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नेपाल में लगातार बारिश के बाद उफान पर कई नदियां, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

पड़ोसी देश नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते बिहार में कई नदियां उफनाई हुई हैं. वहीं, मौसम विभाग ने आज भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने की संभावना जताई है. साथ ही कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

WEATHER UPDATE OF BIHAR
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Published : Sep 3, 2021, 7:07 PM IST

पटना: बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) की सक्रियता बनी हुई है. मौसमी प्रभावों के कारण कई जिलों में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों में प्रदेश के स्थानों में बारिश और वज्रपात की संभावना है. मौसम विभाग केंद्र पटना (Meteorological Department) ने आज बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है.

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बीते कई दिनों से पड़ोसी देश नेपाल के अधिकांश स्थानों में बारिश दर्ज की जा रही है. नेपाल में पोखरा में 280 एमएम और भैरवा में 50 एमएम तक बारिश हुई है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले के लिए अलर्ट जारी किया है.

आपदा विभाग ने इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात की संभावना जताई है. अलर्ट किए गए जिलों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है. इन जिलों के कुछ भागों में करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की चेतावनी जारी की है. बता दें कि 3 से 5 सितंबर तक के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

मॉनसून की ट्रफ रेखा डेहरी से होकर गुजरी है. इसके साथ ही पूर्वी और आसपास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है. जिसके कारण राज्य के कई हिस्सों में बादल छाये रहेंगे. वहीं, बिहार में एक बार फिर से अधिकांश नदियां उफान पर है. बारिश के कारण गंगा, पुनपुन, घाघरा, महानंदा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कमला बलान समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers Above Danger Mark) बह रही है. पटना के गंगा घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और जलस्तर में अभी भी वृद्धि के संकेत हैं.

बिहार के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से दैनिक प्रतिवेदन के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भागलपुर, सारण, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा के 86 प्रखंडों के अंतर्गत 525 पंचायत आंशिक अथवा पूर्ण रूप से प्रभावित हैं. इन जिलों के कई शहर पर गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा है. इन जिलों के दियारा इलाकों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. वहीं निचले इलाकों में भी गंगा का पानी पिछले कई दिनों से है.

बिगड़ते मौसम के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने को कहा है. लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप खुले में हैं तो जल्द पक्के मकान में शरण लें, साथ ही बारिश के दौरान पेड़ और बिजली के खंभे से दूर रहने को कहा है.

मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में संदेश होता है कि कोई खतरा नहीं है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है. ऑरेंज अलर्ट में बारिश व आंधी की पूरी संभावनाएं होती हैं. इस अलर्ट के बाद लोगों को सावधान होना चाहिए और इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए. रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसे मौसम में इधर-उधर नहीं निकलना चाहिए. इस अलर्ट का अर्थ है, मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भारी बारिश होने की अधिक संभावना होती है.

यह भी पढ़ें - शयनकक्ष में सो रहे थे पुजारी, तभी मंदिर के गुम्बद की दीवार को चीरते हुए आयी मौत

पटना: बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) की सक्रियता बनी हुई है. मौसमी प्रभावों के कारण कई जिलों में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों में प्रदेश के स्थानों में बारिश और वज्रपात की संभावना है. मौसम विभाग केंद्र पटना (Meteorological Department) ने आज बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है.

यह भी पढ़ें - न खाना बा... न पानी बा... न लकड़ी... जान बचा के बांध पर बस गईनी

बीते कई दिनों से पड़ोसी देश नेपाल के अधिकांश स्थानों में बारिश दर्ज की जा रही है. नेपाल में पोखरा में 280 एमएम और भैरवा में 50 एमएम तक बारिश हुई है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले के लिए अलर्ट जारी किया है.

आपदा विभाग ने इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात की संभावना जताई है. अलर्ट किए गए जिलों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है. इन जिलों के कुछ भागों में करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की चेतावनी जारी की है. बता दें कि 3 से 5 सितंबर तक के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

मॉनसून की ट्रफ रेखा डेहरी से होकर गुजरी है. इसके साथ ही पूर्वी और आसपास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है. जिसके कारण राज्य के कई हिस्सों में बादल छाये रहेंगे. वहीं, बिहार में एक बार फिर से अधिकांश नदियां उफान पर है. बारिश के कारण गंगा, पुनपुन, घाघरा, महानंदा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कमला बलान समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers Above Danger Mark) बह रही है. पटना के गंगा घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और जलस्तर में अभी भी वृद्धि के संकेत हैं.

बिहार के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से दैनिक प्रतिवेदन के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भागलपुर, सारण, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा के 86 प्रखंडों के अंतर्गत 525 पंचायत आंशिक अथवा पूर्ण रूप से प्रभावित हैं. इन जिलों के कई शहर पर गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा है. इन जिलों के दियारा इलाकों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. वहीं निचले इलाकों में भी गंगा का पानी पिछले कई दिनों से है.

बिगड़ते मौसम के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने को कहा है. लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप खुले में हैं तो जल्द पक्के मकान में शरण लें, साथ ही बारिश के दौरान पेड़ और बिजली के खंभे से दूर रहने को कहा है.

मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में संदेश होता है कि कोई खतरा नहीं है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है. ऑरेंज अलर्ट में बारिश व आंधी की पूरी संभावनाएं होती हैं. इस अलर्ट के बाद लोगों को सावधान होना चाहिए और इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए. रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसे मौसम में इधर-उधर नहीं निकलना चाहिए. इस अलर्ट का अर्थ है, मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भारी बारिश होने की अधिक संभावना होती है.

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