पटना: राजधानी पटना में इन दिनों वायरल फ्लू (Viral Flu) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिससे संक्रमित बच्चों के क्रिटिकल कंडीशन (Critical Condition) के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. बिहार के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक पीएमसीएच (PMCH) में प्रतिदिन डेढ़ सौ से लेकर दो सौ वायरल फ्लू से संक्रमित बच्चे लाये जा रहे हैं. जिससे पीएमसीएच के शिशु वार्ड में सभी बेड पूरी तरह फूल हो गए हैं. इसके साथ ही नीकू और पीकू के भी सभी बेड फुल हैं.
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पीएमसीएच के शिशु वार्ड में एडमिट बच्चों में 65 से 70 फीसदी बच्चे वायरल फ्लू से संक्रमित बताये जा रहे हैं. वहीं, बच्चों के बीमार होने पर डॉक्टरों ने गार्जियन को सावधानी बरतने और समय से डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी है. प्रतिदिन सैकड़ों बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराने से फ्लू के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है.
अस्पतालों के शिशु विभाग में बेड फुल होने पर चिंता जाहिर करते हुए पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि आने वाले 2 महीने बच्चों के लिए काफी गंभीर हैं. ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है. वायरल फ्लू के भी मामले बढ़ रहे हैं और कोरोना का भी खतरा है. इस बार वायरल फ्लू में सीवियरिटी के मामले बढ़े हैं. ऐसे में वायरल फ्लू से भी बचाव का वही उपाय है, जो कोरोना का है. जिसमें हैंड हाइजीन मेंटेन रखना, चेहरे पर मास्क का प्रयोग करना और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना.
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उन्होंने कहा कि घर में अगर कोई संक्रमित होता है, तो उसे आइसोलेट करें और बच्चे को अनावश्यक भीड़-भाड़ वाली जगह पर न ले जाएं. बच्चे अगर ओपन ग्राउंड में खेलते हैं, तो यह ठीक है. मगर पार्टी फंक्शन के दौरान किसी छोटे स्थान पर बच्चों को न ले जाएं. ऐसे स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं हो पाएगी और अगर कोई संक्रमित होगा तो बच्चों को उससे फ्लू का खतरा बढ़ सकता है. इस बार फ्लू जितना खतरनाक नजर आ रहा है. उसको देखते हुए अभिभावकों को सावधानी बरतनी चाहिए.
वहीं, पीएमसीएच में बढ़ रहे वायरल फ्लू और इलाज के संबंध में जब ईटीवी भारत के संवादादाता जानकारी लेना चाहे तो शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल और स्वास्थ्य प्रबंधक पुनीता जायसवाल से ने जानकारी देने से इनकार कर दिया. इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक भी नदारद रहे.