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पटना: भूख-प्यास से परेशान मजदूर पैदल ही निकल पड़े झारखंड, बोले- खाने के लिए अब नहीं बचे पैसे

लॉकडाउन के कारण पटना से झारखंड के लिए 11 मजदूर पैदल ही निकल गए. इन मजदूरों का कहना है कि इनके पास खाने-पीने के लिए पैसे तक नहीं हैं.

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Published : Apr 23, 2020, 11:51 AM IST

पटना: कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन है. इसका सबसे ज्यादा असर उन मजदूरों पर पड़ा है, जो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपने गांवों से बड़े शहरों की ओर गए थे. लेकिन, लॉकडाउन के कारण इन मजदूरों के लिए खुद और परिवार का खर्च निकाल पाना मुश्किल हो गया. ऐसे में ये मजदूर और गरीब अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं.

राजधानी पटना में झारखंड के सैंकड़ों मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों का काम बंद हो गया. इस कारण मजदूरों के सामने रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई. इसके बाद ये लोग पटना के विभिन्न क्षेत्रों से गढ़वा जिले के लिए पैदल ही निकल पड़े.

मजदूर
भूख-प्यास से परेशान होकर पैदल घर निकल पड़े मजदूर

'खाने के लिए पैसा नहीं'
दुल्हिन बाजार में एक मजदूर ने बताया कि वे लगभग 20 सालों से पटना में रहकर होटल में काम करते हैं. साथ ही घर-परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण होटल बंद हो गया. उन्होंने कहा कि हम लोगों को काम से हटा दिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पहले का जो पैसा बचा हुआ था. उस पैसा से किसी तरह कल तक खाना-पीना हो पाया है. अब तो खाने के लिए भी पैसे पास में नहीं हैं.

पेश है रिपोर्ट.

'सरकार से नहीं मिला सहयोग'
मजदूरों ने बताया कि हम लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा और सरकार से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है, तो हम सभी लोगों ने आपस में बात कर यही निर्णय लिया है कि अपने गांव गढ़वा लौट चलें. उन्होंने बताया कि आज सुबह पटना से चले हैं और किसी तरह घर पहुंचना है.

वहीं, दुल्हिन बाजार प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी से मीडिया ने कार्यालय में जाकर जब इन मजदूरों के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष को फोन कर इन लोगों के बारे में बता दिया गया है, पुलिस मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था करेगी.

पटना: कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन है. इसका सबसे ज्यादा असर उन मजदूरों पर पड़ा है, जो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपने गांवों से बड़े शहरों की ओर गए थे. लेकिन, लॉकडाउन के कारण इन मजदूरों के लिए खुद और परिवार का खर्च निकाल पाना मुश्किल हो गया. ऐसे में ये मजदूर और गरीब अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं.

राजधानी पटना में झारखंड के सैंकड़ों मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों का काम बंद हो गया. इस कारण मजदूरों के सामने रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई. इसके बाद ये लोग पटना के विभिन्न क्षेत्रों से गढ़वा जिले के लिए पैदल ही निकल पड़े.

मजदूर
भूख-प्यास से परेशान होकर पैदल घर निकल पड़े मजदूर

'खाने के लिए पैसा नहीं'
दुल्हिन बाजार में एक मजदूर ने बताया कि वे लगभग 20 सालों से पटना में रहकर होटल में काम करते हैं. साथ ही घर-परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण होटल बंद हो गया. उन्होंने कहा कि हम लोगों को काम से हटा दिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पहले का जो पैसा बचा हुआ था. उस पैसा से किसी तरह कल तक खाना-पीना हो पाया है. अब तो खाने के लिए भी पैसे पास में नहीं हैं.

पेश है रिपोर्ट.

'सरकार से नहीं मिला सहयोग'
मजदूरों ने बताया कि हम लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा और सरकार से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है, तो हम सभी लोगों ने आपस में बात कर यही निर्णय लिया है कि अपने गांव गढ़वा लौट चलें. उन्होंने बताया कि आज सुबह पटना से चले हैं और किसी तरह घर पहुंचना है.

वहीं, दुल्हिन बाजार प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी से मीडिया ने कार्यालय में जाकर जब इन मजदूरों के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष को फोन कर इन लोगों के बारे में बता दिया गया है, पुलिस मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था करेगी.

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