पटना: पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत ( Vat Savitri Vrat) आज जिले में धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह व्रत महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के कामना के लिए करती है. इस पर्व को लेकर व्रती महिलाएं ने वटवृक्ष के पास पहुंचकर विधि विधान से पूजा-अर्चना की.
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सावित्री छीन लाई थी यमराज से अपने पति के प्राण
मान्याताओं की के अनुसार, ये व्रत देवी सावित्रि ने पति के दिर्घायु होने के लिए किया था. वट सावित्रि की कथा में इसका वर्णन है कि जब यमराज सत्यवान के प्राण लेकर जा रहे थे, सावित्रि उनके पीछे चली गई और यमराज के मना करने पर भी नहीं मानी, तो यमराज से उसे एक वर मांगने को कहा. जिसमें सवित्रि ने यमराज से कुछ ऐसे वरदान मांगे, जिसके बाद यमराज उसके पति को अपने साथ नहीं ले जा सके. जिसके बाद से ही महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं.
सुहागन महिलाओं के लिए प्रमुख व्रत है वट सावित्री
महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा और लंबी आयु को लेकर व्रत रखती हैं. वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. इस व्रत में बरगद वृक्ष के चारो और घूम कर महिलाएं रक्षा सूत्र बांधकर पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगल कामना करती हैं. वट सावित्री व्रत करने से पति दीर्घायु और परिवार में सुख शांति आती हैं. पुराणों के अनुसार, वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. इसलिए यह पूजा बरगद के पेड़ के नीचे की जाती है.