पटना: पटना से सटे मसौढ़ी के महादलित टोला में बाल विवाह और बाल मजदूरी की समस्याएं आम हो चुकी है. महादलित टोले में सबसे ज्यादा बाल विवाह किए जाते हैं और बाल मजदूरी भी होती है. ऐसे में समाजिक संकल्प के साथ लोग एकजुट होकर शपथ ले रहे हैं. अब बाल विवाह और बाल मजदूरी से वो तौबा करेंगे. वहीं गांव की सभी महिलाओं ने अपने बच्चों को पढ़ाने और जीवन में कुछ करने के काबिल बनाने का मन बना लिया है.
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मसौढ़ी में नहीं होगी कम उम्र में शादी: कम उम्र में बच्चों की हो रही शादी को लेकर भी महिलाएं सामने आई हैं. तुलसीचक महादलित बस्ती की महिलाओं ने संकल्प लिया है कि वो अपने बच्चों को काबिल बनाएंगी ताकि वो खुद के पैरों पर खड़े हो सके और वो बच्चों की कम उम्र में शादी नहीं करेंगी.
"हमारे गांव में छोटे-छोटे बच्चे मजदूरी करने के लिए बाहर जाते रहे हैं लेकिन अब वह नहीं जाएंगे. वो अब इसी गांव में पढ़ेंगे काबिल बनेंगे तब वह बाहर जाएगा."-रुक्मिणी देवी, तुलसीचक, महादलित टोला
महिलाओं ने बनाई एक कमेटी: तुलसीचक महादलित बस्ती में महिलाओं ने एक कमेटी बनाई है और उस कमेटी में तकरीबन 100 लोग को जोड़ा गया है. सभी ने यह निर्णय लिया है और शपथ ले रही हैं कि जितने भी महादलित बस्ती है वहां बाल विवाह को रोकेंगे और बाल मजदूरी भी नहीं करने देंगे. तुलसीचक गांव की संगीता कुमारी, रुक्मिणी देवी, यशोदा देवी, सरस्वती देवी, रीता कुमारी आदि ने संकल्प लिया है.
"बाल विवाह का सामाजिक दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है. ऐसे में हमारे गांव में अब यहां बाल विवाह नहीं होगी. हम सभी ने यह संकल्प लिया है."-यशोदा देवी
तुलसीचक, महादलित टोला