पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान हुआ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुरक्षाकर्मियों और माननीयों के बीच हुई हाथापाई झड़प के बाद यह मामला काफी तूल पकड़ लिया है. पुलिस विधायक पर विधानसभा में हंगामे के बाद नेता प्रतिपक्ष भी जमकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी जंग बरसा रहे हैं.
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वहीं, इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के सचिव राजकुमार सिंह के रिटायर होने पर अध्यक्ष ने विदाई समारोह में भाग लिया. साथ ही पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मारपीट की घटना को लेकर कहा कि जो लोग भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पूरे मामले को लेकर कहा कि इस पूरे मामले को आचार समिति को दे दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
'सदन के अंदर इतिहास स्थापित हुआ है. सदन में गरिमा के अनुकूल जो लोग अच्छे कार्य करते हैं उनको सम्मानित भी किया जाता है. वहीं, विधानसभा की गरिमा को जिनकी ओर से कलंकित किया गया है. उनके ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.'- विजय सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष
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विधानसभा में हुआ था हंगामा
बता दें कि 23 मार्च को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 सदन में पेश किया गया. काफी हंगामे के बीच उसी दिन सदन से विधेयक को पास करा लिया गया. इस दौरान विधानसभा में विधायकों ने जिस तरीके का आचरण किया और उसके बाद जो कार्रवाई हुई उससे बिहार की छवि राष्ट्रीय स्तर पर खराब हुई. अति तो तब हो गई जब बिहार पुलिस के जवानों को सदन में जाने की इजाजत दे दी गई.
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पुलिसकर्मियों ने लांघी थी सीमा
विधानसभा के नियम के मुताबिक सफेद रेखा के पार पुलिसकर्मी नहीं जा सकते हैं और जो लोग जाते हैं उनके लिए सदन से पहले नोटिफिकेशन जारी किया जाता है और उन्हें मार्शल का दर्जा दिया जाता है. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद बिहार पुलिस को विधानसभा परिसर में बुलाया गया. बड़ी संख्या में महिला पुलिस भी शामिल थी और सदन की कार्यवाही शुरू होने के लिए पुलिसकर्मियों को सदन में जाना पड़ा और जबरन विधायकों को बाहर निकाला गया.