पटना: अररिया दुष्कर्म मामले में कई महिला संगठनों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है. महिला संगठनों ने पत्र में दुष्कर्म कांड में पुलिस आरोपियों को पकड़ने की बजाय पीड़िता और उसकी मदद करने वाले दो लोगों को जेल में बंद करने की बात से चीफ जस्टिस को अवगत कराया है. महिला संगठनों ने पत्र में लिखा कि यह काफी निंदनीय है.
समाजसेवी निवेदिता झा ने मामले में पुलिस के रवैए पर चिंता जताई है. इस घटना के विरोध में देशभर के करीब 300 से अधिक वकीलों ने पत्र लिखकर विरोध जताते हुए उच्च न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही काफी निंदनीय है.
शुक्रवार को होगी सुनवाई
वकीलों के विरोध के बाद पटना हाई कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था. इस मामले में गुरुवार को सुनावाई भी होनी थी. लेकिन किसी कारणवश सुनवाई टल गई. अब इसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी है. निवेदिता झा ने बताया कि अगर आरोपियों की जगह पीड़िता को और उसकी मदद करने वाले लोगों को जेल में डाला जाएगा. तब आगे से कभी भी ऐसी किसी भी घटना में लोग पीड़ित की मदद करने आगे नहीं आएंगे.
पुलिस ने गाइडलाइंस का नहीं किया पालन
निवेदिता झा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस ने किसी भी सरकारी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है. पीड़िता का नाम तक उजागर कर दिया गया. इसलिए हम उच्च न्यायालय से मांग करते हैं कि आरोपियों को सजा मिले. साथ ही पीड़िता और उनके दो सहयोगियों को तुरंत रिहा किया जाए. उन्होंने बताया कि हमें भारत की संवैधानिक न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. उम्मीद है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा.