पटना: चमकी बुखार के प्रकोप ने लोगों को डरा कर रख दिया है. जिले में एनएमसीएच अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को भर्ती कराया गया. बच्चों के भर्ती होने से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. चमकी बुखार के नाम से लोग इतना घबराये हुए हैं कि साधारण बुखार भी अब उन्हें चमकी बुखार ही लग रहा है. वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
पैथोलॉजी विभाग सुस्त
अस्पताल में भर्ती बच्चे अधिकांश दिमागी बुखार से पीड़ित हैं. डॉक्टर ईलाज के दौरान जांच सेंपल भी भेजते हैं. लेकिन जांच में चमकी बुखार है या नहीं, इसकी पुष्टी करने में काफी परेशानी हो रही है. सूबे में चमकी बुखार की जांच की मशीन एक-दो जगह पर मौजूद है. लिहाजा, मरीजों की संख्या बढ़ने से पैथोलॉजी विभाग में रिजल्ट देने में सुस्त पड़ रहा है.
बाहर से खरीद रहे दवा
परिजनों ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल के बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि यहां बुनियादी सुविधा नदारद है. जिस कारण बच्चों को इलाज में देरी हो रही है. मरीज के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में इक्का-दुक्का दवा छोड़ सारी महंगी दवाई बाहर से लेनी पड़ रही है. अस्पताल में सिर्फ सस्ती दवा मिलती है. जिससे गरीबों तबके के लोग खर्च सहन नहीं कर पा रहेल हैं.
चमकी से निबटने के लिए अस्पताल दुरुस्त
एनएमसीएच के शिशु विभाग के डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि यहां मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है. चमकी बुखार से निबटने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है. चमकी बुखार से निबटने के लिए अस्पतालों की स्थिति दुरुस्त कर दी गई है. साथ ही वार्ड में दस अधिक बेड लगा दिए गए है. जिससे बच्चों को दिक्कत नहीं हो. वहीं, जितने बच्चे भर्ती है, उनमें से कुछ का सफल इलाज हो चुका है. बच्चों को नार्मल स्थिति में कर घर वापस भेजा जा रहा है.