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उपचुनाव: कुशेश्वरस्थान और तारापुर में नाक की लड़ाई, राजद-जदयू ने किया जीत का दावा

सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए नाक की लड़ाई बने बिहार के दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव का मतदान संपन्न हो गया. वोटों की गिनती 2 नवंबर को होगी. मतदान संपन्न होने के साथ ही चुनाव में जीत के दावों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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उपचुनाव के लिए मतदान
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Published : Oct 30, 2021, 5:48 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 7:49 PM IST

पटना: सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नाक की लड़ाई बने बिहार के दो विधानसभा सीट (कुशेश्वरस्थान और तारापुर) (Tarapur and Kusheshwarsthan) में शनिवार को मतदान संपन्न हो गया. उपचुनाव (Bihar By Elections) में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कुशेश्वरस्थान का औराही हो या तारापुर का लौना परसा दोनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों के बाहर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें दिखीं.

यह भी पढ़ें- उपचुनाव: सम्राट चौधरी ने कहा- लालू बेअसर, दोनों सीटों पर जीतेगा NDA

दोनों विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में 49.59 फीसदी मतदान हुआ. कुशेश्वरस्थान में 49% और तारापुर में 50.05% मतदान हुआ. वोटों की गिनती 2 नवंबर को होगी. मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.

देश में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं थे. जिन मतदान केंद्रों पर 1200 से अधिक मतदाता थे, उसे दो भागों में बांटा गया था. दोनों विधानसभा क्षेत्रों में 144 महिला मतदान केंद्र बनाया गया था. इसमें 54 मतदान केंद्र ऐसे थे जहां मतदान कर्मी, सुरक्षा कर्मी तथा वोटर सिर्फ महिलाएं ही थीं.

मतदान को लेकर सीआरपीएफ की 25 और बीएमपी की 6 कंपनियों को तैनात किया गया था. शांतिपूर्ण मतदान कार्य संपन्न कराने के लिए कुशेश्वस्थान में 2000 और तारापुर में 2010 लोगों पर कार्रवाई की गई थी. मतदान के दौरान गड़बड़ी की कोशिश के आरोप में दोनों विधानसभा क्षेत्रों से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

एनडीए (NDA) के लिए यह चुनाव महत्‍वपूर्ण है. दोनों सीटों पर जेडीयू मैदान में है. इसलिए उपचुनाव में जीत मिलने से सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का राजनीतिक कद बढ़ना तय है. विधानसभा चुनाव 2020 में दोनों सीट पर जदयू के उम्मीदवार को जीत मिली थी. कुशेश्वरस्थान सीट जदयू विधायक शशिभूषण हजारी और तारापुर सीट जदयू विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के चलते खाली हुई थी.

कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के अमन भूषण हजारी, राजद के गणेश भारती और कांग्रेस के अतिरेक कुमार के बीच मुकाबला हुआ. तारापुर सीट पर जदयू के राजीव कुमार सिंह, राजद के अरुण कुमार साह और कांग्रेस के राजेश मिश्रा के बीच मुकाबला हुआ. मतदान संपन्न होने के साथ ही चुनाव में जीत के दावों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'तारापुर और कुशेश्वरस्थान में राजद बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तमाम मंत्रियों और प्रशासन को गड़बड़ी करने के लिए लगाया, लेकिन लोगों ने राजद प्रत्याशी का समर्थन किया है.'

बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने दावा किया, 'तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवारों की जीत होगी. दोनों सीटों पर विपक्ष को करारी शिकस्त मिलेगी. कहीं, लालू फैक्टर काम नहीं कर रहा है. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) अपनी सभा में जितनी भीड़ इकट्ठा कर लें, लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि वो भीड़ को वोट में तब्दील नहीं करा सकते हैं.'

लालू यादव के 'हनुमान' कहे जाने वाले राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव ने कहा, 'कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में हमारे उम्मीदवार भारी मतों से विजयी हो रहे हैं. यहां की जनता ने राजद के पक्ष में अपना जनादेश दिया है. लगातार हमलोग 16 अक्टूबर से कुशेश्वरस्थान विधानसभा में कैंप कर रहे हैं. यहां के मतदाता परिवर्तन चाहते हैं और आज की जो वोटिंग हुई है उसमें साफ दिखा भी है.'

विधानसभा की दो सीटों पर हुआ यह उपचुनाव कई मामलों में खास है. एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हुई. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव छह साल बाद चुनाव प्रचार करने पहुंचे. चुनाव में एनडीए एकजुट दिखा. जदयू ने अपनी दोनों सीटें बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी. सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतारा गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला.

चुनाव के चलते साढ़े तीन साल बाद पटना आए लालू यादव ने दो ऐसे बयान दिए जिसकी काफी चर्चा हुई. उन्होंने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विसर्जन की बात कही. इसके जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि वह मुझे गोली मरवा दें.

चुनाव में तेजस्वी यादव ने रोजगार, विकास और अपराध के मुद्दे को उठाया. वहीं, नीतीश कुमार और एनडीए के नेताओं ने सरकार के काम गिनाये और लालू राज में हुए अपराध की याद ताजा कराई. कुशेश्वरस्थान सीट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस महागठबंधन से अलग हो गई और दोनों सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा. दो सीटों पर हुए इस उपचुनाव से सरकार बनाने या गिराने का प्रत्यक्ष फैसला भले न हो, लेकिन नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, कन्हैया कुमार और तेजप्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी मायने रखता है.

यह भी पढ़ें- बिहार उपचुनाव: पटना में सभी पार्टी दफ्तरों पर पसरा सन्नाटा, एक प्रवक्ता तक मौजूद नहीं

पटना: सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नाक की लड़ाई बने बिहार के दो विधानसभा सीट (कुशेश्वरस्थान और तारापुर) (Tarapur and Kusheshwarsthan) में शनिवार को मतदान संपन्न हो गया. उपचुनाव (Bihar By Elections) में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कुशेश्वरस्थान का औराही हो या तारापुर का लौना परसा दोनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों के बाहर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें दिखीं.

यह भी पढ़ें- उपचुनाव: सम्राट चौधरी ने कहा- लालू बेअसर, दोनों सीटों पर जीतेगा NDA

दोनों विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में 49.59 फीसदी मतदान हुआ. कुशेश्वरस्थान में 49% और तारापुर में 50.05% मतदान हुआ. वोटों की गिनती 2 नवंबर को होगी. मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.

देश में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं थे. जिन मतदान केंद्रों पर 1200 से अधिक मतदाता थे, उसे दो भागों में बांटा गया था. दोनों विधानसभा क्षेत्रों में 144 महिला मतदान केंद्र बनाया गया था. इसमें 54 मतदान केंद्र ऐसे थे जहां मतदान कर्मी, सुरक्षा कर्मी तथा वोटर सिर्फ महिलाएं ही थीं.

मतदान को लेकर सीआरपीएफ की 25 और बीएमपी की 6 कंपनियों को तैनात किया गया था. शांतिपूर्ण मतदान कार्य संपन्न कराने के लिए कुशेश्वस्थान में 2000 और तारापुर में 2010 लोगों पर कार्रवाई की गई थी. मतदान के दौरान गड़बड़ी की कोशिश के आरोप में दोनों विधानसभा क्षेत्रों से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

एनडीए (NDA) के लिए यह चुनाव महत्‍वपूर्ण है. दोनों सीटों पर जेडीयू मैदान में है. इसलिए उपचुनाव में जीत मिलने से सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का राजनीतिक कद बढ़ना तय है. विधानसभा चुनाव 2020 में दोनों सीट पर जदयू के उम्मीदवार को जीत मिली थी. कुशेश्वरस्थान सीट जदयू विधायक शशिभूषण हजारी और तारापुर सीट जदयू विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के चलते खाली हुई थी.

कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के अमन भूषण हजारी, राजद के गणेश भारती और कांग्रेस के अतिरेक कुमार के बीच मुकाबला हुआ. तारापुर सीट पर जदयू के राजीव कुमार सिंह, राजद के अरुण कुमार साह और कांग्रेस के राजेश मिश्रा के बीच मुकाबला हुआ. मतदान संपन्न होने के साथ ही चुनाव में जीत के दावों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'तारापुर और कुशेश्वरस्थान में राजद बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तमाम मंत्रियों और प्रशासन को गड़बड़ी करने के लिए लगाया, लेकिन लोगों ने राजद प्रत्याशी का समर्थन किया है.'

बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने दावा किया, 'तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवारों की जीत होगी. दोनों सीटों पर विपक्ष को करारी शिकस्त मिलेगी. कहीं, लालू फैक्टर काम नहीं कर रहा है. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) अपनी सभा में जितनी भीड़ इकट्ठा कर लें, लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि वो भीड़ को वोट में तब्दील नहीं करा सकते हैं.'

लालू यादव के 'हनुमान' कहे जाने वाले राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव ने कहा, 'कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में हमारे उम्मीदवार भारी मतों से विजयी हो रहे हैं. यहां की जनता ने राजद के पक्ष में अपना जनादेश दिया है. लगातार हमलोग 16 अक्टूबर से कुशेश्वरस्थान विधानसभा में कैंप कर रहे हैं. यहां के मतदाता परिवर्तन चाहते हैं और आज की जो वोटिंग हुई है उसमें साफ दिखा भी है.'

विधानसभा की दो सीटों पर हुआ यह उपचुनाव कई मामलों में खास है. एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हुई. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव छह साल बाद चुनाव प्रचार करने पहुंचे. चुनाव में एनडीए एकजुट दिखा. जदयू ने अपनी दोनों सीटें बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी. सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतारा गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला.

चुनाव के चलते साढ़े तीन साल बाद पटना आए लालू यादव ने दो ऐसे बयान दिए जिसकी काफी चर्चा हुई. उन्होंने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विसर्जन की बात कही. इसके जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि वह मुझे गोली मरवा दें.

चुनाव में तेजस्वी यादव ने रोजगार, विकास और अपराध के मुद्दे को उठाया. वहीं, नीतीश कुमार और एनडीए के नेताओं ने सरकार के काम गिनाये और लालू राज में हुए अपराध की याद ताजा कराई. कुशेश्वरस्थान सीट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस महागठबंधन से अलग हो गई और दोनों सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा. दो सीटों पर हुए इस उपचुनाव से सरकार बनाने या गिराने का प्रत्यक्ष फैसला भले न हो, लेकिन नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, कन्हैया कुमार और तेजप्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी मायने रखता है.

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Last Updated : Oct 30, 2021, 7:49 PM IST
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