पटनाः मौसम विज्ञान केन्द्र (Meteorological Centre) ने बिहार के मुजफ्फपुर, कैमूर, रोहतास, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, औरंगाबाद और गया जिले के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. मौसम विभाग (Weather Department) के मुताबिक, इन जिलों के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात होने की संभावना जताई है.
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बिहार में हो रही लगातार बारिश से गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं, कई जिलों में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आज भी कई जिलों में बारिश होने की संभावना है. सूबे के कई इलाकों में आसमानों में काले बादल छाए रहेंगे. वहीं, कई इलाकों में मेघ गर्जन और वज्रपात की भी आशंका जताई है.
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बता दें कि हाल के दिनों में हुई बारिश का तापमान पर भी असर हो रहा है. तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. उमस भरी गर्मी झेल रहे लोगों को मौसम खुशनुमा होने से जहां राहत मिली है. तो वहीं, बारिश से धान की फसलों को काफी लाभ पहुंचा है. लेकिन अभी बिहार में गंगा सहित कई नदियां उफान पर हैं. पटना के दानापुर दियारा के लाखों की आबादी बाढ़ जैसी हालात से जूझ रही हैं. नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण अन्य जिलों के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं.
बिगड़ते मौसम के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने को कहा है. लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप खुले में हैं तो जल्द पक्के मकान में शरण लें, साथ ही बारिश के दौरान पेड़ और बिजली के खंभे से दूर रहने को कहा है.
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ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
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