उत्तरकाशी/पटना: जब शिक्षक अच्छे हो तो उनकी विदाई पर छात्र-छात्राओं को रोना लाजिमी है. ऐसा ही केलशु घाटी के राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में हुआ. जहां 3 सालों से कार्यरत सहायक अध्यापक आशीष डंगवाल की विदाई पर छात्र-छात्राएं अपने आंसू नहीं रोक पाए. डंगवाल एक ऐसे शिक्षक हैं. जिन्होंने अपने कर्मों से पूरे स्कूल और गांव के लोगों की आंखों को नम कर दिया.
सहायक अध्यापक आशीष डंगवाल बुधवार को राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनका ट्रांसफर किसी दूसरे जगह हो गया है. अब उन्हें गांव छोड़ कर जाना पड़ेगा. यह खबर सुनते ही भंकोली गांव के ग्रामीणों और राजकीय इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राएं रोने लगे. सभी आंखों में आंसू आ गए.
क्या कहते हैं सहयोगी शिक्षक
राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली के शिक्षक शम्भू नौटियाल ने बताया कि रुद्रप्रयाग निवासी आशीष डंगवाल एक अच्छे इंसान हैं. उनकी तीन साल पहले राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में सहायक अध्यापक के रूप में तैनाती हुई थी. घर से दूर आशीष ने भंकोली गांव में ही एक कमरा किराए पर लिया. आशीष मिलनसार और व्यवहारिक व्यक्ति हैं. वह गांव के हर घर के सुख-दुख में शामिल होते थे. इसलिए ग्रामीण आशीष के गांव छोड़ के जाने की बात पर दुखी हो गए. जिस कारण डंगवाल की विदाई पर हर ग्रामीण की आंखों में आंसू थे.
गांव की महिलाओं ने की तारीफ
भंकोली गांव की ममता रावत ने बताया कि जब भी गांव में किसी को कोई परेशानी होती थी. शिक्षक आशीष डंगवाल तत्परता के साथ हर एक ग्रामीण के साथ खड़े रहते थे. आशीष गांव के हर घर के सदस्य बन गए थे. कोई भी शिक्षक गांव में ही रहता हो और लोगों के सुख-दुख में शामिल हो यह पुरानी पंरपरा हो गयी है. लेकिन आशीष ने वर्षों पुरानी इस परंपरा को जीवित कर किया. शायद यही कारण था कि ग्रामीण आशीष की विदाई पर रो रहे थे. स्थानीय लोगों ने आशीष को ढोल नगाड़े के साथ विदा किया.