पटना: बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसक झड़प के बाद से बिहार की सियासत गरम है. अब विश्व हिन्दू परिषद ने शोभा यात्रा पर हुई पत्थरबाजी और हिंसक झड़प की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने कहा कि उन्हें बिहार पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है. बिहार पुलिस एकतरफा कार्रवाई करके जानबूझकर एक ही पक्ष के लोगों को टार्गेट कर रही है. VHP ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष और NIA द्वारा सही ढंग से जांच हो.
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VHP ने की NIA से जांच की मांग: विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने कहा कि ''सासाराम और बिहारशरीफ में जो घटना हुई है वो प्रशासनिक फेल्योर है. इस घटना में सरकार जान बूझकर हिंदुओं को टार्गेट कर रही है. उन्हें फसाया जा रहा है.'' प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि ''इन दोनों जगहों और अन्य जगहों पर जो ऐसी घटनाएं हुई हैं उसमें पीएफआई का हाथ होता है. रामनवमी के दिन भी जो घटना हुई है वो पीएफआई के द्वारा की गई है. जिसे सरकार बचा रही है और हिंदुओं को फंसाया जा रहा है.''
''हमें सरकार और सरकार के पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं है, बिहार शरीफ और सासाराम हिंसा की जांच एनआईए से कराई जानी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.''- कामेश्वर चौपाल, प्रांतीय अध्यक्ष, वीएचपी
'बिहार में हिंसा के पीछे PFI' : विश्व हिन्दू परिषद के मुताबिक बिहार पुलिस हिन्दुओं पर कार्रवाई कर रही है. सासाराम और बिहारशरीफ में हुई हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का हाथ है इसलिए इसपर केंद्रीय जांच एजेंसी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए. वीएचपी ने ये भी आरोप लगाया कि हिन्दुओं को बिहार पुलिस फंसाने का काम कर रही है. जबकि उनकी शोभायात्रा पर ही पथराव हुआ था.
बिहार पुलिस का एक्शन जारी: आपको बता दें कि बिहार हिंसा मामले पर पुलिस का एक्शन जारी है. एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि उपद्रवियों को विभिन्न माध्यमों से चिह्नित किया जा रहा है. सबूतों के आधर पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है. उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई जारी है. बिहार शरीफ सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बिहार सरकार गंभीर है. आर्थिक अपराध इकाई ने प्राथमिकी जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही है. अभी तक 15 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. 7 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं.