पटना : बीपीएससी 69 वीं प्रीलिम्स परीक्षा शनिवार को प्रदेश के 488 परीक्षा केंद्रों पर समाप्त हो गई है. बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र भी अब सार्वजनिक हो चुका है. शिक्षा जगत में सभी परीक्षा के कट ऑफ को लेकर अलग-अलग प्रयास लग रहे हैं. इसी बीच प्रदेश के प्रख्यात शिक्षा विद गुरु रहमान ने कहा है कि प्रश्न पत्र देखकर लगता है कि सिविल सर्विसेज के परीक्षा के लिए पूछे गए प्रश्न का स्तर ठीक था. उन्होंने कहा कि उनके अनुसार 69 वीं प्रीलिम्स में इस बार कट ऑफ सामान्य श्रेणी में 90 से 95 की बीच रहने की संभावना है.
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कैसा रहा पेपर का स्टैंडर्ड? : गुरु रहमान ने कहा की इस बार का प्रश्न पत्र का स्टैंडर्ड बहुत अच्छा था. वह 1994 से बीपीएससी की तैयारी करा रहे हैं. पहली बार इस प्रकार के अच्छे स्टैंडर्ड का क्वेश्चन देखने को मिला है, जहां सतही ज्ञान नहीं बल्कि गहन अध्ययन का महत्व देखने को मिला है. अब तक दरोगा और एसएससी की तैयारी करने वाले भी बीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा क्वालीफाई कर जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
"मैं प्रश्न पत्र को देखकर खुश हुआ. पहली बार ऐसा लगा कि वाकई में ये बीपीएससी के लेवल का प्रश्न पत्र था. ये मॉडरेट टू टफ था. मैं 1994 से तैयारी करवा रहा हूं लेकिन इस लेवल का प्रश्नपत्र अब तक नहीं आया था"- गुरु रहमान, शिक्षाविद्
बीपीएससी के लेवल का आया था पेपर : कल तक यूपीएससी की तैयारी करने वाले आसानी से बीपीएससी का प्रीलिम्स निकाल लेते थे, लेकिन इस बार का क्वेश्चन का स्टैंडर्ड देखने पर लगा कि अब बीपीएससी की तैयारी करने वाले यूपीएससी प्रिलिम्स की परीक्षा क्वालीफाई कर सकते हैं.
NCERT और SCERT से पूछे गए प्रश्न: गुरु रहमान ने बताया कि साइंस में एनसीईआरटी और एससीईआरटी के कक्षा नौवीं से 12वीं तक के किताबों से प्रश्न पूछे गए थे. करंट अफेयर्स पूरी तरह से प्रतियोगिता दर्पण के थे और जिन बच्चों ने एक साल के करंट अफेयर्स पर कमांड किया है उनका परीक्षा अच्छा गया होगा. ज्योग्राफी में एनसीईआरटी के पुस्तक से प्रश्न थे. पॉलिटिक्स में बृज किशोर शर्मा के पुस्तक के सवाल थे.
परीक्षा का लेवल मॉडरेट टू टफ : जहां तक इतिहास की बात है तो इतिहास के कुछ क्वेश्चन हल्के थे लेकिन बाकी सभी प्रश्न इतिहास को गहनता से पढ़ने वालों के लिए थे. इस बार का क्वेश्चन का स्टैंडर्ड सिविल सर्विसेज परीक्षा के स्टैंडर्ड का था और इसे वही सॉल्व कर पाए होंगे जिन्होंने इधर-उधर की किताबों को पढ़ने के बजाय एनसीईआरटी और एससीईआरटी को गहनता से पढ़ा होगा. क्वेश्चन का लेवल मॉडरेट टू टफ था. एक गुरु होने के नाते यूपीएससी और बीपीएससी के प्रश्नों में समानता देखने को पहली बार मिली है.