पटना: महिला आयोग की टीम शुक्रवार को गुलजारबाग महिला रिमांड होम पहुंची. टीम ने नाबालिग पीड़िता से मुलाकात की और नवजात बच्चे का भी हालचाल जाना. उन्होंने बताया कि शिशु की तबीयत बिल्कुल ठीक है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आरोपी किसी भी हाल में बक्शे नहीं जाएंगे.
महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा कि पुलिस अभिरक्षा में रहने के बावजूद प्रेमी ने प्रशासन को पैसे का लालच देकर अपनी प्रेमिका से ट्रेन में मिला और शारीरिक संबंध बनाये. ये पुलिस प्रसाशन के लिए बहुत शर्म की बात है. महिला आयोग ने इसे गम्भीरता से लिया है. उस ट्रेन में जो भी सुरक्षाकर्मी हैं, उनपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी, ताकि महिला के सम्मान के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हो.
नाबालिग को मिलेगा न्याय
दिलमणि मिश्रा ने कहा कि पीड़िता का कहना है कि वो अपनी मर्जी से प्रेमी से मिली. लेकिन पुलिस प्रशासन के रख रखाव में ऐसा होना उन पर सवाल खड़े करता है. मामले में जो भी दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जायेगी. नाबालिग युवती को हर संभव न्याय और हक मिलेगा, ताकि वो समाज में इज्जत से जी सके.
पुलिसकर्मी को पैसे का प्रलोभन देकर बनाया संबंध
बता दें कि आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्तिथ राजकीय महिला सुधार गृह यानी गुलजारबाग महिला रिमांड होम में बंद 3 जुलाई को एक नाबालिग मां बन गई. इसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि सात जनवरी को उसे रक्षा गृह से पुलिस अभिरक्षा में बेतिया कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था. इसी दौरान उसके प्रेमी ने पुलिसकर्मियों को पैसे का प्रलोभन देकर नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाये.
3 जुलाई को नाबालिग ने बच्ची को दिया जन्म
इसका खुलासा तब हुआ जब नाबालिग लड़की के प्रेग्नेंट होने की बात सामने आई. 2 जुलाई की रात उसकी तबीयत बिगड़ी. महिला रिमांड होम गुलजारबाग की अधीक्षक ने उसे इलाज के लिये नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. 3 जुलाई को नाबालिग ने सात महीने के एक नवजात शिशु को जन्म दिया. इस घटना से पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.