पटना: बिहार में आज पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) के पांचवें चरण का मतदान (Fifth Phase Polling) हो रहा है. राज्य के 38 जिलों के 58 प्रखंडों में वोट डाले जा रहे हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद है. पांचवें चरण में कुल 93145 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें से 43068 पुरुष और 50070 महिला प्रत्याशी हैं.
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आज जहां-जहां मतदान हो रहे हैं, उनमें अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सिवान, सुपौल और वैशाली शामिल है.
पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के पांचवें फेज में बिहार के 58 प्रखंडों में वोट डाले जा रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 7,810 भवनों में 12,056 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आयोग का निर्देश है कि वे पारदर्शी चुनाव के लिए विधि-व्यवस्था की स्थिति पर पैनी नजर रखें. सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आयोग का निर्देश है कि वे पारदर्शी चुनाव के लिए विधि-व्यवस्था की स्थिति पर पैनी नजर रखें. स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए बूथों पर बिजली आपूर्ति को लेकर आ रही कठिनाइयों को दूर करने और सचेत रहने की चेतावनी दी गई है.
बोगस वोटिंग रोकने के लिए आयोग की ओर से मतदाताओं के बायोमीट्रिक अटेंडेंस, लाइव वेबकास्टिंग के जरिए प्रखंड, जिला और प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग होगी. वहीं, मतदान के बाद चुनाव परिणाम 26 और 27 अक्टूबर को सामने आएगा.
वहीं, पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि पांचवें चरण के 38 जिलों में से 10 जिले नक्सल प्रभावित हैं, ऐसे जिले में शांतिपूर्ण निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव करवाने के लिए सुरक्षा बलों की खासतौर पर मुस्तैदी की गई है. उन्होंने कहा कि अब तक के 4 चरणों में हुए चुनाव के तहत कुछ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान हो चुके हैं. जहां पंचायत चुनाव के दौरान नक्सलियों की गतिविधि नहीं देखने को मिली है. उम्मीद जताई जा रही है कि पंचायत चुनाव के पांचवें चरण में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से मतदान संपन्न होगा.
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पुलिस मुख्यालय के अनुसार पांचवें चरण में लगभग 40000 पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है, जिसमें अर्धसैनिक बल पंचायत चुनाव में नहीं शामिल होने की वजह से पूरी जिम्मेदारी बिहार पुलिस के कंधों पर है. पंचायत चुनाव में इस बार बिहार पुलिस के साथ-साथ बीएमपी के जवान और होमगार्ड के जवान ही पूरी मुस्तैदी से जुटे रहेंगे.
पिछले चार चरणों के चुनाव में महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला है. उम्मीद जताई जा रही है कि पांचवें चरण में भी मतदाता भारी संख्या में भयमुक्त होकर अपने मतों का प्रयोग करेंगे. जिला पुलिस बल की ओर से कुख्यात, असामाजिक और गुंडा तत्व के लोगों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई की गई है. उनसे बांड भी भरवाया गया है, इसके बावजूद भी अगर वह चुनाव में गड़बड़ी करते हुए संलिप्त पाए जाएंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.