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इस बार पटना को स्वच्छता सर्वेक्षण में मिलेंगे बेहतर रैंक! पार्षदों में 'क्लीन वार्ड ग्रीन वार्ड' के लिए चल रही प्रतिस्पर्धा

स्वच्छता सर्वेक्षण (Cleanliness Survey In Patna) में बेहतर अंक लाने के लिए पटना नगर निगम कई योजनाएं चला रहा है. लेकिन शहरों की रैकिंग में पटना हर साल पिछड़ जाता है. ऐसे में निगम के पार्षद इस बार अच्छे अंक के लिए जी-जान से जुट गए हैं. वार्ड पार्षदों में अपने इलाके को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा चल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में स्वच्छता सर्वेक्षण
पटना में स्वच्छता सर्वेक्षण
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Published : Apr 4, 2022, 4:02 PM IST

पटनाः राजधानी पटना को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक दिलाने के लिए पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के पार्षद जी-जान से जुट गए हैं. वार्ड पार्षद पटना (Ward Councilors Active For Good Rank In Cleanliness Survey) को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ आपस में क्लीन वार्ड ग्रीन वार्ड के लिए भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. इनका प्रयास है कि उनका वार्ड सबसे क्लीन होने के साथ-साथ सबसे ग्रीन हो. दरअसल पिछली बार पटना तीन स्थान की छलांग लगाते हुए 44 वें नंबर पर रहा था और इस बार कोशिश है कि यह रैंक और सुधरे और पटना टॉप टेन में शामिल हो. इसके लिए मेयर सीता साहू की अगुवाई में सभी पार्षद खूब मेहनत कर रहे हैं और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः स्मार्ट सिटी की दौड़ में पिछड़ा पटना, विपक्ष ने कहा- केंद्र सरकार की योजनाएं सिर्फ 'आई वाश'

स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना को बेहतरीन रैंक दिलाने के लिए पटना नगर निगम द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. इस सर्वेक्षण में पटनावासी अधिक से अधिक भाग लें, इसके लिए निगम के तरफ से कई प्रकार के कैंपेनिंग की जा रही है. वार्ड पार्षद भी अपने तरफ से कैंपेनिंग में लगे हुए हैं. निगम के तरफ से शिक्षण संस्थानों में और कॉलोनी में स्वच्छता मतदान कराया जा रहा है. लोगों से फीडबैक भी लिया जा रहा है कि किस प्रकार पटना अधिक से अधिक स्वच्छ बन सकता है और स्वच्छता में अच्छा स्थान प्राप्त कर सकता है.

नाले की साफ-सफाई का निरीक्षणः इसी कड़ी में पटना के वार्ड नंबर 44 की पार्षद माला सिन्हा ने अपने वार्ड को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए हैं. उनका कहना है कि वह चाहती हैं कि पटना स्वच्छता में अच्छे अंक इस बार प्राप्त करें. उनका वार्ड सबसे क्लीन और सबसे ग्रीन वार्ड के रूप में दर्ज किया जाए, इसके लिए वो अपनी निजी फंड से पेड़-पौधे लगवा रही हैं. वो लगातार अपने वार्ड में नाले की साफ-सफाई का निरीक्षण भी कर रही हैं जिन जगहों पर पेड़ पौधे लगाने का स्कोप बन रहा है वहां वह वृक्षारोपण करा रही हैं, ताकि उनका वार्ड क्षेत्र हरा भरा रहे और लोगों को उनके वार्ड में प्रदूषण का सामना कम से कम करना पड़े.

'वार्ड में जिन जगहों पर लोग खुले में कूड़ा फेंकते थे, वहां पर अच्छे तरीके से साफ सफाई कराकर डस्टबिन की व्यवस्था कराई गई है और लोगों से अपील की जा रही है कि कचरे को डस्टबिन में ही डालें. इसके अलावा वहां आसपास एरिया में बांस से घेरकर पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं. ताकि लोग पर्यावरण के प्रति भी सचेत हो और वहां गंदगी ना फैलाएं. 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में पिछली बार पटना तीन स्थान की छलांग लगाते हुए 44 वें नंबर पर रहा था और इस बार प्रयास है कि यह रैंक और सुधरे और पटना टॉप टेन में शामिल हो'- माला सिन्हा, वार्ड पार्षद


ये भी पढ़ेंः पटना को स्मार्ट बनाने के लिए अब स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग बढ़ाएंगे TOILETS, तैयारी में जुटा नगर निगम

मेयर की अगुवाई में चल रही बैठकेंः वार्ड पार्षद माला सिन्हा ने कहा कि पटना इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर रैंक प्राप्त करें इसको लेकर लगातार मेयर सीता साहू की अगुवाई में बैठकें चल रही हैं. विभिन्न वार्डों का दौरा किया जा रहा है और जहां कुछ कमी नजर आ रही है उस पर अधिकारियों से तुरंत वार्ता की जा रही है और उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. स्वच्छता के लिए नाले की साफ-सफाई भी बेहद जरूरी है और इसको लेकर नाले उड़ाही का काम भी काफी तेज गति से चल रहा है ताकि बरसात पूर्व सभी नाला अच्छे तरीके से साफ हो जाए और पटना नगर निगम क्षेत्र में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो ताकि लोगों को गंदगी की मुसीबत का सामना करना पड़े.

स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील: माला सिन्हा ने लोगों से लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील भी कर रही हैं. साथ ही साथ यह भी अपील कर रही है कि कचरा घर से बाहर ना फेंके और कचरा उठाने वाली जब गाड़ी आए तभी कचरे को उसमें डालें. उनका कहना है कि स्वच्छता को लेकर लोगों में जन जागरूकता पहले से काफी बढ़ी है. लेकिन अभी और बढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि लोग जागरूक होंगे तभी पटना स्वच्छ बन पाएगा. अकेले निगम के प्रयास से पटना स्वच्छता में टॉप पर नहीं आ सकता. जन भागीदारी बेहद अहम है.

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पटनाः राजधानी पटना को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक दिलाने के लिए पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के पार्षद जी-जान से जुट गए हैं. वार्ड पार्षद पटना (Ward Councilors Active For Good Rank In Cleanliness Survey) को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ आपस में क्लीन वार्ड ग्रीन वार्ड के लिए भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. इनका प्रयास है कि उनका वार्ड सबसे क्लीन होने के साथ-साथ सबसे ग्रीन हो. दरअसल पिछली बार पटना तीन स्थान की छलांग लगाते हुए 44 वें नंबर पर रहा था और इस बार कोशिश है कि यह रैंक और सुधरे और पटना टॉप टेन में शामिल हो. इसके लिए मेयर सीता साहू की अगुवाई में सभी पार्षद खूब मेहनत कर रहे हैं और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.

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स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना को बेहतरीन रैंक दिलाने के लिए पटना नगर निगम द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. इस सर्वेक्षण में पटनावासी अधिक से अधिक भाग लें, इसके लिए निगम के तरफ से कई प्रकार के कैंपेनिंग की जा रही है. वार्ड पार्षद भी अपने तरफ से कैंपेनिंग में लगे हुए हैं. निगम के तरफ से शिक्षण संस्थानों में और कॉलोनी में स्वच्छता मतदान कराया जा रहा है. लोगों से फीडबैक भी लिया जा रहा है कि किस प्रकार पटना अधिक से अधिक स्वच्छ बन सकता है और स्वच्छता में अच्छा स्थान प्राप्त कर सकता है.

नाले की साफ-सफाई का निरीक्षणः इसी कड़ी में पटना के वार्ड नंबर 44 की पार्षद माला सिन्हा ने अपने वार्ड को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए हैं. उनका कहना है कि वह चाहती हैं कि पटना स्वच्छता में अच्छे अंक इस बार प्राप्त करें. उनका वार्ड सबसे क्लीन और सबसे ग्रीन वार्ड के रूप में दर्ज किया जाए, इसके लिए वो अपनी निजी फंड से पेड़-पौधे लगवा रही हैं. वो लगातार अपने वार्ड में नाले की साफ-सफाई का निरीक्षण भी कर रही हैं जिन जगहों पर पेड़ पौधे लगाने का स्कोप बन रहा है वहां वह वृक्षारोपण करा रही हैं, ताकि उनका वार्ड क्षेत्र हरा भरा रहे और लोगों को उनके वार्ड में प्रदूषण का सामना कम से कम करना पड़े.

'वार्ड में जिन जगहों पर लोग खुले में कूड़ा फेंकते थे, वहां पर अच्छे तरीके से साफ सफाई कराकर डस्टबिन की व्यवस्था कराई गई है और लोगों से अपील की जा रही है कि कचरे को डस्टबिन में ही डालें. इसके अलावा वहां आसपास एरिया में बांस से घेरकर पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं. ताकि लोग पर्यावरण के प्रति भी सचेत हो और वहां गंदगी ना फैलाएं. 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में पिछली बार पटना तीन स्थान की छलांग लगाते हुए 44 वें नंबर पर रहा था और इस बार प्रयास है कि यह रैंक और सुधरे और पटना टॉप टेन में शामिल हो'- माला सिन्हा, वार्ड पार्षद


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मेयर की अगुवाई में चल रही बैठकेंः वार्ड पार्षद माला सिन्हा ने कहा कि पटना इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर रैंक प्राप्त करें इसको लेकर लगातार मेयर सीता साहू की अगुवाई में बैठकें चल रही हैं. विभिन्न वार्डों का दौरा किया जा रहा है और जहां कुछ कमी नजर आ रही है उस पर अधिकारियों से तुरंत वार्ता की जा रही है और उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. स्वच्छता के लिए नाले की साफ-सफाई भी बेहद जरूरी है और इसको लेकर नाले उड़ाही का काम भी काफी तेज गति से चल रहा है ताकि बरसात पूर्व सभी नाला अच्छे तरीके से साफ हो जाए और पटना नगर निगम क्षेत्र में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो ताकि लोगों को गंदगी की मुसीबत का सामना करना पड़े.

स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील: माला सिन्हा ने लोगों से लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील भी कर रही हैं. साथ ही साथ यह भी अपील कर रही है कि कचरा घर से बाहर ना फेंके और कचरा उठाने वाली जब गाड़ी आए तभी कचरे को उसमें डालें. उनका कहना है कि स्वच्छता को लेकर लोगों में जन जागरूकता पहले से काफी बढ़ी है. लेकिन अभी और बढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि लोग जागरूक होंगे तभी पटना स्वच्छ बन पाएगा. अकेले निगम के प्रयास से पटना स्वच्छता में टॉप पर नहीं आ सकता. जन भागीदारी बेहद अहम है.

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