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'तारापुर और कुशेश्वरस्थान जीतने से RJD की सरकार बनेगी', तेजस्वी के दावे की हकीकत समझिए

आरजेडी (RJD) का दावा है कि अगर तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) सीट पर जीत हासिल हुई है तो सरकार तेजस्वी यादव की अगुवाई में बन जाएगी. वहीं, बीजेपी (BJP) का कहना है कि यह एक ऐसा सपना है, जो कभी पूरा नहीं होगा.

तेजस्वी
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Published : Oct 21, 2021, 6:36 PM IST

पटना: बिहार में विधानसभा की 2 सीटों पर उप चुनाव (By-elections) हो रहे हैं. चुनाव प्रचार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लगातार यह दावा कर रहे हैं कि अगर आरजेडी (RJD) तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) सीट जीत लेता है तो सूबे में उनकी सरकार बन जाएगी. आखिर उनके के पीछे की सच्चाई क्या है. महज दो सीटों पर जीत से भला कैसे वे विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा छू पाएंगे. ये अपने आप में बड़ा सवाल है.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी का बड़ा बयान, बोले- उपचुनाव में दोनों सीट जीत गए तो बिहार में 'खेला' हो जाएगा

इस बारे में राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में भविष्य में खेला होना तय है. उनका कहना है कि बिहार के लोग चोर दरवाजे से बनी सरकार से खासा निराश और नाराज भी हैं. उन्होंने कहा कि बस हमें यह 2 सीटें जीतने दीजिए और उसके बाद देखिए कि बिहार की सियासत में किस तरह का बदलाव आता है.

देखें रिपोर्ट

उधर, एनडीए नेता आरजेडी के दावे पर कटाक्ष कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि लोगों से झूठे वादे करना और गलत बयानी करना विपक्ष की पुरानी आदत रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि यह दोनों सीटें एनडीए की है. इस बार भी इन दोनों सीटों पर एनडीए की ही जीत होगी. उन्होंने कहा कि दरअसल तेजस्वी यादव अपने गठबंधन और अपने परिवार में ही सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. वह सोच रहे हैं कि अगर यह दोनों सीटें जीत गए तो तेजप्रताप से आगे निकल जाएंगे और पार्टी का नेतृत्व भी उनके हाथ में होगा. प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: 'भाषागत जालसाजी के माहिर विशेषज्ञ बनना चाहते हैं तेजस्वी यादव': नीरज कुमार

वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों पर गौर करें तो महागठबंधन और एनडीए के विधायकों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. यही वजह है कि विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि अगर 2 सीटें उनकी झोली में आ गई तो भविष्य में बिहार की सियासत में बड़ा खेला हो सकता है.

बिहार विधानसभा की दलगत स्थिति की बात करें तो महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के 75, कांग्रेस के 19 और वामदल के 16 विधायक हैं. जबकि एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के 74, जेडीयू के 43, हम के 4, वीआईपी के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. वहीं, एआईएमआईएम के विधायकों की संख्या 5 है. इस तरह से महागठबंधन के पास कुल 110 विधायक हैं. ऐसे में अगर आरजेडी दोनों सीट जीत भी लेता है, तभी भी सरकार नहीं बन सकती है. ऐसे में तेजस्वी को लगता है कि वह एनडीए खेमे में 'खेला' कर, अपनी सरकार बना सकते हैं.

पटना: बिहार में विधानसभा की 2 सीटों पर उप चुनाव (By-elections) हो रहे हैं. चुनाव प्रचार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लगातार यह दावा कर रहे हैं कि अगर आरजेडी (RJD) तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) सीट जीत लेता है तो सूबे में उनकी सरकार बन जाएगी. आखिर उनके के पीछे की सच्चाई क्या है. महज दो सीटों पर जीत से भला कैसे वे विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा छू पाएंगे. ये अपने आप में बड़ा सवाल है.

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इस बारे में राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में भविष्य में खेला होना तय है. उनका कहना है कि बिहार के लोग चोर दरवाजे से बनी सरकार से खासा निराश और नाराज भी हैं. उन्होंने कहा कि बस हमें यह 2 सीटें जीतने दीजिए और उसके बाद देखिए कि बिहार की सियासत में किस तरह का बदलाव आता है.

देखें रिपोर्ट

उधर, एनडीए नेता आरजेडी के दावे पर कटाक्ष कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि लोगों से झूठे वादे करना और गलत बयानी करना विपक्ष की पुरानी आदत रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि यह दोनों सीटें एनडीए की है. इस बार भी इन दोनों सीटों पर एनडीए की ही जीत होगी. उन्होंने कहा कि दरअसल तेजस्वी यादव अपने गठबंधन और अपने परिवार में ही सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. वह सोच रहे हैं कि अगर यह दोनों सीटें जीत गए तो तेजप्रताप से आगे निकल जाएंगे और पार्टी का नेतृत्व भी उनके हाथ में होगा. प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा.

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वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों पर गौर करें तो महागठबंधन और एनडीए के विधायकों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. यही वजह है कि विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि अगर 2 सीटें उनकी झोली में आ गई तो भविष्य में बिहार की सियासत में बड़ा खेला हो सकता है.

बिहार विधानसभा की दलगत स्थिति की बात करें तो महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के 75, कांग्रेस के 19 और वामदल के 16 विधायक हैं. जबकि एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के 74, जेडीयू के 43, हम के 4, वीआईपी के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. वहीं, एआईएमआईएम के विधायकों की संख्या 5 है. इस तरह से महागठबंधन के पास कुल 110 विधायक हैं. ऐसे में अगर आरजेडी दोनों सीट जीत भी लेता है, तभी भी सरकार नहीं बन सकती है. ऐसे में तेजस्वी को लगता है कि वह एनडीए खेमे में 'खेला' कर, अपनी सरकार बना सकते हैं.

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