पटना: जल संसाधन विभाग के अनुसार उत्तर बिहार की कई नदियों का जलस्तर घट और बढ़ रहा है. कई नदियों का जलस्तर तो खतरे के निशान से काफी ऊपर है. अभी गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी, अधवारा समूह की नदियां और बागमती सहित कई नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के लाल निशान से ऊपर है.
28 अगस्त को विभिन्न नदियों के जलस्तर की स्थिति
- गंगा नदी का जलस्तर साहेबगंज में खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर, कहलगांव में 18 सेंटीमीटर, फरक्का में 58 सेंटीमीटर, गांधी घाट में 7 सेंटीमीटर और हाथीदह में 29 सेंटीमीटर ऊपर है.
- पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 73 सेंटीमीटर तक वृद्धि होने की संभावना है.
- घाघरा नदी का जलस्तर दरौली में खतरे के निशान से 22 सेंटीमीटर नीचे है.
- गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर है जबकि रेवा घाट में खतरे के निशान से नीचे है.
- बूढ़ी गंडक का जलस्तर रोसड़ा में खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे है. जबकि खगड़िया में खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है.
- बागमती नदी का जलस्तर ढेंग ब्रिज में खतरे के निशान 20 सेंटीमीटर नीचे है. जबकि रुन्नीसैदपुर में खतरे के निशान से 61 सेंटीमीटर, बेनीबाद में 27 सेंटीमीटर और हायाघाट में 35 सेंटीमीटर ऊपर है.
- अधवारा समूह नदी का जलस्तर कमतौल में खतरे के निशान से नीचे है. वहीं, एकमी घाट में खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर है.
- कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर नीचे है.
- कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 131 सेंटीमीटर और कुर्सेला में 38 सेंटीमीटर ऊपर है.
- महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से नीचे है.
- परमान नदी का जलस्तर अररिया में खतरे के निशान से नीचे है
गंगा का जलस्तर
जगह का नाम | खतरे का निशान | वर्तमान स्थिति |
बक्सर | 60.32 | 57.61 |
दीघाघाट | 50.45 | 49.82 |
गांधी घाट | 48.60 | 48.67 |
हाथीदह | 41.76 | 42.05 |
मुंगेर | 39.33 | 38.56 |
भागलपुर | 33.68 | 33.28 |
कहलगांव | 31.09 | 31.27 |
साहेबगंज | 27.25 | 28.22 |
फरक्का | 22.25 | 22.83 |
(सभी मीटर में)
जल संसाधन विभाग के अनुसार उत्तर बिहार की कई नदियों का जलस्तर घट रहा है. गंगा नदी का जलस्तर पटना के गांधी घाट में खतरे के निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं, पटना के अन्य गंगा घाटों में भी जल स्तर में कुछ स्थानों पर कमी होने तो कुछ स्थानों पर वृद्धि होने के संकेत हैं.