वही संस्थापक नागा बाबा ने बताया कि यहां अधिक से अधिक 22000 से 25000 लोग दर्शन करते हैं और कम से कम 5 से 6000 लोग दर्शन करते हैं। छठ पूजा में शनिवार होने के कारण आज अधिक से अधिक लोग दर्शन करेंगे।वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह दूर-दूर से लोग आकर दर्शन करते हैं जबकि शाम को तो मेला के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वही लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं।

सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था। 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई। जहां शनि भगवान के बाल रूप का पूजा किया जाता है। यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है। नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है।वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया। नागा का बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता है। भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं।उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं।

बाइक- धर्मेंद्र पांडे (शिवभक्त)


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