पटनाः मौसम विभाग केंद्र पटना (Bihar Meteorological Department) ने शुक्रवार को येलो अलर्ट जारी किया है. बिहार के 11 जिलों के लिए अलर्ट जारी है. क्या आपको पता है मौसम विभाग ब्लू अलर्ट, येलो अलर्ट, ओरेंज अलर्ट, रेड अलर्ट, ग्रीन अलर्ट जारी करता है. इसका क्या मतलब होता है. ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? हम बताते हैं. ये सभी रंग चेतावनी के लेवल को बताता है. कम खतरे वाली चेतावनी से लेकर सबसे अधिक खतरे वाली चेतावनी को रंगों के माध्यम से बताया जाता है.
यह भी पढ़ें- सावधान..! मौसम विभाग का अलर्ट, बिहार के इन 11 जिलों में वज्रपात और ओलावृष्टि की चेतावनी
पटना में पिछले 24 घंटे में 36.2 एमएम बारिश हुई है. इसलिए फिलहाल विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने 11 जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert in Bihar) जारी किया है. राजधानी पटना समेत सभी जिलों में बादल छाए हुए हैं. बिहार के कई जिलों में आसमान से आफत गिरी है. मोतिहारी में वज्रपात से मां बेटी की मौत (Lightning killed two in Motihari) हो गई. वहीं नालंदा में एक घर पर ठनका गिरा (House collapsed due to thunderstorm in Nalanda) है, जिसमें कई लोग घायल हो गए है. इसी के साथ की जिलों में गुरुवार रात से लगातार बारिश हो रही है. आइये जानते है इन अलर्ट्स का क्या मतलब होता है.
ब्लू अलर्ट (Blue Alert) : जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert) : भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) : चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert) : जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert) : कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
आपको बता दें कि ब्लू अलर्ट और येलो अलर्ट का सिग्नल क्या होता है? जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है. उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट (Blue Alert) जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है. वहीं, मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है. यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है.
यह भी पढ़ें- मोतिहारी में वज्रपात से दो की मौत, कई जिलों के लिए अलर्ट जारी
बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
ये भी पढ़ें- बिहार में अभी ठंड से राहत नहीं, पटना समेत कई जिलों में बारिश के आसार
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP