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बिहार विधानसभा में आधी आबादी का पहुंचना अभी भी आसान नहीं - 258 women MLAs in 60 years

विधानसभा चुनाव में 243 सीटों में से 160 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट किया. इसके बावजूद महिला विधायकों की संख्या 2015 के मुकाबले 28 से घटकर 26 रह गई. ऐसे में पहली बार बिहार को महिला उपमुख्यमंत्री मिली है. इससे पहले राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. महिलाओं की उपस्थिति आज भी उतनी नहीं है, जबकि वोट देने में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं.

पटना
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Published : Mar 8, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 7:11 PM IST

पटना: नीतीश कुमार के शासन में बिहार में महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण दिया गया है. इसके कारण त्रिस्तरीय पंचायत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. इसका असर भी दिख रहा है. बावजूद इसके विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत ज्यादा नहीं है.

ये भी पढ़ें- पटना: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सफाई कर्मियों ने की आर्थिक सम्मान देने की मांग

विधानसभा में 11% महिला विधायक
2015 के चुनाव में महिला विधायकों का प्रतिशत 12 था. लेकिन 2020 में महिला विधायकों का प्रतिशत घटकर 11 रह गया. महिलाओं ने 2020 के चुनाव में लगभग 60% वोट किया, जो पुरुषों के 54 फीसदी के मुकाबले अधिक था. 38 जिलों में से 23 जिलों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी अधिक रही. 2015 में भी महिलाओं का वोट प्रतिशत 60% के आसपास था.

प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक
प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक

60 सालों में 258 महिलाएं बनीं विधायक
पिछले 60 सालों में बिहार में सिर्फ 258 महिलाएं ही विधायक बन पाई हैं. 2010 में सबसे अधिक महिला विधायक बनी थी. 1969 में तीन और 2005 में 4 महिला विधायकों की संख्या सबसे कम रही. वहीं, 1972 में एक भी महिला विधायक नहीं जीत पाई थी.

रेखा देवी, आरजेडी विधायक
रेखा देवी, आरजेडी विधायक

2015 में 28 महिलाएं बनीं विधायक
2015 में 28 महिला विधायकों ने जीत हासिल की. जिसमें आरजेडी से 10, जदयू से 9, कांग्रेस से 4, बीजेपी से 4 और 1 निर्दलीय विधायक रहीं. 28 महिला विधायकों में से 25 ने पुरुष उम्मीदवारों को हराया था.

अरुणा देवी, बीजेपी विधायक
अरुणा देवी, बीजेपी विधायक

2020 में 26 महिलाओं ने जीत की दर्ज
2020 के चुनाव में 26 महिला उम्मीदवारों को ही जीत मिली. जो 2015 के मुकाबले भी दो कम हैं. बीजेपी ने 13 महिलाओं को टिकट दिया था. जिसमें से 9 महिला उम्मीदवार चुनाव जीती हैं. जदयू ने 22 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन 6 उम्मीदवार ही जीत पाई. आरजेडी ने 16 महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें से 7 चुनाव जीत पाई हैं. कांग्रेस ने 7 सीटों पर महिला प्रत्याशी को उतारा था, जिनमें से दो जीत पाई हैं. हम और वीआईपी से एक-एक महिला उम्मीदवार भी इस बार चुनाव जीती हैं.

ये भी पढ़ें- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवसः जज्बे को सलाम, वर्षों से स्लम बस्ती में शिक्षा का अलख जगा रही कांति

2015 और 2020 में महिला विधायक

दल 2015 2020
बीजेपी 4 9
जदयू 9 6
राजद 10 7
कांग्रेस 4 2
हम - 1
वीआईपी - 1

बिहार विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या

वर्ष महिला विधायक
1969 03
1972 00
2005 04
2010 34
2015 28
2020 26

सदन में 50% आरक्षण की मांग
बिहार में महिला विधायकों की संख्या कम है और महिला विधायकों की ओर से संख्या बढ़े इसके लिए आवाज भी उठाई जाती रही है. कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी का कहना है कि 50% आरक्षण विधानसभा और लोकसभा में होना चाहिए. जिससे आधी आबादी की अधिक संख्या सदन में भी दिखे. बीजेपी की अरुणा देवी का भी कहना है कि बिहार में नीतीश कुमार ने पंचायतों में 50% आरक्षण दिया है, लेकिन अब विधानसभा में भी आरक्षण मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पटना: महिला दिवस पर विधानसभा में उठा मुद्दा, पुरूष दिवस पर भी होनी चाहिए चर्चा

सदन में पुरुष विधायकों का दबदबा
विधानसभा में 33% आरक्षण की मांग लंबे समय से होती रही है और इसको लेकर सभी दल की महिलाओं ने आवाज भी बुलंद की है. कई बार एकजुटता दिखाते हुए दलों की सीमा भी तोड़ी है. लेकिन इसके बावजूद आज तक दलों के बीच महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाए, इसकी सहमति नहीं बन पाई है. इसका असर महिला विधायकों की संख्या पर पड़ा है. विधानसभा में केवल 11% महिला विधायक हैं. ऐसे में साफ दिख रहा है कि पुरुष विधायकों का दबदबा सदन में अभी भी है और कहीं से महिलाएं चुनौती देते नहीं दिख रही हैं.

पटना: नीतीश कुमार के शासन में बिहार में महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण दिया गया है. इसके कारण त्रिस्तरीय पंचायत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. इसका असर भी दिख रहा है. बावजूद इसके विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत ज्यादा नहीं है.

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विधानसभा में 11% महिला विधायक
2015 के चुनाव में महिला विधायकों का प्रतिशत 12 था. लेकिन 2020 में महिला विधायकों का प्रतिशत घटकर 11 रह गया. महिलाओं ने 2020 के चुनाव में लगभग 60% वोट किया, जो पुरुषों के 54 फीसदी के मुकाबले अधिक था. 38 जिलों में से 23 जिलों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी अधिक रही. 2015 में भी महिलाओं का वोट प्रतिशत 60% के आसपास था.

प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक
प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक

60 सालों में 258 महिलाएं बनीं विधायक
पिछले 60 सालों में बिहार में सिर्फ 258 महिलाएं ही विधायक बन पाई हैं. 2010 में सबसे अधिक महिला विधायक बनी थी. 1969 में तीन और 2005 में 4 महिला विधायकों की संख्या सबसे कम रही. वहीं, 1972 में एक भी महिला विधायक नहीं जीत पाई थी.

रेखा देवी, आरजेडी विधायक
रेखा देवी, आरजेडी विधायक

2015 में 28 महिलाएं बनीं विधायक
2015 में 28 महिला विधायकों ने जीत हासिल की. जिसमें आरजेडी से 10, जदयू से 9, कांग्रेस से 4, बीजेपी से 4 और 1 निर्दलीय विधायक रहीं. 28 महिला विधायकों में से 25 ने पुरुष उम्मीदवारों को हराया था.

अरुणा देवी, बीजेपी विधायक
अरुणा देवी, बीजेपी विधायक

2020 में 26 महिलाओं ने जीत की दर्ज
2020 के चुनाव में 26 महिला उम्मीदवारों को ही जीत मिली. जो 2015 के मुकाबले भी दो कम हैं. बीजेपी ने 13 महिलाओं को टिकट दिया था. जिसमें से 9 महिला उम्मीदवार चुनाव जीती हैं. जदयू ने 22 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन 6 उम्मीदवार ही जीत पाई. आरजेडी ने 16 महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें से 7 चुनाव जीत पाई हैं. कांग्रेस ने 7 सीटों पर महिला प्रत्याशी को उतारा था, जिनमें से दो जीत पाई हैं. हम और वीआईपी से एक-एक महिला उम्मीदवार भी इस बार चुनाव जीती हैं.

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2015 और 2020 में महिला विधायक

दल 2015 2020
बीजेपी 4 9
जदयू 9 6
राजद 10 7
कांग्रेस 4 2
हम - 1
वीआईपी - 1

बिहार विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या

वर्ष महिला विधायक
1969 03
1972 00
2005 04
2010 34
2015 28
2020 26

सदन में 50% आरक्षण की मांग
बिहार में महिला विधायकों की संख्या कम है और महिला विधायकों की ओर से संख्या बढ़े इसके लिए आवाज भी उठाई जाती रही है. कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी का कहना है कि 50% आरक्षण विधानसभा और लोकसभा में होना चाहिए. जिससे आधी आबादी की अधिक संख्या सदन में भी दिखे. बीजेपी की अरुणा देवी का भी कहना है कि बिहार में नीतीश कुमार ने पंचायतों में 50% आरक्षण दिया है, लेकिन अब विधानसभा में भी आरक्षण मिलना चाहिए.

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सदन में पुरुष विधायकों का दबदबा
विधानसभा में 33% आरक्षण की मांग लंबे समय से होती रही है और इसको लेकर सभी दल की महिलाओं ने आवाज भी बुलंद की है. कई बार एकजुटता दिखाते हुए दलों की सीमा भी तोड़ी है. लेकिन इसके बावजूद आज तक दलों के बीच महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाए, इसकी सहमति नहीं बन पाई है. इसका असर महिला विधायकों की संख्या पर पड़ा है. विधानसभा में केवल 11% महिला विधायक हैं. ऐसे में साफ दिख रहा है कि पुरुष विधायकों का दबदबा सदन में अभी भी है और कहीं से महिलाएं चुनौती देते नहीं दिख रही हैं.

Last Updated : Mar 8, 2021, 7:11 PM IST
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