पटना : बिहार राज्य बार कॉउन्सिल में बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल के पद पर नियुक्त वरीय (Advocate General of Bihar PK Shahi) अधिवक्ता प्रशान्त कुमार शाही का बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा व बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा समेत बार कॉउन्सिल के अन्य सदस्यों द्वारा अभिनंदन व स्वागत किया गया. एडवोकेट जनरल के पद पर शाही की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जायेगी.
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बार कॉउन्सिल अधिवक्ताओं की सर्वोच्च संस्था है: इस मौके पर शाही ने कहा कि बार कॉउन्सिल का सम्मान सभी को करना चाहिए, ख़ास तौर से अधिवक्ताओं को क्योंकि बार कॉउन्सिल अधिवक्ताओं की सर्वोच्च संस्था है. इस मौके पर बीसीआई के अध्यक्ष ने कहा की महाधिवक्ता कॉउन्सिल के पदेन सदस्य होते हैं .उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ताओं की जरूरतों और भावनाओं से शाही पूरी तरह से अवगत हैं
शिक्षा मंत्री रह चुके हैं पीके शाहीः वरीय अधिवक्ता पी के शाही 2005 से 2010 तक भी बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं. उसके बाद बिहार सरकार में उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद पर कार्य किया. फिर उन्होंने पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी. एडवोकेट जनरल ललित किशोर के पद से इस्तीफा देने के बाद वरीय अधिवक्ता पीके शाही को राज्य सरकार का कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करने के लिए एडवोकेट जनरल के पद नियुक्त किया गया है.
नई सरकार बनने के साथ ही शुरू हो गई थी बदलाव की चर्चाः 21वें महाधिवक्ता के तौर पर ललित किशोर ने जुलाई 2017 में जिम्मेदारी संभाली थी. उन्हें यह पद पांच बार महाधिवक्ता रहे रामबालक महतो के इस्तीफा देने के बाद मिला था. महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि कैबिनेट के अलावा अन्य जगहों में भी बदलाव होगा. इसमें महाधिवक्ता पद की जिम्मेवारी भी नए व्यक्ति को देने की चर्चा हो रही थी.