पटना: बिहार में हर चुनाव में मतदान प्रतिशत चाहे जितना भी रहा हो. लेकिन पटना में वोटरों को बूथ तक लाना हमेशा से एक चुनौती रही है. लगभग हर चुनावों में पटना का मतदान प्रतिशत अन्य शहरों की अपेक्षा कम रिकॉर्ड किया गया है. एक बार फिर 19 मई को जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के लिए पटना में वोटिंग परसेंट बढ़ाने का चैलेंज सामने है.
आंकड़ें गवाह हैं कि जब-जब पटना में वोटिंग हुई है. यहां मतदान प्रतिशत अन्य शहरों की अपेक्षा कम दर्ज हुआ है. यहां वोटर्स छुट्टी के दिन भी वोट डालने में आलसी साबित हुए हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें, हर बार यहां भीषण गर्मी के समय ही चुनाव हुए हैं. इस बार मौसम ज्यादा प्रतिकूल है. भीषण लू का वक्त है. ऐसे में आशंका एक बार फिर है क्या वोटर घर से निकलेंगे.
सीट | 2014 का वोटिंग % | 2009 का वोटिंग % |
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पाटलिपुत्र | 56.38% | 41.17% |
पटना साहिब | 45.36% | 33.64% |
इन आंकड़ों से साफ है कि पाटलिपुत्र में तो कुछ हद तक वोटिंग प्रतिशत पिछली बार से ठीक रहा था, लेकिन पटना साहिब में वोटिंग प्रतिशत बहुत उत्साहजनक नहीं रहा है.
प्रशासन की तैयारी
इस बार चुनाव आयोग और जिला प्रशासन का दावा है कि इस बार मतदान को लेकर मतदाताओं में जागरूकता है. प्रशासन ने वोटरों को उत्साहित करने के लिए तमाम कवायद की हैं. भीषण गर्मी में भी मतदाता पोलिंग बूथ पहुंच अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. प्रशासन का दावा है कि इस बार ये आंकड़े बदल जाएंगे.