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आकाशीय बिजली गिरने के दौरान ऐसे बचाएं अपनी जान, इन बातों का रखें ध्यान

बारिश के मौसम मे हम सबने आसमान में बिजली चमकते हुए कभी न कभी जरूर देखा होगा. कुछ लोगों को ये दृश्य अच्छा लगता है, और कुछ लोग इससे काफी डर भी जाते है. आइये जानते है क्यों होती है आकाशीय बिजली.

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Published : May 28, 2021, 6:14 PM IST

पटना: आसमान से बिजली गिरते आप सभी ने देखा होगा. ये कुछ सेकेंड्स में खत्म हो जाती हैं. बिहार में हर साल आकाश से गिरने वाली बिजली ( Lightning Strike in Bihar ) सैकड़ों लोगों की जान लेती है. लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है.

मौसम विभाग ( Meteorological Department ) ने बिहार के पटना, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर जिले के कुछ भागों में अगले 3-4 घंटे के दौरान मेघगर्जन, वज्रपात या ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने और हवा चलने की संभावना है. मौसम विभाग ने लोगों को अपने घरों के अंदर सुरक्षित रहने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने बिजली चमकने और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने पर लोगों से पक्के घरों में रहने की अपील की है.

इसे भी पढ़ें: Yaas Cyclone: बिहार में अगले 3 से 4 घंटे भारी, वज्रपात और ओला गिरने की संभावना

बिहार में ठनका से हर साल कई मौतें
आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है. लेकिन लोग बारिश के दौरान पेड़ के नीचे छुप जाते हैं. जिससे आकाशीय बिजली के चपेट में वे आ जाते हैं. आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है. इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं.

वज्रपात
वज्रपात

इसे भी पढ़ें: Yaas Cyclone In Bihar: एक क्लिक में जानें बिहार में यास चक्रवात पर पूरी जानकारी

इससे बचने के क्या है उपाय :
अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है.यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. आइये जानते है कि बिजली गिरने पर किन बातों का रखें ध्यान:

  • अगर बादल गरज रहे हों, तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है.
  • पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर आदि से दूर हट जाएं.
  • नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं. यानी अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर उकड़ू होकर बैठ जाएं.
  • एक से ज्यादा लोग हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें.
  • छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें.
  • छतरी या सरिया जैसी कोई चीज हैं तो अपने से दूर रखें.
  • पुआल आदि के ढेर से दूर रहें, उसमें आग लग सकती है
  • अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो तुरंत डॉक्टर की मदद मांगे.
  • किसी पर बिजली गिरी है तो उनकी नब्ज जांचे और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो दें.

क्या होती है आकाशीय बिजली
कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं. अंग्रेजी में इसे लाइटनिंग कहते हैं. आकाश में बादलों के बीच तब टक्कर होती है, यानि घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान हमें तेज़ कड़क आवाज़ सुनाई देती है और बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं. आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों की इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं. लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से बचाव संभव है.

ये भी पढ़ें: बिहार में यास तूफान का असर: कई जिलों में झमाझम बारिश, अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन

आसमान मे बिजली कैसे बनती है ?
इन बादलों के अंदर गर्म हवा के कण ऊपर बढ़ना चाहते हैं और इस दौरान ठंडी हवाओं के क्रिस्टल से वे टकराते हैं और इससे बिजली की चमक पैदा होती है. बादलों के बीच होने वाली टकराहट इतनी जोरदार होती है कि इससे पैदा होने वाली बिजली सूर्य की सतह से तीन गुना गर्म होती है. इस दौरान तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी उत्पन्न होती है. तेज आवाज और बिजली की चमक के साथ तेज बारिश भी होती है.

पटना: आसमान से बिजली गिरते आप सभी ने देखा होगा. ये कुछ सेकेंड्स में खत्म हो जाती हैं. बिहार में हर साल आकाश से गिरने वाली बिजली ( Lightning Strike in Bihar ) सैकड़ों लोगों की जान लेती है. लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है.

मौसम विभाग ( Meteorological Department ) ने बिहार के पटना, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर जिले के कुछ भागों में अगले 3-4 घंटे के दौरान मेघगर्जन, वज्रपात या ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने और हवा चलने की संभावना है. मौसम विभाग ने लोगों को अपने घरों के अंदर सुरक्षित रहने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने बिजली चमकने और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने पर लोगों से पक्के घरों में रहने की अपील की है.

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बिहार में ठनका से हर साल कई मौतें
आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है. लेकिन लोग बारिश के दौरान पेड़ के नीचे छुप जाते हैं. जिससे आकाशीय बिजली के चपेट में वे आ जाते हैं. आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है. इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं.

वज्रपात
वज्रपात

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इससे बचने के क्या है उपाय :
अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है.यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. आइये जानते है कि बिजली गिरने पर किन बातों का रखें ध्यान:

  • अगर बादल गरज रहे हों, तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है.
  • पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर आदि से दूर हट जाएं.
  • नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं. यानी अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर उकड़ू होकर बैठ जाएं.
  • एक से ज्यादा लोग हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें.
  • छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें.
  • छतरी या सरिया जैसी कोई चीज हैं तो अपने से दूर रखें.
  • पुआल आदि के ढेर से दूर रहें, उसमें आग लग सकती है
  • अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो तुरंत डॉक्टर की मदद मांगे.
  • किसी पर बिजली गिरी है तो उनकी नब्ज जांचे और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो दें.

क्या होती है आकाशीय बिजली
कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं. अंग्रेजी में इसे लाइटनिंग कहते हैं. आकाश में बादलों के बीच तब टक्कर होती है, यानि घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान हमें तेज़ कड़क आवाज़ सुनाई देती है और बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं. आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों की इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं. लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से बचाव संभव है.

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आसमान मे बिजली कैसे बनती है ?
इन बादलों के अंदर गर्म हवा के कण ऊपर बढ़ना चाहते हैं और इस दौरान ठंडी हवाओं के क्रिस्टल से वे टकराते हैं और इससे बिजली की चमक पैदा होती है. बादलों के बीच होने वाली टकराहट इतनी जोरदार होती है कि इससे पैदा होने वाली बिजली सूर्य की सतह से तीन गुना गर्म होती है. इस दौरान तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी उत्पन्न होती है. तेज आवाज और बिजली की चमक के साथ तेज बारिश भी होती है.

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