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दहशत: वायरल बुखार में भी लोगों को 'चमकी' का डर, अस्पताल में नहीं है इंतजाम

अस्पताल में भर्ती बच्चे अधिकांश दिमागी बुखार से पीड़ित हैं. डॉक्टर ईलाज के दौरान जांच सेंपल भी भेजते हैं. लेकिन जांच में चमकी बुखार है या नहीं, इसकी पुष्टी करने में काफी परेशानी हो रही है.

पीड़ित बच्चे
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Published : Jun 18, 2019, 12:15 AM IST

पटना: चमकी बुखार के प्रकोप ने लोगों को डरा कर रख दिया है. जिले में एनएमसीएच अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को भर्ती कराया गया. बच्चों के भर्ती होने से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. चमकी बुखार के नाम से लोग इतना घबराये हुए हैं कि साधारण बुखार भी अब उन्हें चमकी बुखार ही लग रहा है. वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

पैथोलॉजी विभाग सुस्त
अस्पताल में भर्ती बच्चे अधिकांश दिमागी बुखार से पीड़ित हैं. डॉक्टर ईलाज के दौरान जांच सेंपल भी भेजते हैं. लेकिन जांच में चमकी बुखार है या नहीं, इसकी पुष्टी करने में काफी परेशानी हो रही है. सूबे में चमकी बुखार की जांच की मशीन एक-दो जगह पर मौजूद है. लिहाजा, मरीजों की संख्या बढ़ने से पैथोलॉजी विभाग में रिजल्ट देने में सुस्त पड़ रहा है.

वायरल बुखार भी लोगों के लिए बना चमकी का डर

बाहर से खरीद रहे दवा
परिजनों ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल के बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि यहां बुनियादी सुविधा नदारद है. जिस कारण बच्चों को इलाज में देरी हो रही है. मरीज के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में इक्का-दुक्का दवा छोड़ सारी महंगी दवाई बाहर से लेनी पड़ रही है. अस्पताल में सिर्फ सस्ती दवा मिलती है. जिससे गरीबों तबके के लोग खर्च सहन नहीं कर पा रहेल हैं.

चमकी से निबटने के लिए अस्पताल दुरुस्त
एनएमसीएच के शिशु विभाग के डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि यहां मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है. चमकी बुखार से निबटने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है. चमकी बुखार से निबटने के लिए अस्पतालों की स्थिति दुरुस्त कर दी गई है. साथ ही वार्ड में दस अधिक बेड लगा दिए गए है. जिससे बच्चों को दिक्कत नहीं हो. वहीं, जितने बच्चे भर्ती है, उनमें से कुछ का सफल इलाज हो चुका है. बच्चों को नार्मल स्थिति में कर घर वापस भेजा जा रहा है.

पटना: चमकी बुखार के प्रकोप ने लोगों को डरा कर रख दिया है. जिले में एनएमसीएच अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को भर्ती कराया गया. बच्चों के भर्ती होने से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. चमकी बुखार के नाम से लोग इतना घबराये हुए हैं कि साधारण बुखार भी अब उन्हें चमकी बुखार ही लग रहा है. वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

पैथोलॉजी विभाग सुस्त
अस्पताल में भर्ती बच्चे अधिकांश दिमागी बुखार से पीड़ित हैं. डॉक्टर ईलाज के दौरान जांच सेंपल भी भेजते हैं. लेकिन जांच में चमकी बुखार है या नहीं, इसकी पुष्टी करने में काफी परेशानी हो रही है. सूबे में चमकी बुखार की जांच की मशीन एक-दो जगह पर मौजूद है. लिहाजा, मरीजों की संख्या बढ़ने से पैथोलॉजी विभाग में रिजल्ट देने में सुस्त पड़ रहा है.

वायरल बुखार भी लोगों के लिए बना चमकी का डर

बाहर से खरीद रहे दवा
परिजनों ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल के बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि यहां बुनियादी सुविधा नदारद है. जिस कारण बच्चों को इलाज में देरी हो रही है. मरीज के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में इक्का-दुक्का दवा छोड़ सारी महंगी दवाई बाहर से लेनी पड़ रही है. अस्पताल में सिर्फ सस्ती दवा मिलती है. जिससे गरीबों तबके के लोग खर्च सहन नहीं कर पा रहेल हैं.

चमकी से निबटने के लिए अस्पताल दुरुस्त
एनएमसीएच के शिशु विभाग के डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि यहां मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है. चमकी बुखार से निबटने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है. चमकी बुखार से निबटने के लिए अस्पतालों की स्थिति दुरुस्त कर दी गई है. साथ ही वार्ड में दस अधिक बेड लगा दिए गए है. जिससे बच्चों को दिक्कत नहीं हो. वहीं, जितने बच्चे भर्ती है, उनमें से कुछ का सफल इलाज हो चुका है. बच्चों को नार्मल स्थिति में कर घर वापस भेजा जा रहा है.

Intro:स्टोरी:-चमकी बुखार का आतंक।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
इम्पोलाइ आईडी नम्बर:-bh10039.
दिनांक:-17-06-019.
एंकर:-पटना सिटी,सुवे के कई जिले में चमकी बुखार के साथ-साथ कई तरह का बुखार का आतंक बरकार है।सुवे के सभी अस्पतालों में चमकी बुखार के मरीज के साथ-साथ बायरल बुखार के मरीजो की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है।चमकी बुखार के नाम से लोग इतना घबरागये है कि साधारण बुखार भी उन्हें चमकी बुखार ही लगती है।अभी जो भी बुखार के मरीज अस्पताल आ रहे है वो सभी मरीज, छोटे छोटे बच्चे के रूप में है अधिकांस बच्चे को दिमागी बुखार है डॉक्टर ईलाज के दौरान जाँच सेंपल भी भेजते हैं लेकिन जांच में चमकी बुखार है या नही इसमें काफी परेशानी होती है सुवे में एक से दो जगह पर जाँच मशीन है इसलिय मरीजो की संख्या दिनोदिन बढ़ने से पैथोलॉजी विभाग में रिजल्ट देने में सुस्त पर रहे है।।
v/o-1सुवे की सरकार और अस्पताल के डॉक्टर दावा करते है कि चमकी बुखार के मरीजो को निशुल्क इलाज यानी सारी वेवस्था अस्पताल की ओर से की जा रही है यानी किसी भी मरीज या उनके परिजनों को कोई परेसानी नही हो रही है।सुवे के सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल नांलदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के विभगाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि चमकी बुखार से निपटने के लिये हम और हमारी टीम मुस्तेद है हमारे यँहा बुखार से ग्रषित दर्जनों बच्चे है लेकिन चमकी बुखार से ग्रषित तीन बच्चे है वो भी नॉर्मल है जो एक से दो दिन में घर जायेंगे दस बेड का वार्ड अलग से शिशु विभाग में बना है और बच्चो का जाँच सैम्पल भेजा गया है।
बाईट(डॉ विनोद कुमार सिंह-विभगाध्यक्ष शिशु विभाग एनएमसीएच)
v/o:-2,बही दूसरी ओर अस्पताल में आये मरीज अस्पताल से मिलने बाली सुविधा को बेबुनियाद बताया और कहा कि अस्पताल से इक्का-दुक्का दवा छोड़ सारी महंगी दवा बाहर से ला रहे है अस्पताल में सस्ती दवा मिल रही है और कीमती सारी दवा बाहर से लाया जा रहा है हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है।एक तरफ सरकार और विभाग का सरकरात्मक और दूसरे तरफ मरीजो और उनके परिजनों का नकरात्मक बाते से स्प्ष्ट होता है कि अस्पताल में जो भी सुविधा मिलती होगी वो अपने आपको पहुँच बाले होंगे आम आदमी को परेसानी अभी भी बरकरार है देखिये ईटीवी की खाश रिपोर्ट चमकी बुखार का कहर।


Body:चमकी बुखार का कहर।


Conclusion:चमकी बुखार का कहर।
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